दुनियाभर के निवेशक पिछले कई सालों से जापान की बेहद कम ब्याज दरों का फायदा उठा रहे हैं। ये फायदा "येन कैरी ट्रेड" नाम की एक रणनीति से उठाया जा रहा था। येन कैरी ट्रेड के तहत निवेशक कम ब्याज दरों पर येन में पैसा उधार लेते हैं और फिर इन पैसों को दूसरे देशों में शेयर या बॉन्ड जैसे हाई रिटर्न वाले ऐसेट्स में इंवेस्ट कर देत
अमेरिकी बाजार सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ही नहीं बल्कि दुनियाभर की अर्थव्यवस्था के लिए बैरोमीटर का काम करता है। अमेरिकी शेयर मार्केट एक्सचेंज- डॉव जोन्स, एसएंडपी 500, नैस्डैक और बॉन्ड यील्ड पर दुनियाभर के निवेशकों की पैनी नजर होती है।
ब्रेनबीज़ सॉल्यूशन्स ने अपने आईपीओ के तहत निवेशकों को 465 रुपये के भाव पर शेयरों का अलॉटमेंट किया था। जबकि मंगलवार को स्टॉक मार्केट में कंपनी के शेयर 40 प्रतिशत के प्रीमियम के साथ 651 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए। यानी लिस्टिंग होते ही निवेशकों को प्रत्येक शेयर पर 186 रुपये का प्रॉफिट हो गया।
कारोबार के आखिर में बीएसई मिडकैप सूचकांक स्थिर रहा, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 0.5 प्रतिशत ऊपर रहा। कारोबार के दौरान रियल्टी में बढ़त और एफएमसीजी-पीएसयू बैंकों में गिरावट देखने को मिला।
ब्रोकरेज का मानना है कि इन सभी 8 शेयरों में 1.239 बिलियन डॉलर का पैसिव इनफ्लो आने की उम्मीद है। डिक्सन टेक्नोलॉजीज के शेयरों में सबसे ज्यादा 192 मिलियन डॉलर का पैसिव इनफ्लो आने की उम्मीद है।
बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान गिरावट दर्ज की गई लेकिन अब मार्केट में रिकवरी देखी जा रही है। घरेलू शेयर बाजार के मौजूदा हालातों को देखते हुए इंडिया टीवी ने जाने-माने मार्केट एक्सपर्ट संदीप जैन के साथ खास बातचीत की और बाजार का आउटलुक जानने की कोशिश की।
बाजार खुलने के कुछ देर बाद सुबह 09.23 बजे तक सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से टाटा मोटर्स के शेयर सबसे ज्यादा 0.63 प्रतिशत, टेक महिंद्रा 0.48 प्रतिशत और भारती एयरटेल के शेयर 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
एलआईसी ने वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-जून के दौरान शेयर बाजार में करीब 38,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। पिछले साल पहले इसी अवधि में ये राशि 23,300 करोड़ रुपये थी।
इंफोसिस के मार्केट कैप में 20,973.19 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई और ये घटकर 7,35,277.28 करोड़ रुपये हो गया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का मार्केट कैप 19,157.77 करोड़ रुपये घटकर 15,30,469.11 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक बाजार में लिस्टिंग होने के साथ ही निवेशक एफकॉम होल्डिंग्स के शेयर खरीदने के लिए टूट पड़े। कुछ ही देर में कंपनी के शेयरों में 5 प्रतिशत का अपर सर्किट लग गया और कंपनी के शेयर अपने लिस्टिंग वाले दिन ही 215.45 रुपये के भाव पर पहुंच गए।
आईआरएफसी ने इस हफ्ते शेयर बाजार एक्सचेंजों को बताया था कि 12 अगस्त, 2024 को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की एक अहम बैठक होने जा रही है।
38 साल के भाविश अग्रवाल के पास कंपनी की लिस्टिंग के समय ओला इलेक्ट्रिक के 1,36,18,75,240 शेयर (36.94 प्रतिशत हिस्सेदारी) थे। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, भाविश की नेट वर्थ में 1.4 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है।
5 मई को बाजार में बड़ा भूचाल आया था। कमजोर अमेरिकी डाटा और जापान की येन को लेकर आई खबर ने बाजार को जोर का झटका दिया था। हालांकि तब से आज 9 अगस्त के दौरान घरेलू शेयर बाजार ने करीब 1000 अंकों की रिकवरी कर ली है।
एनबीसीसी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए श्रीनगर विकास प्राधिकरण ने उन्हें 15,000 करोड़ रुपये का ठेका दिया है। इस प्रोजेक्ट के तहत जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के बेमिना में एनबीसीसी को 406 एकड़ में एक सैटेलाइट टाउनशिप का निर्माण करना है।
ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ 2 अगस्त को खुला था और 6 अगस्त को बंद हुआ था। कंपनी के आईपीओ को कुल 4.5 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। आज कंपनी की शेयर बाजार में लिस्टिंग हो गई।
गुरुवार को बड़ी गिरावट के बाद शुक्रवार को हफ्ते के आखिरी दिन भारतीय शेयर बाजार तेज बढ़त के साथ खुले हैं। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है।
NSE को शुरुआती 4 करोड़ निवेशक रजिस्टर करने में 25 साल का समय लगा था। जिसके बाद NSE ने हर साल औसतन 6-7 महीनों में 1 करोड़ नए निवेशक जोड़े। आखिरी के 1 करोड़ निवेशकों को जोड़ने में सिर्फ 5 महीने का समय लगा।
शेयर बाजार में पिछले हफ्ते शुक्रवार से चल रही गिरावट आखिरकार बुधवार को थम गई। बुधवार को सेंसेक्स 874.94 अंकों की तेजी के साथ 79,468.01 अंकों पर बंद हुआ था। वहीं दूसरी ओर निफ्टी भी 304.95 अंकों के उछाल के साथ 24,297.50 अंकों पर बंद हुआ था।
जब भारत की बात आती है, तो यहां के बाजार की स्थिति ज्यादा बेहतर और अधिक लचीला नजर आता है, जैसा कि हमें सोमवार को देखने को मिला। भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को एक बार फिर से बेहतर वापसी की।
अमेरिकी आर्थिक विश्लेषण ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल से जून तिमाही के दौरान अमेरिकी जीडीपी 2.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। अमेरिकी विकास दर इतनी जल्दी नकारात्मक में जाने की संभावना नहीं है।
संपादक की पसंद