कांग्रेस के पूर्व नेता और पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने पार्टी की मौजूदा हालत के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को जिम्मेदार ठहराया है।
बता दें कि 73 दिन पहले पंजाब कांग्रेस की कमान संभालने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने चार लाइन का इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा दिया। सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में सिद्धू ने कहा है कि वो पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकते इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं।
सिद्धू को कांग्रेस पार्टी ने करीब 2 महीने पहले यानि जुलाई में ही पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था। सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखे अपने त्यागपत्र में लिखा है कि वे अपने चरित्र के साथ समझौता नहीं कर सकते और समझौता करने से व्यक्ति की प्रतिष्ठा खत्म हो जाती है।
कांग्रेस पार्टी ने जुलाई में नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त करने की घोषणा की थी। सिद्धू के बनने के बाद पंजाब कांग्रेस और पंजाब सरकार में भारी उथल पुथल हुई थी, यहां तक की सिद्धू के विरोध की वजह से कांग्रेस पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था।
रामदास अठावले ने कहा कि अगर कमला हैरिस अमेरिका की वाइस प्रेजिडेंट बन सकती हैं तो सोनिया गांधी जो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी है और लोकसभा सांसद भी हैं, वो पीएम क्यों नहीं बन सकतीं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस मामले में राहुल और प्रियंका की भूमिका अहम रही तब उन्होंने कहा, "मैं तो दोनों के साथ काफी नजदीक रहा हूं, हालांकि पिछले डेड़ साल से कोविड के दौरान मैं उनसे नहीं मिला हूं, हर दूसरे दिन बात करते हैं।"
इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गांधी परिवार द्वारा खुद को दरकिरार किए जाने को लेकर भी नाराजगी जताई है।
सोनिया गांधी के शिमला में दो-तीन दिनों तक रहने की उम्मीद है और प्रवास के दौरान पार्टी के किसी पदाधिकारी से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है।
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया।
पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सीएम अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद यह कहना कि ‘मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं’, काफी मायने रखता है।
पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की है। सूत्रों ने कहा कि उन्हें पार्टी के भीतर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कहा गया है क्योंकि विधायकों ने एक बार फिर आवाज उठानी शुरू कर दी है...
पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर बगावत की खबर सामने आई है। सीएम अमरिंदर के खिलाफ तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा ने सोनिया गांधी को एक चिट्ठी भेजी है जिसमें आलाकमान से विधायक दल की बैठक बुलाए जाने की मांग की गई है।
सूत्रों के मुताबिक सिद्धू समर्थक विधायकों और मंत्रियों ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है जिस पर 40 विधायकों के दस्तखत का दावा किया जा रहा है। इस चिट्ठी में जल्द से जल्द विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग की गई है।
सोनिया गांधी के नेतृत्व का विरोध करने के बाद 1999 में कांग्रेस छोड़ने वाले एनसीपी सुप्रीमो ने हालांकि यह भी कहा कि उनकी पार्टी महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की विचारधारा का अनुसरण करती है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने पर अंतिम फैसला करेंगी, क्योंकि कांग्रेस नेता इस मुद्दे पर बंटे हुए हैं।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि रावत ने सोनिया से मुलाकात के दौरान पंजाब कांग्रेस से संबंधित विषयों पर चर्चा करने के साथ ही प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त किए जाने का आग्रह किया।
भूपेल बघेल के समर्थक कहे जाने वाले कई विधायक गुरुवार रात दिल्ली पहुंचे हैं और कुछ विधायक शुक्रवार सुबह दिल्ली पहुंच सकते हैं।
बलूनी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को प्रगति और विकास के रास्ते पर पहुंचाया है और उन्हें लोगों का समर्थन हासिल है।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार के स्तर पर हुए ‘व्यापक कुप्रबंधन’ के कारण लोगों को गहरी पीड़ा से गुजरना पड़ा।
सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई डिजिटल बैठक के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि सरकार पैगसस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराए, तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करे, महंगाई पर अंकुश लगाए तथा जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करे।
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