सरकार अगले दो-तीन माह में 2,000 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को नीलामी करेगी। यह अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी हो सकती है।
सभी स्पेक्ट्रम आवंटन तथा लाइसेंसी के बीच लेनदेन पर 15 फीसदी का सेवा कर लगाने के प्रस्ताव से वित्तीय दूरसंचार उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टेलीकॉम कंपनियों को बिना नीलामी के आवंटित स्पेक्ट्रम का नए उदार नियमों के तहत इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है।
टेलीकॉम डिपार्टमेंट मध्य जुलाई के आस-पास स्पेक्ट्रम की वाणिज्यिक नीलामी शुरू करने की योजना बना रहा है। इसे अब तक की सबसे बड़ी नीलामी बताया जा रहा है।
ट्राई ने सरकार को सुझाव दिया कि अगर किसी एक सर्किल में अधिकतम होल्डिंग सीमा बदल जाती है तो टेलीकॉम कंपनियों से स्पेक्ट्रम वापस न करने की राहत देनी चाहिए।
ट्राई ने अगले दौर की नीलामी में प्रीमियम 700 मेगाहट्र्ज बैंड में एक मेगाहट्र्ज ऑल-इंडिया स्पेक्ट्रम का बेस प्राइस 11,485 करोड़ रुपए रखने की सिफारिश की है।
आप अगर इन तीन राज्यों में रिलायंस कंम्युनिकेशंस की सर्विसेज ले रहे हैं, तो यह खबर आप ही के लिए है। कंपनी ने इन राज्यों में अपनी 2जी सर्विस बंद करने का फैसला लिया है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग की मंजूरी के साथ ही इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत टेलीकॉम सर्विस प्रदाता कंपनियां एक-दूसरे से अपनी जरूरत के मुताबिक स्पेक्ट्रम की खरीद-बिक्री कर सकेंगी और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार ला सकेंगी।
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