इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा में कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश बन गया है।
वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन के अनुसार जून में भारत का कच्चे इस्पात का उत्पादन सालाना आधार पर 21.4 प्रतिशत बढ़कर 94 लाख टन हो गया। एक साल पहले इसी महीने में भारत का कच्चे इस्पात का उत्पादन 69 लाख टन था।
भारत में कंपनी का उत्पादन तिमाही के दौरान 55 प्रतिशत बढ़कर 46.2 लाख टन पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 29.9 लाख टन रहा था।
आईएसएसडीए ने कहा कि इस समय वैश्विक स्टेनलेस स्टील उत्पादन में चौथे स्थान पर मौजूद इंडोनेशिया 42 लाख टन के कुल उत्पादन के साथ जापान और भारत को पीछे छोड़ सकता है।
जनवरी-फरवरी, 2021 में चीन का इस्पात उत्पादन सालाना आधार पर 8.86 प्रतिशत बढ़कर 17.32 करोड़ टन पर पहुंच गया। जापान का इस्पात उत्पादन छह प्रतिशत घटकर 1.5 करोड़ टन रह गया वहीं अमेरिका का उत्पादन भी एक साल पहले की समान अवधि के 1.49 करोड़ टन से घटकर 1.32 करोड़ टन रह गया।
भारत चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बना हआ है। चीन का कच्चे इस्पात का उत्पादन बीते साल 105.30 करोड़ टन रहा। इसमें पिछले साल के मुकाबले 5.2 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक एसोसिएशन में शामिल 64 देशों में कच्चे इस्पात का उत्पादन नवंबर 2020 में पिछले साल के मुकाबले 6.6 प्रतिशत बढ़कर 15.82 करोड़ टन रहा। पिछले साल के इसी महीने में देशों का कुल कच्चे इस्पात का उत्पादन 14.842 करोड़ टन था।
विश्व के 64 देशों में कच्चे इस्पात का उत्पादन अक्टूबर 2020 में पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16.18 करोड़ टन रहा। अक्टूबर 2019 में कच्चे इस्पात का उत्पादन 15.12 करोड़ टन रहा था।
आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में 64 देशों का कुल इस्पात उत्पादन 0.6 प्रतिशत बढ़कर 15.62 करोड़ टन पर पहुंच गया। इसमें ब्राजील और चीन के उत्पादन में बढ़त देखने को मिली है। वहीं अमेरिका और यूरोपियन देशों के उत्पादन में गिरावट का रुख रहा
जुलाई माह में कारखानों की क्षमता का औसतन 83 प्रतिशत इस्तेमाल हुआ वहीं जून 2020 में यह 76 प्रतिशत ही रहा था।
सरकार ने 2030 तक देश की कच्चा इस्पात उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 30 करोड़ टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
मार्च के महीने में दुनिया भर में कुल इस्पात उत्पादन 6 फीसदी घटा
देश में कच्चे इस्पात का उत्पादन नवंबर में 2.8 प्रतिशत घटकर 89.34 लाख टन रहा। यह लगातार दूसरा महीना है जब कच्चे इस्पात का उत्पादन कम हुआ है।
चालू वित्त वर्ष में तरल इस्पात और बिक्री योग्य इस्पात के उत्पादन का लक्ष्य क्रमश: 64 लाख टन और 58 लाख टन रखा गया है।
भारत में कच्चे स्टील का उत्पादन चालू कैलेंडर साल के पहले सात महीनों जनवरी-जुलाई के दौरान 5.4 प्रतिशत बढ़कर 6.18 करोड़ टन पर पहुंच गया। विश्व स्टील संघ (डब्ल्यूएसए) ने यह जानकारी दी है।
देश में चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में कच्चे स्टील का उत्पादन 1.64 करोड़ टन रहा। यह पिछले वर्ष के इसी अवधि के मुकाबले 4.5 प्रतिशत अधिक है।
केन्द्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि देश में दुनिया का सबसे बेहतरीन गुणवत्ता का स्टील तैयार करने के लिए इस्पात मंत्रालय द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है।
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