भारतीय रेल ने कुछ चुनिंदा मार्गों पर वातानुकुलित यात्री ट्रेन सेवाएं शुरू करते हुए 12 मई से चलने वाली ट्रेनों के संबंध में नए दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिसमे कम से कम डेढ़ घंटे पहले रेलवे स्टेशन पहुंचना शामिल है।
सरकार अब उड़ान सेवा शुरू करने की तैयारी कर रही है। DGCA और उड्डयन मंत्रालय की संयुक्त टीम ने दिल्ली एयरपोर्ट का दौरा किया जिसमे AAI और CISF के अधिकारी भी शामिल थे।
IRCTC स्पेशल ट्रेन बुकिंग: यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में, भारतीय रेलवे देश भर में लॉकडाउन समाप्त होने से पांच दिन पहले कल से देश भर में विशेष ट्रेनों की सेवाएं शुरू कर रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि आरक्षण के दौरान प्राप्त टिकटों पर ‘क्या करें और क्या ना करें’स्पष्ट रूप से लिखा होगा।
ट्रेनों में सीट सिर्फ IRCTC की वेबसाइट के जरिए ही बुक की जा सकेगी। आइए आपको बताते हैं स्पेशल ट्रेन में कैसे बुक करनी है टिकट।
नई दिल्ली से डिब्रुगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, रांची, बिलासपुर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद, जम्मू तवी और मडगांव के लिए शुरुआत में ट्रेनें चलेंगी।
रेलवे ने विशेष ट्रेनों पर आने वाली लागत की घोषणा अभी नहीं की है लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिए कि रेलवे ने ऐसी प्रत्येक सेवा पर करीब 80 लाख रुपये खर्च किए।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि रेलवे अल्प अवधि सूचना पर भी हर रोज 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए तैयार है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को रोजगार देने के लिए वृहद कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है। बाहर से जो नये कामगार आ रहे हैं, उन्हें अलग-अलग जगह पर रोजगार देने की व्यवस्था की जाएगी।
बलिया पहुंचने के बाद सभी श्रमिकों का नाम सूचीबद्ध करने के साथ ही उनकी चिकित्सकीय जांच कराई गई। इसके बाद उन्हें खान-पान सामग्री, पानी की बोतल एवं मास्क मुहैया कराकर राज्य सड़क परिवहन निगम की 55 बसों से उनके गन्तव्य के लिए रवाना कर दिया गया।
लॉकडाउन के दौरान रेलवे ने फंसे हुए लोगों की आवाजाही के लिए 222 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं।
अवस्थी ने बताया कि सभी श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच के बाद ही उन्हें नि:शुल्क सरकारी बसों से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विमान से आने वाले यात्रियों की भी जांच की जाएगी।
रेलवे देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिये एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है। विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर प्रवासी कामगारों की इन यात्राओं के लिये टिकट के पैसे वसूलने का आरोप लगाया है।
दिल्ली में फंसे बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजने के लिए दिल्ली सरकार इन दोनों राज्यों की सरकार से भी बातचीत कर रही है।
दिशानिर्देश के मुताबिक, ‘‘यात्रियों के व्यवहार पर कड़ी नजर रखी जाए और समस्या उत्पन्न करने वाले की पहचान कर समूह से अलग किया जाए। स्थिति खराब होने की स्थिति में यथाशीघ्र हस्तक्षेप के लिए राज्य पुलिस से संपर्क किया जा सकता है।’’
लॉकडाउन के कारण फंसे श्रमिकों से रेलवे द्वारा कथित तौर पर भाड़ा लिए जाने की आलोचना होने के बीच सूत्रों ने सोमवार को कहा कि अब तक चलायी गयी 45 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक को छोड़कर विभिन्न राज्य सरकारों ने भुगतान किया है।
रेलवे ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है। लेकिन अनौपचारिक रूप से कहा गया कि यह एक "राजनीतिक लड़ाई" है।
नितिन राउत ने कहा कि प्रवासी मजदूरों से ट्रेन यात्रा के लिए 505 रुपये लिए जा रहे है, जो कि पूरी तरह गलत है।
लॉकडाउन की वजह से केरल में फंसे लगभग 1,150 मजदूरों को लेकर पहली ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेन रविवार को ओडिशा के गंजाम जिले में पहुंची।
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