वर्ष 2022 के आगाज से ही दुनिया जंग के मुहाने पर खड़ी है। पहले आर्मीनिया-अजरबैजान में जंग हुई। फिर रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ। अब इजरायल और हमास में भीषण जंग चल रही है। इस बीच चीन और फिलीपींस की सेना में भिड़ंत की बात सामने आ रही है। फिलीपींस के अनुसार चीनी तटरक्षकों ने दक्षिण चीन सागर में जानबूझकर जंग छेड़ दी।
दक्षिण चीन सागर में विवादित स्थल पर चीन द्वारा लगाए गए अवरोधकों को फिलीपींस के तटरक्षकों ने हटा दिया है। साथ ही फिलीपींस के राष्ट्रपति ने चीन को लेकर बड़ा बयान भी दिया है। जानिए अपने बयान में उन्होंने क्या कहा?
दक्षिण चीन सागर में अपनी अकड़ कम नहीं कर रहा है। यहां एक विवादित क्षेत्र में फ्लोटिंग बैरियर लगा दिया है। इसका मकसद समुद्री इलाके पर कब्जा करना और फिलीपींस की नौकाओं को उस क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकना है।
साउथ चाइना सी के किसी भी इलाके पर अमेरिका का कोई दावा नहीं है। इसके बावजूद अमेरिका इस इलाके में ड्रिल करता रहा है। अमेरिका का कहना है कि वो ऐसा कर दूसरे देशों खासकर जापान और फिलिपींस की मदद कर रहा है।
दक्षिण चीन सागर में चीन फिर दादागिरी दिखा रहा है। इस बार सैटेलाइट तस्वीरों से जो खुलासा हुआ है, उसने सबके होश उड़ा दिए हैं। दरअसल चीन दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीप पर हवाई पट्टी का निर्माण करने में जुटा है। इसकी लंबाई 600 मीटर से अधिक बताई जा रही है। रिपोर्ट ने दुनिया के तमाम देशों में खलबली मचा दी है।
दक्षिण चीन सागर में अपनी दादागिरी के लिए जाना जाने वाला चीन समुद्र में फिलीपींस से भिड़ गया है। दरअसल चीनी तटरक्षकों ने फिलीपींस के कब्जे वाले इलाके में जा रही उसकी नौका और सैनिकों को रोक दिया। चीनी तटरक्षकों ने उन पर वाटर कैनन से बौछार कर दिया। फिलीपींस और अमेरिका ने इसका कड़ा विरोध किया है।
फिलीपींस के विदेश मंत्री का भारत दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब अभी कुछ दिन पहले ही हिंदुस्तान ने चीन के दुश्मन वियतनाम को अपनी तरफ से एक युद्ध पोत समुद्री सुरक्षा के लिए से गिफ्ट में दिया है। अब फिलीपींस के साथ भी समुद्र, रक्षा और नौवहन को लेकर द्विपक्षीय सहयोग पर बात हो रही है। इससे चीन को दौरा पड़ने लगा है।
दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में चीनी सेना की आक्रामकता लगातार बढ़ती ही जा रही है। इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आने वाले सभी देश भड़क उठे हैं। सभी देशों ने मिलकर चीन की दादागीरी को खत्म करने और उसे सबक सिखाने की ठान ली है। दूसरे ईयू इंडो-पैसिफिक मिनिस्ट्रियल फोरम (ईआईपीएमएफ) में भाग लेने के लिए स्वीडन के स्टॉकहोम पहुंचे।
दक्षिण चीन सागर पर अपना आधिपत्य जमाने वाले चीन ने एक बार फिर दादागीरी दिखाई है। इस बार चीन ने दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस का एक जहाज रोक लिया है। इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। जबकि इससे कुछ दिनों पहले ही चीन ने फिलीपींस से अपने रिश्ते सुधारने की पहल करने का दावा किया था।
