सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि., राष्ट्रीय इस्पात निगम लि. और निजी क्षेत्र की टाटा स्टील, आर्सेलर मित्तल, जेएसडब्ल्यू स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर, वेदांता ईएसएल ऑक्सीजन की ऑपूर्ति कर रही हैं।
सेल ने ट्विटर पर लिखा है कि वह औसतन प्रतिदिन 600 टल तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। यह किसी भी इस्पात संयंत्र की आपूर्ति के मुकाबले सर्वाधिक है।
नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सड़क और दूसरी ढांचागत सुविधाओं के निर्माण में इस्पात और सीमेंट की भारी मांग सृजित हो रही है
जनवरी-फरवरी, 2021 में चीन का इस्पात उत्पादन सालाना आधार पर 8.86 प्रतिशत बढ़कर 17.32 करोड़ टन पर पहुंच गया। जापान का इस्पात उत्पादन छह प्रतिशत घटकर 1.5 करोड़ टन रह गया वहीं अमेरिका का उत्पादन भी एक साल पहले की समान अवधि के 1.49 करोड़ टन से घटकर 1.32 करोड़ टन रह गया।
इस्पात निर्माता कंपनी आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील इंडिया (एएमएनएस इंडिया) ने बृहस्पतिवार को आड़ीशा सरकार के साथ राज्य में सालाना 1.20 करोड़ टन इस्पात उत्पादन क्षमता का संयंत्र लगाने के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये।
वर्ल्ड स्टील की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी में 64 देशों का इस्पात उत्पादन 4.8 प्रतिशत बढ़कर 16.29 करोड़ टन पर पहुंच गया। चीन का कच्चे इस्पात का उत्पादन माह के दौरान सालाना आधार पर 6.8 प्रतिशत बढ़ा है।
भारत चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बना हआ है। चीन का कच्चे इस्पात का उत्पादन बीते साल 105.30 करोड़ टन रहा। इसमें पिछले साल के मुकाबले 5.2 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
गडकरी ने कहा कि सरकार ने अगले 5 साल में 111 लाख करोड़ रुपये के इंफ्रा प्रोजेक्ट लागू करने की योजना बनाई है, अगर कीमतें ऐसी ही बढ़ती रही तो सरकार के लिए प्रोजेक्ट लागू करने में काफी मुश्किल होगी। इस्पात की कीमतों में पिछले छह महीनों में 65 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।
Big steel, cement firms operating as a cartel; need to place regulator, गडकरी ने कहा कि यदि स्टील और सीमेंट की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को 5 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना साकार करना मुश्किल होगा।
उद्योग जगत ने एंथ्रेसाइट कोयला पर मौजूदा मूल सीमा शुल्क 2.5 प्रतिशत को घटाकर शून्य करने का सुझाव दिया है। साथ ही मेटालर्जिकल कोक के लिये आयात शुल्क मौजूदा 5 प्रतिशत से कम कर 2.5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया।
वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक एसोसिएशन में शामिल 64 देशों में कच्चे इस्पात का उत्पादन नवंबर 2020 में पिछले साल के मुकाबले 6.6 प्रतिशत बढ़कर 15.82 करोड़ टन रहा। पिछले साल के इसी महीने में देशों का कुल कच्चे इस्पात का उत्पादन 14.842 करोड़ टन था।
उद्योग संगठन ने स्टेनलेस स्टील के बने चादरें समेत अन्य फ्लैट उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने और उसे कार्बन स्टील उत्पादों के स्तर पर लाने की मांग की है।
विश्व के 64 देशों में कच्चे इस्पात का उत्पादन अक्टूबर 2020 में पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16.18 करोड़ टन रहा। अक्टूबर 2019 में कच्चे इस्पात का उत्पादन 15.12 करोड़ टन रहा था।
सरकार ने इस्पात विनिर्माताओं से ऐसे ग्रेड के इस्पात की पहचान करने को कहा जिनका विनिर्माण भारत में नहीं होता, लेकिन उनका इस्तेमाल व्यापक है।
आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में 64 देशों का कुल इस्पात उत्पादन 0.6 प्रतिशत बढ़कर 15.62 करोड़ टन पर पहुंच गया। इसमें ब्राजील और चीन के उत्पादन में बढ़त देखने को मिली है। वहीं अमेरिका और यूरोपियन देशों के उत्पादन में गिरावट का रुख रहा
‘इंडस्ट्री प्रवासी मजदूरों को सस्ता घर देने के लिए भी कदम उठाए’
लौह अयस्क की संशोधित कीमतों में रॉयल्टी, डिस्ट्रिक मिनरल फंड, नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट, उपकर, फॉरेस्ट परमिट फीस और अन्य कर शामिल नहीं हैं।
जुलाई माह में कारखानों की क्षमता का औसतन 83 प्रतिशत इस्तेमाल हुआ वहीं जून 2020 में यह 76 प्रतिशत ही रहा था।
यह आर्डर कंपनी को सितंबर और अक्टूबर में पूरा करना है। यह उत्पादन कंपनी के चेन्नई संयंत्र में होगा।
सरकार ने 2030 तक देश की कच्चा इस्पात उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 30 करोड़ टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़