भारतीय मूल के 10 वर्षीय एक लड़के ने दुनिया के मशहूर वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग्स से भी ज्यादा आईक्यू स्कोर हासिल करके पूरी दुनिया को चौंका दिया है। इस छात्र ने मेन्सा आईक्यू में 162 अंक हासिल किए हैं।
दुनिया कैसे खत्म होगी यह बात अभी भी सभी लोगों के लिए रहस्य बनी हुई है। इस रहस्य को सुलझाने के लिए कई लोगों ने अलग-अलग थ्योरी दी है लेकिन कौन सी थ्योरी सही मानी जाए। ये अभी भी संशय का विषय है।
जिस उम्र में बच्चे ठीक से पढ़ना सीख रहे होते हैं उस उम्र में अधारा ने हाईस्कूल पास कर लिया था। अब महज 11 साल की उम्र में ही मास्टर डिग्री हासिल कर इतिहास रच दिया है।
हमें स्टीफन हॉकिंग की बात भूलनी नहीं चाहिए कि पूर्ण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास आगे चलकर मानव जाति के अंत का भी सबब बन सकता है।
स्टीफन हॉकिंग को अपना आदर्श मानने वाले विनायक श्रीधर ने अपनी मृत्यु से पहले सीबीएसई की दसवीं कक्षा की जिन तीन विषयों की परीक्षा दी थी उन सभी में उसने लगभग 100 प्रतिशत अंक हासिल किए।
ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग के शनिवार को हुए अंतिम संस्कार में उन्हें श्रद्धांजिल देने के लिए हजारों लोग कैंब्रिज पहुंचे...
बीते बुधवार हुई स्टीफन हॉकिंग की मौत पर दुनिया के सबसे महंगे फुटबॉल खिलाड़ी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। नेमार ने वीलचेयर पर बैठकर अपनी एक फोटो शेयर की है जिसमें वह बैठकर मुस्करा रहे हैं।
स्टीफन हॉकिंग के निधन से दुनियाभर में शोक का माहौल देखने को मिल रहा है। उन्हें हमेशा विज्ञान और मानवता में योगदान के लिए याद रखा जाएगा। जिंदगीभर वह असाध्य बीमारी से जूझते रहे।
विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ऐसी प्रतिभा थे जिन्होंने ब्रह्मांड के राज का पता लगाने में अपना जीवन समर्पित कर दिया। 76 साल की उम्र में हॉकिंग का आज निधन हो गया।
स्टीफन तब 21 साल के थे। तो उन्हें डॉक्टर्स से बोल दिया था कि वह केवल 2-3 साल ही जिंदा रहेंगे। लेकिन वह ज्यादा जिएं। जानिए कैसे किया उन्होंने खुद को इतना स्ट्रांग। और 76 साल की उम्र में वह इस बीमारी से हार गए। जानिए इस बीमारी के लक्षण, कारण...
महान भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग्स के बुधवार तड़के हुए निधन की खबर से प्रौद्योगिकी जगत के दिग्गजों में दुख की लहर है। कई दिग्गजों ने ट्विटर पर हॉकिंग्स के निधन पर दुख जताया।
दुनिया के जाने माने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन हो गया है। वो एक ऐसी बीमारी से पीड़ित थे, जिसके चलते उनके शरीर के कई हिस्सों पर लकवा मार गया था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और विज्ञान के क्षेत्र में नई खोज जारी रखी।
हॉकिंग मूल रूप से ब्रिटेन के रहने वाले थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एम्योट्रोपिक लेट्रल स्क्लेरोसिस नामक न्यूरोडीजेनरेटिव बीमारी से पीड़ित थे। 1963 में जब वह 21 साल के थे, तभी उन्हें यह बीमारी ने अपना शिकार बना लिया था।
ब्रिटेन के भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने हाल ही में चेतावनी दी है कि बढ़ती आबादी और अधिक मात्रा में ऊर्जा की खपत के कारण 600 सालों से भी कम समय में पृथ्वी एक आग के गोले में बदल जाएगी।
मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग एक ऐसा अंतरिक्षयान बना रहे हैं जिसकी गति की बात की जाए तो वह प्रकाश की रफ्तार का 5वां हिस्सा है।
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