अडानी ग्रीन एनर्जी ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ एक डील की है। यह डील 1,799 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए हुई है। भारत का साल 2030 तक 500 गीगावॉट (एक गीगावाट 1,000 मेगावाट) ग्रीन फ्यूल कैपेसिटी हासिल करने का लक्ष्य है।
सूरज में एक बहुत बड़ा गड्ढा हो गया है। यह गड्ढा इतना बड़ा है कि इसमें एक दो नहीं बल्कि 60 पृथ्वी समा सकती है। इस बड़े गड्ढे की वजह से सोलर तरंगें निकल रही हैं। इससे पृथ्वी पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
आज रविवार का दिन है। यह दिन सूर्य नारायण का होता है। ऋग वेद में तो सूर्य देव की बड़ी महिमा का गुणगान किया गया है। लेकिन आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि राहु आखिर सूर्य को क्यों बनाते हैं अपना ग्रास और क्या दुश्मनी है इन दोनो के बीच में।
नासा ने चेतावनी दी है और कहा है कि शुक्रवार, 30 नवंबर को शक्तिशाली सौर तूफान पृथ्वी से टकरा सकता है जिसकी वजह से इंटरनेट, रेडियो और जीपीएस सिग्नल को बाधित हो सकता है। जानिए और क्या तबाही ला सकता है सौर तूफान-
12 नवंबर को भूस्खलन के कारण सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद मजदूर उसमें फंस गए थे। सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना का हिस्सा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस फैसले से मेक-इन-इंडिया को सपोर्ट मिलेगा। सरकार किसी भी पुराने डिवाइस या टेक्नोलॉजी का समर्थन करने की परमिशन नहीं देगी।
Solar Eclipse: धर्म शास्त्र में सूर्य ग्रहण के दौरान कई कामों की मनाही होती है। हिंदू धर्म में ग्रहण को शुभ नहीं माना गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि ग्रहण के समय और बाद में क्या करना चाहिए।
अगर आप आसमान में देखकर अपने सवालों के जवाब ढूंढने वालों में से है तो ये खबर आपके काम की है। बता दें कि जल्द ही आसमान में आपको एक अदभुत नजारा देखने को मिलेगा। इसकी जानकारी अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने दी है।
नासा ने अनुमान लगाया है कि पिछले कई वर्षों से सौरमंडल में चक्कर लगा रहा बेनू एस्टेरॉयड धरती से टकरा सकता है। इस टक्कर की वजह से धरती पर भयानक तबाही मच सकती है।
भारत का आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान धीरे-धीरे सूर्य के एल-1 कक्षा के करीब पहुंचने के लिए आगे बढ़ रहा है। मगर इस बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सौर तूफान की सूचना देकर आदित्य एल-1 को नुकसान पहुंचने और मिशन के अधर में पहुंचने की सूचना देकर इसरो को चिंता में डाल दिया है।
इसरो अपने मून मिशन चंद्रयान के बाद अब सूर्य मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है। 2 सितंबर को प्रक्षेपण के लिए इसरो का आदित्य-एल1तैयार है।
भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। हालांकि, कोयला आधारित उत्पादन बिजली पारेषण ग्रिड के परिचालन की स्थिरता को सुनिश्चित करता है।
पृथ्वी से खतरनाक सोलर तूफान के टकराने से हाहाकार मच गया है। कोरोनल मास इजेक्शन के कारण यह घटना हुई है। इसके बाद वैज्ञानिकों ने धरती के कई हिस्सों में भूकंप आने का अंदेशा जताया है।
4 से 5 अगस्त के बीच जी-1 श्रेणी (कम शक्तिशाली) का भू-चुंबकीय तूफान आ सकता है। इन्हें एम-श्रेणी के सौर ज्वाला ने विस्फोट के बाद पृथ्वी की ओर फेंका था।
तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र तक काम कर रहे रिलायंस समूह ने सौर विनिर्माण के साथ-साथ हाइड्रोजन बाजार में उतरने की घोषणा की है।
तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र तक काम कर रहे रिलायंस समूह ने सौर विनिर्माण के साथ-साथ हाइड्रोजन बाजार में उतरने की घोषणा की है।
Rooftop Installation: भारत में सोलर एनर्जी को तेजी से बल मिल रहा है। रूफटॉप इंस्टॉलेशन में भी तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है।
Surya Grahan 2023: साल 2023 का आखिरी सूर्य ग्रहण कब और कहां-कहां दिखाई देने वाला है। यहां जानिए ग्रहण से जुड़ी सभी जानकारी। बता दें कि हिंदू धर्म में ग्रहण के समय को अशुभ माना जाता है।
Solar Energy AC Future: यह हीटवेव के दौरान विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है जब बिजली की मांग अक्सर पावर ग्रिड की क्षमता से अधिक हो जाती है, तब बिजली की सप्लाई बाधित हो जाती है। इस दौरान सोलर एनर्जी काफी मददगार साबित होती है।
Chandra Grahan 2023: आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण भारत को प्रभावित करेगा या नहीं और सूतक काल मान्य होगा या नहीं।
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