सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया है, ''सोनागाछी की करीब 89 फीसदी यौनकर्मी वैश्विक महामारी के दौरान कर्ज के जाल में फंस गई हैं। इनमें से 81 फीसदी से अधिक कर्मियों ने असंगठित क्षेत्रों-खासकर साहूकारों, वेश्यालयों के मालिकों और दलालों से उधार लिया है।
देशभर में यौन कर्मी के तौर पर काम करने वाली लगभग 50 लाख महिलाओं के लिए अभी भी चुनाव के अहम मुद्दे पहचान सुनिश्चित करने वाले सरकारी दस्तावेज, बैंक खाते, पेंशन और उनके बच्चों को शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधा दिलवाना है।
भले ही देह-व्यापार को लेकर कानून हों लेकिन देश के कई हिस्सों में ये आज भी लाखों लड़कियां इस घिनौने काम के लिए बेची ख़रीदी जाती हैं। उन्हीं इलाकों में से एक है कोलकाता का सोनागाछी जहां बच्ची के पैदा होते ही उसकी क़िस्मत का फ़ैसला हो जाता है कि उसे आग
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