देश की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी 29 सितंबर से शुरू हो रही है। इस नीलामी में 5.63 लाख करोड़ रुपए की रेडियो तरंगों को बिक्री के लिए पेश किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज आगामी नीलामी में खरीदे जाने वाले स्पेक्ट्रम के लिए तीन फीसदी के सालाना प्रयोग शुल्क (एसयूसी) को मंजूरी दे दी।
स्पेक्ट्रम की अबतक की सबसे बड़ी नीलामी से पहले प्रमुख दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने कहा कि उसने इस समय मोबाइल रेडियो तरंगों की कोई बहुत जरूरत नहीं लगती।
दूरसंचार कंपनियां आगामी नीलामियों में स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये खर्च करेंगी।
केंद्रीय कैबिनेट ने आज बड़े पैमाने पर स्पेक्ट्रम नीलामी योजना को मंजूरी दे दी। इससे सरकारी खजाने में 5.66 लाख करोड़ रुपए आने की उम्मीद है।
अंतर-मंत्रालयी समूह दूरसंचार आयोग ने स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) कम कर उनके सालाना राजस्व का तीन प्रतिशत किये जाने का आज समर्थन किया।
रक्षा मंत्रालय ने आगामी नीलामी के लिए 30,000 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम मुक्त करने की सहमति दी है।
सरकार अगले दो-तीन माह में 2,000 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को नीलामी करेगी। यह अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी हो सकती है।
सभी स्पेक्ट्रम आवंटन तथा लाइसेंसी के बीच लेनदेन पर 15 फीसदी का सेवा कर लगाने के प्रस्ताव से वित्तीय दूरसंचार उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टेलीकॉम कंपनियों को बिना नीलामी के आवंटित स्पेक्ट्रम का नए उदार नियमों के तहत इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है।
टेलीकॉम डिपार्टमेंट मध्य जुलाई के आस-पास स्पेक्ट्रम की वाणिज्यिक नीलामी शुरू करने की योजना बना रहा है। इसे अब तक की सबसे बड़ी नीलामी बताया जा रहा है।
ट्राई ने सरकार को सुझाव दिया कि अगर किसी एक सर्किल में अधिकतम होल्डिंग सीमा बदल जाती है तो टेलीकॉम कंपनियों से स्पेक्ट्रम वापस न करने की राहत देनी चाहिए।
संपादक की पसंद