वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सोने और चांदी के कीमती आभूषणों में दस्तकारी करने वाले कारीगरों पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी नहीं लगेगी।
सरकार द्वारा गोल्ड और डायमंड ज्वैलरी पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाने के फैसले के विरोध में देशभर के ज्वैलर्स हड़ताल पर हैं।
कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो संघों ने हड़ताल की धमकी दी है। इनकम टैक्स ऑफिसर रैंक के अधिकारियों की सैलरी निर्धारित समय सीमा के भीतर बढ़ाई जाए।
ज्वैलर्स की जारी बेमियादी हड़ताल के चलते 60,000 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबारी नुकसान होने का अनुमान है। एसोसिएशनों ने कहा की हड़ताल जारी रहेगी।
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स ने केंद्र से गैर-चांदी की ज्वैलरी पर एक फीसदी ड्यूटी लगाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है।
ज्वैलर्स पिछले छह दिनों से हड़ताल पर हैं, जिसके कारण अब तक 10,000 करोड़ का नुकसान हो चुका है। अब हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए जारी रखने का फैसला किया है।
बजट में बुलियन पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाने के विरोध में कारोबारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया गया है।
जिस दिन वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में देश का बजट पेश करेंगे, उसी दिन यानि 29 फरवरी को अधिकांश सरकारी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल करेंगे।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में केन्द्र सरकार के पसीने छूट रहे हैं। वहीं, केन्द्रीय कर्मचारियों ने आयोग की सिफारिशों को नाकाफी बताया है।
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