चीनी रक्षा मंत्रालय ने जारी एक प्रेस रिलीज में कहा, ‘‘चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक के 16वें दौर में बनी सहमति के अनुसार, 8 सितंबर 2022 को जियानन डाबन क्षेत्र से चीनी और भारतीय बलों ने समन्वित और नियोजित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है, जो सीमावर्ती इलाकों में शांति के लिए अच्छा है।’’
भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ पैंगोंग त्सो में एक पूर्ण विघटन के लिए सहमत हुए हैं। चीन पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर 8 के पूर्व में अपने सैनिकों को रखेगा। भारत अपने सैनिकों को फ़िंगर 3 के पास अपने स्थायी बेस पर रखेगा।
एआईएमआईएम (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के की मॉस्को में हुई मीटिंग के बाद जारी संयुक्त बयान और पांच सूत्री फॉर्मूले पर सवाल उठाया है।
अब जब चीनी सेना ने भारत की सेना की ताक़त और इरादों को देखा, तो उसने पीछे हटना सही समझा और अब उल्टे ये आरोप लगा रहा है कि भारत आक्रामक है।
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भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में गैलवान नदी पर 60 मीटर लंबे पुल का निर्माण पूरा किया, जो भारतीय सैनिकों को नदी के उस पार जाने के लिए सक्षम बनाता है और दरबुक से दौलत तक 255 KM रणनीतिक सड़क को ढाल प्रदान करता है।
भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में अपने सैन्य गतिरोध को लेकर शुक्रवार को राजनयिक वार्ता की। साथ ही, दोनों देश राजनयिक वार्ता के जरिये मतभेदों को दूर करने पर सहमत हुए।
भारत और चीन के बीच LAC पर जारी गतिरोध के बीच कल भारतीय सेना और चीन की पीएलए के बड़े अधिकारियों के बीच बैठक होनी है। इंडिया टीवी को मिली जानकारी के मुताबिक़ ताजा गतिरोध के दौरान पहली बार दोनों सेना के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच बैठक होनेवाली है।
चीन ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ मौजूदा गतिरोध के समाधान के लिए किसी ‘‘तीसरे पक्ष’’ की मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि दोनों देशों के पास सीमा संबंधी संपूर्ण तंत्र और संपर्क व्यवस्थाएं हैं जिनसे वे वार्ता के जरिए अपने मतभेदों का समाधान कर सकते हैं।
स्टैंड-ऑफ, अगर जल्द ही हल नहीं किया गया है, तो दोनों देशों के बीच हाल ही में हुए शिखर सम्मेलनों द्वारा हासिल किए गए सभी हालिया लाभों को नकारने की क्षमता है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि डोकलाम पर जारी गतिरोध का हल जल्द ही निकल आएगा। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि देश अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह से सक्षम है।
चीन के अंदरूनी हालात इस सच को पूरी तरह से साबित करते हैं कि हिंदुस्तान को युद्ध की धमकी देने और बार-बार बॉर्डर पर बदमाशी करने वाला चीन अंदर से कितना कमजोर है।
भारत के खिलाफ और जहर उगलते हुए चीन के सरकारी दैनिक अखबार ग्लोबल टाइम्स ने आज चेतावनी दी कि यदि नई दिल्ली सीमा पर आमने-सामने आकर क्षेत्र पर अपना आधिपत्य जमाने की कोशिशें बंद नहीं करता है तो ऐसी स्थिति में बीजिंग भी सिक्किम की आजादी के समर्थन करेगा।
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