भारत ने सौर उर्जा संयंत्रों को स्थापित करने के क्रम में छह वर्षों से कम समय में 6,000 मेगावाट सौर उर्जा क्षमता स्थापित की है।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश के आकर्षण सूचकांक में भारत तीसरे स्थान पर हैं। इसमें पहले और दूसरे स्थान पर अमेरिका तथा चीन हैं।
भारत अगले कुछ दिनों में WTO की सौर उर्जा समिति के उस फैसले के खिलाफ अपील करेगा। समिति ने कंपनियों के साथ भेद-भाव का आरोप लगाया था।
भारत, अमेरिका के खिलाफ 16 मामले दायर करेगा। पीयूष गोयल ने कहा, डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन करते हुए अमेरिका ने सौर पैनल निर्माताओं को संरक्षण दिया है।
संयुक्तराष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विकासशील देशों में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश के मामले में भारत और चीन 2015 में सबसे आगे रहे।
भारत को अपनी सोलर और इंटरनेट प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी फाइनेंशियल इंस्टीटयूशन से 42.1 करोड़ डॉलर (करीब 2800 करोड़ रुपए) मिलेंगे।
भारत के खिलाफ फैसला देते हुए डब्ल्यूटीओ ने कहा कि सोलर फर्मों के साथ सरकार के बिजली खरीद समझौते अंतरराष्ट्रीय नियमों से असंगत रहे।
भारत में 24 घंटे बिजली का सपना पूरा करने के लिए 2030 तक पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार 65 लाख करोड़ रुपए खर्च कर सकती है।
छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए सोलर पावर कंपनियां अब कमर्शियल और इंडस्ट्रियल बिल्डिंग के अलावा रेजिडेंशियल बिल्डिंग पर भी फोकस कर रही हैं।
देश में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और पावर सेक्टर में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्रीय कैबिनेट ने नई पावर टैरिफ पॉलिसी को अपनी मंजूरी दे दी है।
भारत के प्रतिष्ठित IISc को अमेरिकी सेना से सौर सोलर पावर से चलने वाली माइक्रो-ग्रिड पर रिसर्च और डेवलपमेंट का कॉन्ट्रैक्ट मिला है।
उत्पादन में गिरावट और सोलर पावर उपकरण बनाने वाली कंपनियों की ओर से बढ़ती मांग से चांदी की कीमतों में जल्द ही तेजी देखने को मिल सकती है। इसे खरीदने का मौका है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने CFL पर दी जाने वाली सब्सिडी बंद करने का फैसला किया है। इस कदम का उद्देश्य LED लाइट को बढ़ावा देना है।
देश में बिजली की कमी और घट गई है और पिछले डेढ़ साल में अतिरिक्त उत्पादन क्षमता जोड़ी गई है। इसके कारण बिजली की कमी घटकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गई है।
केपीएमजी ने अपनी ‘दि राइजिंग सन’ नामक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि 2020 तक भारत में सोलर पावर के दाम कोल पावर की तुलना में 10 फीसदी तक कम हो सकते हैं।
बिजली की कमी से जूझते शहरों और गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए PM मोदी ने एक नया रास्ता निकाला है। PM मोदी ने इस रास्ते को ‘प्रकाश पथ’ का नाम दिया है।
भारत में अब सोलर पावर की कीमतें रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच सकती हैं। सन एडिसन ने भारत में सबसे कम कीमत पर सोलर बिजली बनाने का प्रोजेक्ट हासिल किया है।
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