अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आखिरी वक्त में अंतरिक्ष की उड़ान को रद्द कर दिया है। स्टारलाइनर कैप्सूल में दोनों अंतरिक्ष यात्री सवार हो चुके थे और स्पेसक्रॉफ्ट की उलटी गिनती शुरू हो चुकी थी, लेकिन आखिरी 40 सेकेंड में कंप्यूटर में आई तकनीकी खामी के कारण इसे रद कर दिया गया।
भारत और अमेरिका को टक्कर देने के लिए चीन ने चंद्रमा के ऐसे सुदूर क्षेत्र में अपने अंतरिक्ष यान की लैंडिंग कराई है, जहां पहुंचना बेहद मुश्किल होता है। मगर चीन ने सफलतापूर्व अपने इस मिशन को अंजाम दिया है। चीन का अंतरिक्ष यान चंद्रमा से वहां के नमूने लेकर पृथ्वी पर लौटेगा, जो चीन को 2030 तक मानव मिशन को पूरा करेगा।
अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने सफलतापूर्वक 30 मई को अपने रॉकेट अग्निबाण सॉर्टेड 01 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इस लॉन्च की जानकारी देते हुए इसरो ने कहा कि स्पेस सेक्टर में यह सफलता मील का पत्थर है।
भारत और अमेरिका मिलकर अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करेंगे। एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अमेरिका की तरफ से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा जाएगा।
रूस ने संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव पेश किया जो अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती संबंधित था। फिलहाल, इस मामले में अमेरिका के विरोध की वजह से रूस को झटका लगा है।
अमेरिका के बोइंग स्पेस मिशन के विमान में खराबी आ जाने से अंतरिक्ष की उड़ान को कम से कम एक हफ्ते के लिए टाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि विमान के वॉल्व में खराबी आने के कारण इस मिशन को टालना पड़ा है।
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एक बार फिर से स्पेस में जाने को तैयार हैं। इससे पहले सुनीता साल 2006 और 2012 में दो बार अंतरिक्ष में जा चुकी हैं।
चीन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के मुख्य डिजाइनर वु वेरेन ने कहा, ‘‘यदि चांग-6 मिशन अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहता है तो यह वैज्ञानिकों को चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से के वातावरण और भौतिक संरचना को समझने के लिए सीधे तौर पर पहली बार साक्ष्य उपलब्ध कराएगा।’’
तीसरे विश्वयुद्ध के लगातार बढ़ रहे खतरे और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के चलते कई ताकतवरों देशों की ओर से अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती की जाने लगी है। यह पूरी दुनिया के लिए अच्छा संकेत नहीं है। ऐसे में रूस ने इस पर रोक लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया है।
चीन ने अंतरिक्ष में बड़ा मुकाम हासिल किया है। चीन के 3 अंतरिक्ष यात्री स्पेस में 6 महीने तक विशेष मिशन को अंजाम देने के बाद धरती पर लौट आए हैं। अब चीन 2030 तक चांद पर मानव और मंगल ग्रह के नमूने लाने की तैयारी में जुटा है।
रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में जो किया है उससे अमेरिका भड़का हुआ नजर आ रहा है। अमेरिका ने कहा है कि रूस की सरकार कुछ ना कुछ जरूर छिपा रही है।
जमीनी युद्ध, हवाई युद्ध और समुद्री युद्ध में उलझी दुनिया के बीच चीन ने नए जंग की तैयारी शुरू कर दी है। चीन ने अंतरिक्ष में भी अपनी सैन्य तैनाती कर दी है। अब साइबर युद्ध इकाई का गठन करके अमेरिका समेत दुनिया के तमाम देशों के लिए चीन ने चिंता पैदा कर दी है।
जल, थल और वायुसेना के बाद चीन ने अपनी अंतरिक्ष सेना भी तैयार कर दी है। इससे अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है। ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने नासा चीफ बिल नेल्सन के हवाले अंतरिक्ष में चीन की स्पेस मिलिट्री मौजूद होने का दावा किया है। इस खबर ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है।
अमेरिका ने क्रांतिकारी रूप से अंतरिक्ष पर्यटन की शुरुआत कर दी है। यानि भविष्य में आप भी अब अंतरिक्ष की सैर कर सकेंगे। अमेरिका का अंतरिक्ष यान जल्द ही 6 यात्रियों के साथ अंतरिक्ष की सैर करने जा रहा है। भारत की ओर से गोपी थोटाकुरा पहले अंतरिक्ष पर्यटक होंगे। वह पेशे से उद्यमी और पायलट हैं।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में जिस तरह से इसरो के कदम बढ़ रहे हैं उससे दुनियाभर में भारत की साथ बढ़ी है। चंद्रयान 3 मिशन से जुड़ी टीम को एक और उपलब्धि मिली है। टीम को जॉन एल ‘जैक’ स्विगर्ट जूनियर पुरस्कार मिला है।
भारत के स्पेस साइंटिस्टों का लोहा पूरी दुनिया मान रही है। भारत ने चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कर दुनिया को बता दिया है कि वो अंतरिक्ष के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। इसरो की चंद्रयान 3 टीम को John L Jack Swigert Jr award मिला है।
रूस ने यूक्रेन से युद्ध जारी रहने के बावजूद अपने अंतरिक्ष मिशनों को लगातार बढ़ावा दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में कई महीने गुजारने के बाद रूस का एक दल कैप्सूल के जरिये सुरक्षित धरती पर लौट आया है। इसमें कजाखस्तान और बेलारूस की महिला वैज्ञानिक भी शामिल थीं।
अंतरिक्ष में हर समय लगातार लाखों गतिविधियां होती रहती हैं। कई बार ये गतिविधियां हमारे सौरमंडल और पृथ्वी पर भी प्रभाव डालती हैं। ऐसी ही एक घटना हुई है। भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी से टकराया है।
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) की सफलताओं ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। दुनिया के कई थिंक टैंक अब खुले तौर पर यह मानने को विवश हो गए हैं कि भारत दुनिया के तमाम देशों के लिए अंतरिक्ष का अगुवा बन चुका है। भारत की सफलताओं ने उसे अंतरिक्ष के शीर्ष में ला खड़ा किया है।
रूस ने मॉस्को में बड़े आतंकी हमले के बावजूद अंतरिक्ष में अपने तीन वैज्ञानिकों को भेजकर नई कामयाबी हासिल की है। इस मिशन में नासा के अंतरिक्ष यात्री लोरल ओ'हारा, मैथ्यू डोमिनिक, माइक बैरेट और जेनेट एप्स के साथ-साथ रूसी ओलेग कोनोनेंको, निकोलाई चूब और अलेक्जेंडर ग्रीबेनकिन शामिल हैं।
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