पीएम मोदी 12 फरवरी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड का उद्घाटन करेंगे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे बनाने में 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है। जानिए और क्या है खास?
इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा में कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश बन गया है।
घरेलू स्टील की कीमत भी बढ़ रही है। दूसरी ओर विदेशी बाजारों में स्टील की कीमतें काफी कम है। इसका सीधा नुकसान भारतीय कंपनियों, ग्राहकों और स्टील एक्सपोटर्स को हो रहा था।
इस्पात की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर रियल एस्टेट और आवास, बुनियादी ढांचे तथा निर्माण, वाहन और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे उद्योगों पर पड़ता है।
भारत की पहली स्टील की सड़क गुजरात के सूरत में बन गई है। एक किलोमीटर लंबी स्टील की यह सड़क बहुत खास है। यह सड़क छह लेन की है।
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आने वाले हफ्तों में रूस-यूक्रेन के बीच सैन्य संघर्ष गहराने के साथ इसकी कीमत में और वृद्धि होने के आसार है
चीन और कोरिया से आयात किये जाने वाले 'सोडियम हाइड्रोसल्फाइट' रसायन पर भी शुल्क लगाने की सिफारिश. इसका इस्तेमाल कपड़ा और साबुन उद्योग में होता है
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 जुलाई को देश में स्पेशियल्टी स्टील का उत्पादन बढ़ाने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी है। इससे निवेश और रोजगार बढ़ने की उम्मीद है।
वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन के अनुसार जून में भारत का कच्चे इस्पात का उत्पादन सालाना आधार पर 21.4 प्रतिशत बढ़कर 94 लाख टन हो गया। एक साल पहले इसी महीने में भारत का कच्चे इस्पात का उत्पादन 69 लाख टन था।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत क्रूड स्टील में दुनिया का दूसरा बड़ा उत्पादक है, लेकिन जब रिफाइंड स्टील की बात करें तो दुनियाभर से हमें आयात करना पड़ता है।
साल 2020-21 में स्टील के कुल 10.2 करोड़ उत्पादन में वैल्यू एडेड और विशेष स्टील का हिस्सा सिर्फ 1.8 करोड़ टन था। वही कुल स्टील के आयात में इसका हिस्सा 60 प्रतिशत था।
लौह अयस्क और छर्रों की अभूतपूर्व ऊंची कीमतें पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों में छोटी द्वितीयक इस्पात इकाइयां को बंद होने पर या उत्पादन में कटौती करने के लिए मजबूर कर रही हैं।
भारत में कंपनी का उत्पादन तिमाही के दौरान 55 प्रतिशत बढ़कर 46.2 लाख टन पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 29.9 लाख टन रहा था।
एमएसएमई संगठन के मुताबिक बढ़ती कीमतों की वजह से कई छोटे उद्योग बंदी की कगार पर पहुंच गये हैं, इसलिये सरकार को उनकी राहत के जल्द कदम उठाना बेहद जरूरी है।
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वहीं सरकार इस्पात सहित ऑटो कलपुर्जे, और कपड़ा जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए घोषित उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को अधिसूचित करने पर विचार कर रही है।
आईएसएसडीए ने कहा कि इस समय वैश्विक स्टेनलेस स्टील उत्पादन में चौथे स्थान पर मौजूद इंडोनेशिया 42 लाख टन के कुल उत्पादन के साथ जापान और भारत को पीछे छोड़ सकता है।
अप्रैल 2021 में प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, इस्पात, सीमेंट और बिजली उत्पादन में क्रमश: 25 प्रतिशत, 30.9 प्रतिशत, 400 प्रतिशत, 548.8 प्रतिशत और 38.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई
घरेलू स्टील विनिर्माताओं ने हॉट रोल्ड कॉयल (एचआरसी) और कोल्ड रोल्ड कॉयल (सीआरसी) की कीमतों में क्रमश: 4,000 रुपए और 4,500 रुपए प्रति टन की वृद्धि की।
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