दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी के चलते टकराव बढ़ गया है। इसी बीच अमेरिका, जापान और फिलीपींस ने समुद्र में अपनी सेनाएं उतार दी हैं।
जर्मन चांसलर ने दुनिया में छिड़े वैश्विक संघर्षों के राजनीतिक समाधान की वकालत की है। ओलाफ शोल्ज ने कहा कि इसके लिए सभी को कथनी और करनी में तालमेल भी बैठाना होगा।
दक्षिणी चीन सागर में विवादित क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश करते हुए चीनी जहाज को उल्टे भागना पड़ गया है। इंडोनेशिया ने दावा किया है कि उसके तटरक्षक बलों ने चीनी सैन्य बलों वाले जहाज को भिड़ंत के बाद पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता तथा उड़ान की स्वतंत्रता का समर्थन करना जारी रखेगा। उसने इस क्षेत्र में गश्त के लिए नौसेना के जहाज और लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं।
19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है। उन्होंने कहा कि समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता है।
चीन ने एक बार फिर दक्षिण चीन सागर में अपनी ताकत दिखाई है। चीन के जहाजों ने फिलीपींस के जहाज को खाद्य एवं अन्य सामान की आपूर्ति करने से रोक दिया है। चीन की तरफ से इस तरह की हरकतें पहले भी की जाती रही हैं।
चीन और फिलिपींस के बीच एक बार फिर नया विवाद उठ खड़ा हुआ है। चीन का आरोप है कि फिलिपींस के जहाजों ने उसके जहाज में टक्कर मारी है। फिलिपींस की तरफ से इस मामले में किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन) के देश वियतनाम का दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद है। भारत के पास दक्षिण चीन सागर में वियतनामी जलक्षेत्र में तेल अन्वेषण परियोजनाएं हैं। भारत और वियतनाम पिछले कुछ वर्षों में साझा हितों की रक्षा के लिए अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ा रहे हैं।
दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के तट पर चीन के विमान वाहक पोत को गश्त करते हुए देखा गया है। चीन की तरफ से इस तरह का कदम समुद्री इलाके में बढ़ते संघर्ष के मद्देनजर उठाया गया है।
दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस और चीन के नौसैनिकों में जबरदस्त भिड़ंत के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं। फिलीपीनी राष्ट्रपति ने कहा है कि फिलीपींस के सैनिक अब मौके से पीछे नहीं हटेंगे। हम किसी विदेशी ताकत के आगे नहीं झुकेंगे।
दक्षिण चीन सागर में एक बार फिर चीन और फिलीपींस के बीच तनाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। यहां चीनी जहाज और फिलीपींस के एक आपूर्ति जहाज के बीच टक्कर हो गई है।
अमेरिका ने एक बार फिर चीन को कड़ा संदेश दे दिया है। दक्षिण चीन सागर में चीन की चालबाजियों का जवाब देने के लिए अमेरिका तैयार है। रष्ट्रपति जो बाइडन ने साफ कहा है कि अमेरिका फिलीपींस की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
चीनी तटरक्षक जहाजों ने एक बार फिर फिलीपीन की एक नाव को निशाना बनाया है। मामला विवादित दक्षिण चीन सागर तट के पास का है। फिलीपीन ने इस घटना को लेकर कहा है कि चीन अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है।
चीनी कोस्टगार्ड्स ने फिलिपींस के जहाजों को रोका है। इस दौरान मामूली भिड़ंत की भी खबर है। इस कारण फिलीपींस के जहाज को मामूली नुकसान पहुंचा है।
भारत और अमेरिका की दोस्ती अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में समुद्री सुरक्षा को लेकर नई रणनीति पर आगे बढ़ रही है। अमेरिका ने इन क्षेत्रों में चीन की दादागिरी खत्म करने के लिए भारतीय सेना का आधुनिकीकरण शुरू कर दिया है। अमेरिका ने कहा है कि चीन के आक्रामक रवैये को कम करने के लिए भारतीय सेना को मजबूत कर रहे।
दक्षिण चीन सागर में चीन अपनी दादागिरी से बाज नहीं आ रहा है। बौखलाहट में चीनी जहाज ने फिलिपींस के जहाज पर पानी की बौछार तक कर डाली। चीनी जहाज की टक्कर से फिलिपींस के जहाज के इंजन को काफी गंभीर क्षति पहुंची है।
दक्षिण चीन क्षेत्र में चादरों से बनी एक इमारत अचानक धराशाई हो गई। इसमें दबकर 6 लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि अवैध कार्यशाला होने की वजह से मानकों की अनदेखी की गई थी। ऐसे में आशंका है कि निर्माण में लापरवाही बरते जाने से यह हादसा हुआ है।
फिलिपींस के सपोर्ट में अमेरिकी जहाज दक्षिण चीन सागर में प्रविष्ठ हुआ है। यह आरोप चीन ने लगाया है। चीन इस सागर में छोटे देशों पर रौब झाड़ता है और जब अमेरिकी जहाज सागर में आता है, तो सिर्फ मनमसोस कर आरोप लगाता है।
दक्षिण चीन सागर में चीनी लड़ाकू विमान अमेरिकी बमवर्षक के करीब आ गया। दोनों विमानों की टक्कर होते होते रह गई। अमेरिकी सेना ने यह जानकारी दी है।
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