अमेरिकी नौसेना ने बताया कि उसने एयरक्राफ्ट केरियरयूएसएस निमित्ज के साथ जंगी अभ्यास किया है। इस दौरान खासतौर पर एयरक्राफ्ट कैरियर से जंगी जेट्स की उड़ान और लैंडिंग की प्रैक्टिस की गई।
चीन ने पाकिस्तान के दोस्त मलेशिया पर दक्षिण चीन सागर में किए जा रहे प्रोजेक्ट्स के काम पर अपना ऐतराज जताया। इस पर मलेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम का कहना है कि चीन सागर के के एक इलाके में मलेशियाई सरकारी एनर्जी फर्म पेट्रोनास की गतिविधियों पर चीन ने आपत्ति जताई है।
फिलीपींस तटरक्षक ने एक बयान में कहा कि फिलीपींस के कब्जे वाले दूसरे थॉमस शोल के पास छह फरवरी को फिलीपीन तटरक्षक के बीआरपी मलपास्कुआ गश्ती जहाज को रोकने के लिए चीनी तटरक्षक जहाज खतरनाक तरीके से उससे लगभग 150 गज की दूरी पर आ गया था।
US-Japan Alliance: चीन की विस्तारवादी नीति सिर्फ ताइवान और भारत के लिए ही नहीं, बल्कि जापान के लिए भी खतरा बन रही है। लिहाजा जापान अभी से सतर्क हो गया है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से शांत अवस्था में बैठा जापान पहली बार हरकत में नजर आ रहा है।
US and China Fighter Jets in South China Sea: ताइवान पर उपजे तनाव के चलते अमेरिका और चीन के बीच दुश्मनी लगातार बढ़ती ही जा रही है। चीन अमेरिका को हर क्षेत्र में चुनौती देने पर आमादा है तो वहीं अमेरिका चीन की दादागीरी को खत्म करने के लिए कुछ भी करने को तैयार है।
China Launched Ballistic Missiles & US on Target: दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की चाल पूरी तरह कामयाब हो गई तो अमेरिका की खैर नहीं होगी। ड्रैगन अब दक्षिण चीन सागर में बैठे-बैठे अमेरिका के कई बड़े शहरों को मिनटों में उड़ाने की क्षमता हासिल कर चुका है।
US China Philippines: कमला हैरिस के फिलीपींस दौरे से अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ सकता है। जो हाल में ही दोनों देशों के राष्ट्रपति जो बाइडेन और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद कम होता नजर आ रहा था।
South China Sea Controversy:पूरे दक्षिण चीन सागर पर चीन आखिर क्यों अपना दावा ठोकता रहा है। आखिर चीन ने क्यों इस सागर के कई फ्लैश प्वाइंट पर अपने लड़ाकू जेट, क्रूज मिसाइल और रडार प्रणाली की तैनाती कर चुका है।
Philippines & US in South China Sea: अमेरिका और चीन के बीच ताइवान पर तनाव का दौर जारी है। ताइवान पर अमेरिका जिस तरह से लगातार दखलंदाजी कर रहा है और चीन उसे रोकने का प्रयास कर रहा है, उससे दोनों देशों में युद्ध की स्थिति बनती जा रही है।
China war preparation: ताइवान का मामला क्या इतना अधिक गंभीर हो चुका है कि अब अमेरिका और चीन युद्ध के मुहाने पर आ खड़े हैं। आखिर क्या वजह है कि चीन अभी से युद्ध की तैयारियों में जुट गया है।
South China Sea: 2018 में पांच एशियाई देशों ने 87 फीसदी ईंधन आयात की आपूर्ति की है। ये देश हैं दक्षिण कोरिया (27 फीसदी), सिंगापुर (26 फीसदी), जापान (15 फीसदी) मलेशिया (10 फीसदी) और ताइवान (9 फीसदी)। शेष आयात भारत (6 फीसदी), मध्य पूर्व (1 फीसदी) और वियतनाम और फिलीपींस (6 फीसदी) सहित विश्व से आया है।
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