इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने अपने बयान में कहा है कि जब भी इसरो पर 1 रुपये खर्च किया जाता है तो इसके रिटर्न में हमें 2.50 रुपये मिलते हैं। यानी ढाई गुना ज्यादा। उन्होंने कहा कि इसरो बहुत कुछ करता है। हम वित्तपोषण के लिए सिर्फ सरकार पर निर्भर नहीं रह सकते हैं।
आज ही के दिन सोवित संघ ने किसी जीव को अंतरिक्ष में भेजकर इतिहास रचा था। यह एक फीमेल डॉग थी, जो स्पेस मिशन के लिए भेजी गई थी।
स्टारलाइनर यानी बोइंग का अंतरिक्ष विमान जिसे बीते दिनों स्पेस में भेजा गया था, वह वापस धरती पर लौट आया है लेकिन सुनीता विलियम्स और अन्य वैज्ञानिकों के बगैर। आखिर इसके पीछे क्या कारण है चलिए बताते हैं।
Jio जल्द आपके घरों तक बिना किसी तार के सुपरफास्ट इंटरनेट पहुंचाने वाला है। इस इंटरनेट सर्विस का फायदा खास तौर पर उन क्षेत्रों में होगा, जहां ऑप्टिकल फाइबर की तार नहीं बिछाई जा सकता है। जियो ने पिछले साल आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस में अपनी इस सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को पेश किया था।
भारत की स्पेस एजेंसी के मुकाबले पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी कहां ठहरती है। पाक की स्पेस एजेंसी ने अब तक क्या क्या काम किया है? पढ़िए पूरी खबर।
भारतीय अंतरिक्षण अनुसंधन संगठन (इसरो) समेत देश में शुरू हुए कई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप ने पूरी दुनिया में भारत का डंका बजा दिया है। अमेरिका का प्रसिद्ध अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स लिखता है कि जिस तरह से भारत अंतरिक्ष कार्यक्रमों में छलांग लगा रहा है। उससे लगता है कि वह चीन को टक्कर देने की स्थिति में आ गया है।
China Space Station: चीन अपने खुद के अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण कर रहा है। इसी काम के लिए उसने एक अंतरिक्षयान शेनझोउ-15 के जरिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों को रवाना किया है।
US vs China in Space Military Race: सिर्फ दक्षिण चीन सागर में ही नहीं, बल्कि स्पेस मिलिट्री (अंतरिक्ष सैन्य) रेस में भी चीन लगातार अपने वर्चस्व को तेजी से बढ़ा रहा है। चीन के इस बढ़ते वर्चस्व ने अमेरिका को भी चिंता में डाल दिया है।
मन की बात के 94 वें एपिसोड में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठ पूजा, देश में सौर्य उर्जा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में हो रहे विकास और उन्नति के प्रयसो को लेकर बात की। इसके साथ ही उन्होंने गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों के आयोजन और उसकी सफलता को लेकर बात की।
China in Space: चीन अंतरिक्ष में ब्रिटेन और पश्चिमी देशों की सैटेलाइट्स को तबाह करने के लिए नई तरह के हथियारों को विकसित कर रहा है। उसके पास पहले से ही सैटेलाइट-रोधी हथियार भी हैं।
NASA DART Mission: उल्कापिंड डाइमॉरफोस धरती के लिए कोई खतरा नहीं था, लेकिन इससे अंतरिक्षयान की टक्कर कराकर ये पता लगाने की कोशिश की गई है कि क्या भविष्य में उल्कापिंड की टक्कर से धरती को बचाने में मदद मिलेगी।
Universe Sound: जब हम टेलीस्कोप के साथ यूनिवर्स का पता लगाते हैं, तो हम पाते हैं कि यह सितारों की सुपरनोवा मौतों, ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के विलय सहित प्रलयकारी विस्फोटों से भरा है, जो गुरुत्वाकर्षण तरंगें पैदा करते हैं, और तीव्र विस्फोट करते हैं।
James Webb Space Telescope: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को दो दशक की कड़ी मेहनत के बाद 25 दिसंबर, 2021 में लॉन्च किया गया था। इसे बनाने की लागत 10 बिलियन डॉलर थी। आज ये पृथ्वी से 1.6 मिलियन किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में है।
साउदर्न रिंग प्लैनेटरी नेबुला पृथ्वी से 2500 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है, जो अभी तक एंस्ट्रोनॉमर्स से छिपा हुआ था। लेकिन अब जेम्स वेब टेलीस्कोप की मदद से वैज्ञानिकों ने नेबुला के केंद्र में मरते हुए सितारे को करीब से देखा है।
इस समय लैंडसैट 8 और लैंडसैट 9 ग्रह की परिक्रमा कर रहे हैं और अमेरिका के ‘नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) और यूएस जियोलॉजिकल सर्वे एक नए लैंडसैट मिशन की योजना बना रहे हैं।
साल 1989 में भी ये घटना हुई थी। तब कनाडा के क्यूबेक शहर को इसने प्रभावित किया था। वहां इसकी वजह से 12 घंटे के लिए बिजली चली गई थी। जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी थीं।
जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी और काजिमा कंस्ट्रक्शन एक ग्लास बनाने वाले हैं। इसका मतलब है कि इंसान एक आर्टिफिशियल स्पेस हैबिटेट में रहेगा। जिसकी ग्रैविटी पृथ्वी के बराबर होगी।
भारतीय मूल की भव्या लाल को NASA में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। भव्या को नासा ने कार्यकारी प्रमुख बनाया है।
अमेरिका ने रक्षा मंत्रालय के तहत पूर्ण विकसित अमेरिकी अंतरिक्ष बल का गठन कर चीन और रूस से लगातार मिल रही 21वीं सदी की सामरिक चुनौतियों का काट ढूंढ लिया है।
भारत के अंतरिक्ष में पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए 12 संभावित यात्रियों को चुना गया है।
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