स्टालिन ने कहा कि छात्र और अभिभावक काफी मानसिक तनाव में हैं और सार्वजनिक परिवहन पर मौजूदा पाबंदियों के मद्देनजर निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर पहुंचना सभी परीक्षार्थियों के लिये समान रूप से सुगम नहीं होगा।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में मरीना बीच पर द्रमुक के शीर्ष नेता एम करूणानिधि का स्मारक बुधवार को उनकी 97 जयंती पर एक विवाह स्थल के रूप में तब्दील हो गया...
तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी डीएमके के विधायक एस. कथावारायण का शुक्रवार को चेन्नई में निधन हो गया।
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ यहां शुक्रवार को पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की निंदा करते हुए द्रमुक अध्यक्ष एम.के.स्टालिन ने शनिवार को तमिलनाडु सरकार से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का आग्रह किया।
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने सोमवार को कहा कि वह नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की वह तस्वीर देखकर बेहद व्यथित हैं जिसमें वह बढ़ी हुई दाढ़ी में नजर आ रहे हैं।
महाराष्ट्र में शनिवार सुबह हुए सियासी घटनाक्रम ने सिर्फ सूबे के ही नहीं बल्कि पूरे देश के सियासी पंडितों को चौंका दिया है।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी और डीएमके नेता एमके स्टालिन ने अमित शाह के बयान पर अपना विरोध जताया है।
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ व्यवस्था शुरू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 जून, 2020 तक एक साल की समयसीमा दी है। इसके तहत लाभार्थी लोग देश के किसी भी हिस्से में राशन की दुकानों से सब्सिडी वाले खाद्यान्न खरीद सकते हैं।
द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने कहा कि तीन भाषा फार्मूला ‘‘प्राथमिक कक्षा से कक्षा 12 तक हिंदी पर जोर देता है। यह बड़ी हैरान करने वाली बात है’’ और यह सिफारिश देश को ‘‘बांट’’ देगी। मसौदा नीति जानेमाने वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व वाली एक समिति ने तैयार की है जिसे शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया।
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने शनिवार को कहा कि केंद्र की सरकार एक भी राज्य की अनदेखी नहीं कर सकती और अब केवल हिंदी भाषी राज्य भारत नहीं हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) के प्रस्तावित वैकल्पिक मोर्चे में DMK को शामिल करने की कोशिशों को सोमवार को करारा झटका लगा है।
तमिलनाडु की दोनों प्रमुख पार्टियों में एक-दूसरे के दिवंगत नेताओं को लेकर सियासत में उबाल आया हुआ है।
द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने कहा कि लोग यह नहीं भूलेंगे कि ऐसा मोदी के शासन में हुआ कि तमिलनाडु के अधिकार ‘‘छीन’’ लिये गए। ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में आए चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए द्रमुक प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस ने उन राज्यों में जीत दर्ज की जिन्हें भाजपा का गढ़ समझा जाता था और यह मोदी के लिए एक झटका था।
द्रमुक प्रमुख एम. के. स्टालिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने संबंधी अपने बयान पर कायम हैं।
द्रमुक के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की पुरजोर वकालत की।
येचुरी ने स्टालिन के साथ अपनी मुलाकात को फलदायी बताया और दोनों की मुलाकात का बुनियादी एजेंडा देश की सभी देशभक्त धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करना था, ताकि भारत को भाजपा के हमले से बचाया जा सके।
अलागिरी, करूणानिधि की मौत के बाद से यह दावा करते रहे है कि पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता उनके साथ हैं। उन्होंने कहा था कि रैली के बाद द्रमुक को खतरे का सामना करना पड़ेगा।
स्टालिन ने कहा है कि द्रमुक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली जन विरोधी केंद्र सरकार को हराना चाहती है और तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक को भी हराना चाहती है।
सैकड़ों पार्टी प्रतिनिधियों के बीच स्टालिन ने कहा, हम उस किसी भी पार्टी का विरोध करेंगे, जो एक भाषा का प्रभुत्व चाहती है।
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