America Vs China: मनीला में चीनी दूतावास ने कहा कि वह अमेरिकी नौसेना प्रमुख कार्लोस डेल टोरो की टिप्पणी की कड़ी निंदा करता है। जिसमें “चीन के खिलाफ निराधार आरोप लगाए और दुर्भावनापूर्ण बयान दिए गए थे, इसने “चीन के खतरे” को बढ़ा दिया।
भारत की बात करें तो पूर्वी लद्दाख में 2020 में पैदा हुए गतिरोध के बाद से चीन के साथ उसके रिश्तों में तनाव रहा है।
दक्षिण चीन सागर में तैनात अमेरिकी नौसेना की एक पनडुब्बी हादसे का शिकार हो गई। निगरानी के लिए तैनात इस पनडुब्बी की टक्कर किसी वस्तु से हुई जिससे सबमरीन में सवार कई नौसैनिक घायल हो गए।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन समुद्री सुरक्षा को अत्यंत महत्व देता है और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग वाली सामान्य समुद्री सुरक्षा अवधारणा की पैरवी करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समुद्री सुरक्षा को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में अमेरिका और चीन आपस में भिड़ गए। समुद्री सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय बैठक में दक्षिण चीन सागर में चीनी कार्रवाई को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तीखी बहस हुई।
अमेरिका के सातवें बेड़े ने एक बयान में कहा कि मंगलवार के अभ्यास का उद्देश्य कमान और नियंत्रण क्षमताओं के बीच सामंजस्य बढ़ाना है।
दक्षिणी चीन सागर में ड्रैगन की दादागिरी को इस बार इंडोनेशिया ने जबर्दस्त चोट पहुंचाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडोनेशिया ने अपने एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन में घुस आए एक चीनी जहाज का जबर्दस्त विरोध करते हुए उसे वहां से भागने पर मजबूर कर दिया।
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में बीते 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय नौसेना ने बड़ा कदम उठाते हुए दक्षिण चीन सागर में अपना एक फ्रंटलाइन वॉरशिप (जंगी जहाज) तैनात कर दिया है।
चीन की सेना ने दक्षिणी चीन सागर में दो मिसाइलों का परीक्षण किया जिसमें एक “कैरियर मिसाइल” भी शामिल थी।
चीन की आक्रामक नीतियां इस समय भारत के साथ-साथ दुनिया के कई देशों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। इस बीच एक ऐसी सैटेलाइट तस्वीर सामने आई है, जो ड्रैगन के खतरनाक इरादों की पोल खोलती है।
विस्तारवादी सोच रखने के चलते चीन को एक के बाद एक झटके मिल रहे हैं। अब मलेशिया भी चीन के सामने तनकर खड़ा हो गया है और उसने साउथ चाइना सी पर ड्रैगन के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में करीब 3 साल में पहली बार 3 अमेरिकी एयरक्राफ्ट करियर गश्त कर रहे हैं जो अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव से प्रभावित क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना के बड़े शक्ति प्रदर्शन को दर्शाता है।
चीन और ताइवान के बीच कोरोना वायरस संकट के दौरान विवाद बढ़ता जा रहा है। चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में ताइवान के नियंत्रण वाले दोंगशा द्वीप समूह पर कब्जा करने का युद्धाभ्यास करने का ऐलान करने के बाद तनाव और बढ़ गया है।
बीजिंग ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण चीन सागर (एससीएस) में एक नियम संहिता के लिये दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ काम करने को तैयार है।
अमेरिका ने विवादित दक्षिण चीन सागर में तनाव बढ़ाने वाली चीनी गतिविधियों की गुरुवार को आलोचना की है।
शानाहन ने अंतररराष्ट्रीय मंच पर अपने पहले बड़े संबोधन में चीन और उत्तर कोरिया की चेतावनियों की तीखे शब्दों में निंदा की और कहा कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध रहेगा और वहां स्थायित्व लाने के लिए लाखों डॉलर का निवेश करने को तैयार है।
अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शानाहन ने अन्य देशों की प्रौद्योगिकी चुराने के चीन के प्रयासों और दक्षिण चीन सागर में चौकियां बनाने को लेकर उसकी कड़ी निंदा की तथा कहा कि बीजिंग के खराब बर्ताव का खात्मा होना चाहिए।
चीन ने दक्षिण चीन सागर (एससीएस) में उसके दावे वाले एक चट्टान के पास के क्षेत्र से एक अमेरिकी नौसैनिक जहाज के गुजरने को लेकर कड़ा विरोध दर्ज किया है।
दक्षिण चीन सागर में अमेरिका, फिलीपीन और जापान की नौसेनाओं के साथ भारतीय नौसेना के संयुक्त नौसेना अभ्यास में भाग लेने के कुछ ही दिनों बाद उनकी यह टिप्पणी आई है। यह इस तरह का प्रथम अभ्यास है।
अमेरिका ने चीन के 'वन बेल्ट वन रोड या OBOR' प्रोजेक्ट को निशाने पर लिया है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा है कि OBOR प्रॉजेक्ट 'वन वे रोड' है।
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