उत्तर प्रदेश में अब संपत्तियों के बंटवारे पर या फिर परिजनों के नाम करने पर स्टाम्प शुल्क केवल 5000 रुपया लगेगा। योगी सरकार ने आम आदमी के ईज़ ऑफ़ लिविंग के लिए एक नई और सहुलियत भरी पहल की है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहरी क्षेत्रों में संपत्ति के दस्तावेज़ों के पंजीकरण के लिये लगाये जाने वाले स्टैम्प शुल्क पर उपकर (सेस) को दो प्रतिशत कम करने की घोषणा की है।
स्टांप शुल्क संपत्ति के लेनदेन पर राज्य सरकार द्वारा वसूला जाने वाला कर है, जो उनकी आय का एक बड़ा हिस्सा होता है।
आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने संपत्ति के पंजीकरण पर स्टांप शुल्क घटाने के महाराष्ट्र सरकार के निर्णय की शुक्रवार को प्रशंसा करते हुए रीयल एस्टेट क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों को भी ऐसा करने की सलाह दी।
सर्किल रेट में कटौती से पंजाब के मोहाली, जीरकपुर, अमृतसर, लुधियाना, जालंधर और भटिंडा जैसे शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें घट सकती हैं।
एसोचैम ने कालेधन की समस्या से निपटने के लिये स्टांप शुल्क में कमी और जमीन-जायदाद का इलेक्ट्रॉनिक रूप से रजिस्ट्रेशन जैसे उपाय करने का सुझाव दिया है।
सर्किल रेट प्रॉपर्टी की वह न्यूनतम वैल्यूू होती है, जिसपर उसे नए मालिक के नाम पर रजिस्टर किया जाता है। इस रेट को राज्य सरकार तय करती है और समय-समय पर इसमें संशोधन करती है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के दौरान स्टांप ड्यूटी में दो फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया है। इससे खरीदारों पर 1-2 लाख रुपए का भार पड़ेगा।
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