सेबी ने अपने स्टेटमेंट में कहा, ऐसी गतिविधियां निवेशकों की सुरक्षा के लिए बनाए गए प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम 1956 और सेबी अधिनियम 1992 का उल्लंघन हैं।
कोल इंडिया ने 15.75 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश घोषित किया है और इस भुगतान के लिए पात्र शेयरधारकों को निर्धारित करने के लिए 5 नवंबर को रिकॉर्ड तिथि निर्धारित की है।
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि 23,500 पर निफ्टी का मजबूत सपोर्ट लेवल है। अगर बाजार एक बार टूटकर 23,500 पर जाता है तो वहां से रिकवरी देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार निवेशकों को अभी साइड में बैठकर तमाशा देखना बेहतर होगा।
अगर पिछले महीने की बात करें तो निवेशकों के 31 लाख करोड़ रुपये डूब गए। अक्टूबर की शुरुआत में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4,74,86,463.65 रुपये था जो 31 अक्टूबर को घटकर 4,44,71,429.92 रह गया। इस तरह पिछले महीने निवेशकों के एक झटके में 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
सेंसेक्स में 26 स्टॉक्स लाल निशान में और सिर्फ 4 शेयर हरे निशान में ट्रेड कर रहे हैं। अमेरिकी चुनाव से पहले बाजार में यह बड़ी गिरावट आई है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, वैश्विक बाजार कुछ दिन तक अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर प्रतिक्रिया देंगे, जिसके बाद अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि, मुद्रास्फीति और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय जैसे बुनियादी कारक बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे।
शेयरों के बदले लोन (LAS) उधारकर्ताओं को ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत दिया जाता है। इसमें इक्विटी होल्डिंग्स को गिरवी रखने लोन दिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि ₹10 लाख मूल्य के शेयर गिरवी रखे गए हैं, तो ₹5 लाख तक का लोन मिल जाएगा।
शेयर बाजार की गिरावट में बहुत सारे निवेशक पैसा लगाते हैं। हालांकि, हमेशा यह रणनीति सहीं नहीं होती है। बहुत बार आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) का चालू वित्त वर्ष 2024-25 की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 18 प्रतिशत घटकर 3,102 करोड़ रुपये रह गया है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अल्पावधि में बाजार में गिरावट जारी रहेगी। इस रुख में बदलाव एफआईआई की बिकवाली की रफ्तार कम होने और अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों पर निर्भर करेगा।’’
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई की निरंतर बिकवाली के रुख में तत्काल बदलाव आने की संभावना नहीं है। चीन के प्रोत्साहन उपायों की वजह से एफपीआई वहां के बाजार का रुख कर रहे हैं।
बीएसई सेंसेक्स 122.18 अंकों की तेजी के साथ 80,187.34 अंकों पर खुला तो वहीं दूसरी ओर एनएसई निफ्टी 50 भी 18.65 अंकों की बढ़त के साथ 24,418.05 अंकों पर खुला। कल गुरुवार को भी शेयर बाजार हरे निशान में खुला था और लाल निशान में बंद हुआ था।
बीएसई सेंसेक्स 121.89 अंक चढ़कर 80,359.87 अंक पर कारोबार कर रहा है। वहीं, एनएसई 31.10 अंक चढ़कर 24,503.20 अंक पर ट्रेड कर रहा है।
बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 2.5 प्रतिशत और स्मॉलकैप इंडेक्स में 3.8 प्रतिशत की गिरावट आई। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 2.5 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक में 3.8 प्रतिशत की गिरावट आई।
ऑटो को छोड़कर, दूसरे सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए, जिसमें एफएमसीजी, मेटल, ऑयल एंड गैस और मीडिया में 1-2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशक उच्च रिटर्न देने की क्षमता के कारण स्मॉल-कैप और मिड-कैप म्यूचुअल फंड में निवेश जारी रखेंगे।
पिछले सप्ताह विदेशी कोषों की भारी निकासी से घरेलू बाजार में गिरावट आई।’’ पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 156.61 अंक या 0.19 प्रतिशत नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 110.2 अंक या 0.44 प्रतिशत की गिरावट आई।
मैक्वेरी ने इसमें कहा है कि चीन द्वारा की गई प्रोत्साहन पहल निवेशकों को आकर्षित कर सकती है। इसके साथ ही, ऐसी भी संभावनाएं हैं कि इस तरह की और घोषणाएं चीनी शेयरों को बढ़ावा दे सकती हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए भारत का दबदबा बना रहेगा।
17 अक्टूबर को निफ्टी आईटी हरे रंग में कारोबार करने वाला एकमात्र सेक्टर था। इधर, सेक्टोरल इंडेक्स में इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एम्फैसिस, टीसीएस और विप्रो ने प्रमुख रूप से गिरावट दर्ज की।
कंपनी ने शेयर मार्केट एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि उन्होंने दूसरी तिमाही में कुल 12,21,504 गाड़ियां बेचीं, जो पिछले साल की दूसरी तिमाही की तुलना में 16 प्रतिशत ज्यादा है। बजाज ऑटो ने वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में कुल 10,53,953 गाड़ियां बेची थीं।
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