उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कल (शनिवार) शाम 6 बजे पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर कांग्रेस सीईसी (कांंग्रेस कार्य समिति) की बैठक होगी।
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को पत्र लिख कर राज्य सरकार के वादों को अवश्य पूरा किये जाने पर जोर दिया और 2022 के विधानसभा चुनाव घोषणापत्र में शामिल किये जा सकने वाले अपने 13 सूत्री एजेंडा को प्रस्तुत करने के लिए उनसे मिलने का समय मांगा है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के असंतुष्ट नेताओं पर निशाना साधा। जी-23 के असंतुष्ट नेताओं को नसीहत देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि मैं पार्टी की पूर्णकालिक अध्यक्ष हूं और मुझसे बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेने की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान एक बार फिर राहुल गांधी को मिल सकती है। पार्टी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अगले साल सितंबर में चुनाव होंगे।
पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की थी। आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पार्टी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए।
के सी वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘कांग्रेस कार्य समिति की बैठक 16 अक्टूबर को सुबह 10 बजे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यालय 24 अकबर रोड पर बुलाई गई है, ताकि मौजूदा राजनीतिक हालात, आगामी विधानसभा चुनावों और संगठनात्मक चुनावों पर चर्चा की जा सके।’’
सोनिया गांधी नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा मंजूर कर सकती हैं। इसके बाद पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष का ऐलान किया जा सकता है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
कांग्रेस के पूर्व नेता और पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने पार्टी की मौजूदा हालत के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को जिम्मेदार ठहराया है।
बता दें कि 73 दिन पहले पंजाब कांग्रेस की कमान संभालने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने चार लाइन का इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा दिया। सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में सिद्धू ने कहा है कि वो पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकते इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं।
सिद्धू को कांग्रेस पार्टी ने करीब 2 महीने पहले यानि जुलाई में ही पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था। सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखे अपने त्यागपत्र में लिखा है कि वे अपने चरित्र के साथ समझौता नहीं कर सकते और समझौता करने से व्यक्ति की प्रतिष्ठा खत्म हो जाती है।
कांग्रेस पार्टी ने जुलाई में नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त करने की घोषणा की थी। सिद्धू के बनने के बाद पंजाब कांग्रेस और पंजाब सरकार में भारी उथल पुथल हुई थी, यहां तक की सिद्धू के विरोध की वजह से कांग्रेस पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था।
रामदास अठावले ने कहा कि अगर कमला हैरिस अमेरिका की वाइस प्रेजिडेंट बन सकती हैं तो सोनिया गांधी जो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी है और लोकसभा सांसद भी हैं, वो पीएम क्यों नहीं बन सकतीं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस मामले में राहुल और प्रियंका की भूमिका अहम रही तब उन्होंने कहा, "मैं तो दोनों के साथ काफी नजदीक रहा हूं, हालांकि पिछले डेड़ साल से कोविड के दौरान मैं उनसे नहीं मिला हूं, हर दूसरे दिन बात करते हैं।"
इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गांधी परिवार द्वारा खुद को दरकिरार किए जाने को लेकर भी नाराजगी जताई है।
सोनिया गांधी के शिमला में दो-तीन दिनों तक रहने की उम्मीद है और प्रवास के दौरान पार्टी के किसी पदाधिकारी से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है।
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया।
पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सीएम अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद यह कहना कि ‘मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं’, काफी मायने रखता है।
पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की है। सूत्रों ने कहा कि उन्हें पार्टी के भीतर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कहा गया है क्योंकि विधायकों ने एक बार फिर आवाज उठानी शुरू कर दी है...
सूत्रों के मुताबिक सिद्धू समर्थक विधायकों और मंत्रियों ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है जिस पर 40 विधायकों के दस्तखत का दावा किया जा रहा है। इस चिट्ठी में जल्द से जल्द विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग की गई है।
सोनिया गांधी के नेतृत्व का विरोध करने के बाद 1999 में कांग्रेस छोड़ने वाले एनसीपी सुप्रीमो ने हालांकि यह भी कहा कि उनकी पार्टी महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की विचारधारा का अनुसरण करती है।
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