रूस की सिंगल खुराक COVID-19 वैक्सीन स्पुतनिक लाइट के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल डेटा नियामक को प्रस्तुत कर दिया गया है और अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रहा है।
कोवैक्सीन को डब्लूएचओ की मंजूरी मिलने की खबरें पहले भी आई हैं। जुलाई में ही बताया गया था कि कोवैक्सीन को अगले कुछ हफ्तों में हरी झंडी मिलने वाली है। हालांकि, तब ऐसा नहीं हुआ।
जिस रफ्तार से देश में वैक्सीनेशन का अभियान बढ़ रहा है उसे देखते हुए लग रहा है कि महीने भर में देश के 100 करोड़ लोगों तक वैक्सीन की कम से कम एक डोज जरूर पहुंच जाएगी।
कोविड-19 रोधी टीके ‘स्पुतनिक-वी’ की एक खुराक सार्स-सीओवी-2 वायरस (कोरोना वायरस) के खिलाफ अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बना सकती है।
भारत के औषधि नियामक ने रूस के कोविड वैक्सीन स्पूतनिक लाइट के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है जो एकल खुराक वाला वैक्सीन है। विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की बैठक में सुझाई गईं सिफारिशों के अनुसार स्पूतनिक लाइट वैक्सीन भी उन्हीं तत्वों से बना है जिनसे स्पूतनिक वी बना है।
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को भारत में निश्चित शर्तों के साथ अध्ययन, परीक्षण तथा विश्लेषण के लिए कोविड-19 रोधी टीके स्पूतनिक वी के उत्पादन की मंजूरी दे दी है।
पुणे बेस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने test analysis और examination के लिए भी मंजूरी मांगी है। बता दें कि फिलहाल भारत में रूस की कोविड वैक्सीन स्पूतनिक वी का निर्माण डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज द्वारा किया जा रहा है।
भारत को रूस की बनाई कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी वैक्सीन की दूसरी खेप मिल गई है। उम्मीद है कि इस वैक्सीन की खुराक जल्द ही बाजार में मिलनी शुरू हो जाएगी।
पूरा देश कोरोना की दूसरी वेव से जूझ रहा है। हर दिन इस वायरस से निपटने के लिए केन्द्र हो या फिर राज्य की सरकारें दोनों हर संभव कोशिश कर रही हैं। इस बीच वैक्सीन को लेकर एक बड़ी और अच्छी खबर आई है। अगले हफ्ते से स्पुतनिक का टीका लगना शुरू हो जाएगा। इससे वैक्सीन का इंतजार कर रहे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं, जुलाई से देश में ही स्पुतनिक का प्रोडक्शन भी शुरू हो जाएगा। बता दें कि पूरे देश में अभी तक करीब 18 करोड़ लोग वैक्सीनेटे हो चुके हैं।
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