आठ नवंबर को, पंजाब में खेतों में पराली जलाने की 730 घटनाएं सामने आईं, जो सोमवार तक इस मौसम में एक दिन में सबसे ज्यादा थीं। आंकड़ों के अनुसार सोमवार को मुक्तसर जिले में पराली जलाने की 247 घटनाएं दर्ज की गईं, जो राज्य में सबसे अधिक है।
पराली जलाने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। दरअसल केंद्र सरकार अब पराली जलाने वालों से दोगुना जुर्माना वसूलेगी। इसके लिए अलग-अलग जमीनों के हिसाब से जुर्माने की राशि तय की गई है।
अक्टूबर और नवंबर में धान की फसल की कटाई के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए अक्सर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा हमने किसानों से पराली नहीं जलाने का अनुरोध किया है। किसानों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तेज गति से काम करेंगे।
दिल्ली में खासतौर से अक्टूबर और नवंबर में, कटाई के बाद के मौसम के दौरान प्रदूषण का स्तर बढ़ने के लिए अक्सर हरियाणा और पड़ोसी पंजाब में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए आज राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अगले साल एक जनवरी से एक सितंबर के बीच दोनों राज्यों को समयबद्ध योजना बनाने का निर्देश दिया है।
पंजाब में किसान पराली ना जलाएं इसको लेकर सरकार और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन उसके बावजूद भी सोमवार को पराली जलाने के 634 मामले सामने आए। पंजाब पुलिस ने 8 नवंबर से अबतक एक हजार से ज्यादा प्राथमिकियां दर्ज की हैं।
पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाने का मामला कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद पंजाब में शनिवार को पराली जलाने के 637 मामले दर्ज किए गए।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन हरियाणा और पंजाब में पराली जालने के मामले आए दिन देखने को मिल रहा है। हालिया वीडियो हरियाणा के करनाल जिले का है। इस बाबत एक अधिकारी ने कहा कि पिछले साल की तुलना में पराली जलाने के 60 फीसदी कम मामले आए हैं।
दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। इस बीच वायु प्रदूषण को देखते हुए पंजाब में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया था। बावजूद पंजाब में पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच पंजाब सरकार एक्शन मोड में आ गई है।
पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं दो महीने में 30 हजार का आंकड़ा पार कर गई हैं। दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक बढ़ोतरी के पीछे पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को एक प्रमुख कारण माना जाता है।
उत्तर प्रदेश में किसी भी सूरत में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है।
पंजाब में गुरुवार को पराली जलाने के मामले में कमी दर्ज की गई। हालांकि, यहां के किसान अभी भी पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। पटियाला के पास रामगढ़ गांव का वीडियो सामने आया है, जहां खेतों में जलती हुई पराली देखी जा सकती है।
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र प्रदूषण से बेहाल है। हर रोज क्षेत्र का AQI खतरनाक लेवल पर रह रहा है। ऐसे में विकराल होती स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों में सर्दी की छुट्टियों का ऐलान कर दिया है। इस बीच प्रदूषण को लेकर एक जरूरी डेटा सामने आया है।
पंजाब के किसानों का कहना है कि पराली जलाना उनका शौक नहीं है, बल्कि वो ऐसा करने के लिए मजबूर है। पंजाब में पराली को जलने से रोक पाने में सरकार असफल हुई है। एक किसान ने कहा कि सरकार को इसके लिए कुछ करना चाहिए।
पंजाब के बठिंडा जिले में किसानों के एक समूह ने एक सरकारी अधिकारी से जबरन एक खेत में पड़ी पराली जलवाई। ये अफसर आग लगाने से रोकने वाली टीम का हिस्सा था और गांव में किसानों को पराली ना जलाने के लिए रोकने गया था। इस वीडियो को पंजाब सीएम भगवंत मान ने शेयर किया है।
एक तरफ जहां दिल्ली वायु प्रदूषण की चपेट में है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब में पराली जलाने के मामले थम ही नहीं रहे हैं। पिछले तीन दिनों में पराली जलाने के 5140 नए मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं शुक्रवार को 1551 नए मामलों को दर्ज किया गया है।
हरियाणा ने नासा की सैटेलाइट इमेज जारी कर पंजाब सरकार के दावे की पोल खोल दी है। तस्वीरों में पंजाब में हरियाणा से दोगुने से भी ज्यादा पराली जलाने के मामले दिख रहे हैं।
हरियाणा के रोहतक जिले में 3 किसान अपने खेत में पराली जला रहे थे, जिन्हें प्रशासन ने सैटेलाइट के जरिए पकड़ा है। जिला प्रशासन ने इन किसानों पर जुर्माना भी लगाया है।
पराली जलाने के मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पराली को बेचा जाना चाहिए, इसे जलाने का कोई कारण नहीं है।
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