China in Space: चीन के अंतरिक्षयान ने अंतरिक्ष में एक रहस्यमयी वस्तु छोड़ी है। जिसे लेकर अमेरिका की स्पेस फोर्स ने हैरान करने वाला दावा किया है। उसने इससे जुड़ी जानकारी दी है।
अगर हम एस्ट्रोनॉट बनने के लिए योग्यता के बारे में बात करें तो आपको एस्ट्रोनॉट बनने के लिए इंजीनियरिंग, बायोलॉजिकल साइंस, फिजिकल साइंस, कंप्यूटर साइंस या फिर गणित में बैचलर डिग्री करनी होगी।
मन की बात के 94 वें एपिसोड में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठ पूजा, देश में सौर्य उर्जा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में हो रहे विकास और उन्नति के प्रयसो को लेकर बात की। इसके साथ ही उन्होंने गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों के आयोजन और उसकी सफलता को लेकर बात की।
NASA Halloween Picture: नासा ने हैलोवीन के मौके पर एक तस्वीर शेयर की है। जिसमें अंतरिक्ष में धूल और संरचनाओं को देखा जा सकता है।
NASA: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने घोषणा की है कि वह अगले साल अक्टूबर में इसी नाम के एक सैटेलाइट की जांच के उद्देश्य से अपने साइके मिशन को लॉन्च करेगी।
NASA James Webb Telescope: पिलर्स ऑफ क्रिएशन के वेब के नए दृश्य को पहली बार 1995 में नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा और फिर 2014 में दोबारा से चित्रित किया गया था। हजारों तारे टिमटिमाते हुए ब्रह्मांड के बीच में खड़े विशाल सोने, तांबे और भूरे रंग के पिलर्स के टेलीस्कोप के पहले शॉट को रोशन करते हैं।
‘‘हमें नये उपग्रहों को एल-1 बैंड से लैस करना होगा, जो सार्वजनिक उपयोग के लिए एक विशिष्ट जीपीएस बैंड है। हमारे पास यह नाविक में नहीं है। यही कारण है कि यह नागरिक क्षेत्र में आसानी से प्रवेश नहीं कर पाया है।’’
ISRO: इसरो अपने कारनामे से दुनिया को हमेशा चौकाते रहता है। ऐसे कई मौक पर इसरो ने विश्व को राह दिखाई है। अब वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में बड़ी हिस्सेदारी पर नजर है।
क्रू-4 मिशन को 27 अप्रैल को फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च किया गया था। अब इसे लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है।
Japan Rocket Launch: जापान ने एक रॉकेट को गिराए जाने के पीछे का कारण बताया है कि वह पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए अपनी सही स्थिति में नहीं था।
चांद हर साल पृथ्वी से 3.8 सेमी दूर होता जा रहा है। दरअसल, 1969 में नासा के अपोलो में 11 अभियान मेंचांद हर साल पृथ्वी से 3.8 सेमी दूर होता जा रहा है। दरअसल, 1969 में नासा के अपोलो 11 अभियान में चंद्रमा पर जो रिफ्लेक्टर्स लगाए गए थे, उनसे इसका पता चला है।
देश में लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विसिज लॉन्च करने के लिए GMPCS परमिट जरूरी है। भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के क्षेत्र में भारती समूह की OneWeb और रिलायंस जियो Infocomm की सैटेलाइट शाखा को परमिट मिला है।
NASA DART Mission: नासा के डार्ट मिशन को सफलता मिल गई है। उसका अंतरिक्ष यान एक उल्कापिंड से टकराया था और उसकी कक्षा बदलने में सफल रहा है।
China in Space: चीन अंतरिक्ष में ब्रिटेन और पश्चिमी देशों की सैटेलाइट्स को तबाह करने के लिए नई तरह के हथियारों को विकसित कर रहा है। उसके पास पहले से ही सैटेलाइट-रोधी हथियार भी हैं।
India's space power:अंतरिक्ष और विज्ञान की दुनिया में भारत के कदम अब और भी आगे बढ़ रहे हैं। वर्ष 2025 तक भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था लगभग 13 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत अपने अंतरिक्ष मिशन को लेकर काफी संजीदा है।
NASA DART Mission: ‘डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट’ (डार्ट) के अंतरिक्षयान ने इरादतन डाइमॉरफोस नाम के उल्कापिंड को 26 सितंबर को टक्कर मारी थी। डाइमॉरफोस वास्तव में डिडिमोस नाम के उल्कापिंड का पत्थर था।
NASA DART Mission: चिली के एक टेलीस्कोप द्वारा ली गई एक नई तस्वीर से पता चला कि नासा के ‘डार्ट’ अंतरिक्ष यान ने टक्कर मारकर जो उल्कापिंड तोड़ा था, उसका मलबा स्पेस में हजारों किलोमीटर फैला है।
वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल को मंगल के दक्षिण ध्रुवीय आइस कैप के नीचे तरल रूप में पानी के संभावित अस्तित्व के नए सुबूत मिले हैं। किसी ग्रह का ऊपरी भाग जो बर्फ से ढका हो उसे ‘आइस कैप’ कहते हैं।
Space Debris: जलवायु परिवर्तन की तरह अंतरिक्ष में कचरे की समस्या से केवल अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ही निपटा जा सकता है। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के रूपरेखा समझौते पर 1992 में रियो पृथ्वी सम्मेलन में हस्ताक्षर किए गए थे।
Jupiter Picture: यह ग्रह, जो सूर्य के चारों ओर एक पूरा चक्कर लगाने में 11 साल से अधिक का समय लेता है, अपनी कक्षा में सूर्य के बिल्कुल विपरीत था और इसी की वजह से यह पृथ्वी से देखे जाने वाले आकाश में सबसे चमकीली चीजों में से एक बन गया।
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