रूस समेत पूरी दुनिया को कोरोना रोधी टीका स्पूतनिक-वी तैयार करने वालों में शामिल रहे रूसी वैज्ञानिक की हत्या से सनसनी फैल गई है। हत्या की जानकारी मिलते ही रूस में हड़कंप मच गया है। अचानक हुई हत्या की इस सूचना ने राष्ट्रपति पुतिन को भी हैरान कर दिया है।
रूस की सिंगल खुराक COVID-19 वैक्सीन स्पुतनिक लाइट के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल डेटा नियामक को प्रस्तुत कर दिया गया है और अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रहा है।
डॉ रेड्डीज स्पुतनिक वी की आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार के साथ चर्चा करने की कोशिश कर रही है।
बयान में कहा गया कि राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई थी कि वे उन जिलों को प्राथमिकता दें, जहां वैक्सीन कम लगे हैं और अतिरिक्त कोविड-19 वैक्सीनेशन केन्द्रों की जरूरत तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच में सुधार की आवश्यकता का पता लगाएं।
सरकार ने कहा कि जायडस कैडिला के स्वदेशी रूप से विकसित सुई-मुक्त कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी को बहुत जल्द राष्ट्रव्यापी कोरोना वायरस वैक्सीनेशन अभियान में शामिल किया जाएगा और वर्तमान में उपयोग किए जा रहे वैक्सीन की तुलना में इसका अलग मूल्य होगा।
कोवैक्सीन को डब्लूएचओ की मंजूरी मिलने की खबरें पहले भी आई हैं। जुलाई में ही बताया गया था कि कोवैक्सीन को अगले कुछ हफ्तों में हरी झंडी मिलने वाली है। हालांकि, तब ऐसा नहीं हुआ।
जिस रफ्तार से देश में वैक्सीनेशन का अभियान बढ़ रहा है उसे देखते हुए लग रहा है कि महीने भर में देश के 100 करोड़ लोगों तक वैक्सीन की कम से कम एक डोज जरूर पहुंच जाएगी।
अब तक देश में टीके की 70 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं। इसमें से 10 करोड़ खुराकें बीते 13 दिन में ही दी गयी हैं। देश में अब तक 16 करोड़ लोगों से ज्यादा का वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है।
केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को असली कोरोना वैक्सीन की पहचान के लिए मापदंड भेजा है, जिसे देखकर पहचान की जा सकती है कि वैक्सीन असली है या नकली? इस मापदंड में अंतर पहचानने के लिए कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक V तीनों वैक्सीन पर लेबल, उसके कलर, ब्रांड का नाम क्या होता है, इन सब की जानकारी साझा की गई है।
भारत को 10 करोड़ खुराक तक पहुंचने में 85 दिन लगे। उसे 20 करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने में 45 दिन एवं 30 करोड़ तक पहुंचने में और 29 दिन लगे। देश को 40 करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने में बाद के 24 दिन तथा छह अगस्त को 50 करोड़ का आंकडा पार करने के लिए 20 और दिन लगे।
शुक्रवार को 90 लाख लोगों को वैक्सीन का आंकड़ा 7 बजे तक का है और ऐसी संभावना है कि अंतिम अपडेट तक यह आंकड़ा और भी ऊपर पहुंचकर एक करोड़ के करीब पहुंच सकता है।
सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए अपना दावा पेश किया है। शुरुआत में यह वैक्सीन सीमित मात्रा में उपलब्ध होगी। इसकी कीमत करीब 750 रुपये होने की उम्मीद है।
मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली के डॉ. बलबीर सिंह के मुताबिक, जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson and Johnson vaccine) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी एक ही शॉट लगेगी।
कोविड-19 रोधी टीके ‘स्पुतनिक-वी’ की एक खुराक सार्स-सीओवी-2 वायरस (कोरोना वायरस) के खिलाफ अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बना सकती है।
अलग अलग कंपनियों के साथ करार के तहत देश में 30 करोड़ से ज्यादा स्पूतनिक वैक्सीन के उत्पादन का लक्ष्य है। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट में वैक्सीन का पहला बैच सितंबर में तैयार होगा।
भारत के औषधि नियामक ने रूस के कोविड वैक्सीन स्पूतनिक लाइट के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है जो एकल खुराक वाला वैक्सीन है। विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की बैठक में सुझाई गईं सिफारिशों के अनुसार स्पूतनिक लाइट वैक्सीन भी उन्हीं तत्वों से बना है जिनसे स्पूतनिक वी बना है।
कोविड-19 का टीका न लगवाने को लेकर बिहार में सत्तारूढ़ राजग की ओर से आलोचना झेल रहे राजद नेता तेजस्वी यादव के बुधवार को अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव के साथ रूसी स्पुतनिक-वी टीका लिए जाने पर राजग ने तंज कसा है।
देश में कोरोना की तीसरी वैक्सीन रूस की स्पूतनिक V आज से आम लोगों के लिए उपलब्ध हो सकती है।
DCGI ने स्पुतनिक-वी के निर्माण के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को मंजूरी दे दी है। मालूम हो कि भारत में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी बनाने के लिए सीरम ने डीसीजीआइ से ट्रायल लाइसेंस की अनुमति मांगी थी। डीसीजीआई की मंजूरी के बाद सीरम भारत में स्पुतनिक-वी का निर्माण कर सकेगा।
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को भारत में निश्चित शर्तों के साथ अध्ययन, परीक्षण तथा विश्लेषण के लिए कोविड-19 रोधी टीके स्पूतनिक वी के उत्पादन की मंजूरी दे दी है।
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