सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के मद्देनजर मंगलवार को निर्णय लिया कि उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा पैनल लगाने में किसी भी तरह के खर्च का वहन नहीं करना होगा
देश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता में अक्षय ऊर्जा का हिस्सा 2022 तक बढ़कर करीब 18 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा। यह अभी 7.8 प्रतिशत है।
सोलर ट्रेकिंग सिस्टम के लिये जर्मनी की कंपनी डीईजीईआर एनर्जी और महाराष्ट्र की कंपनी कावित्सू रोबोट्रोनिक्स प्रा. लि. के बीच संयुक्त उद्यम समझौता हुआ है।
छतों पर लगने वाली सौर परियोजनाओं की गति अच्छी नहीं होने से सरकार के लिए छतों के ऊपर लगी परियोजनाओं के जरिए 2022 तक 40,000 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन की क्षमता सृजित करने का लक्ष्य हासिल करना कठिन हो सकता है।
2022 तक सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट्स के जरिये 40 गीगावाट बिजली पैदा करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र सरकार एक नई रेंट ए रूफ पॉलिसी पर काम कर रही है।
23 देशों के राष्ट्राध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने दिल्ली आए हुए हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के साथ सम्मेलन की मेजबानी करेंगे।
देश के प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल काकोदकर ने आज परमाणु बिजली परियोजनाओं पर सब्सिडी दिए जाने पर बल दिया ताकि यह कम लागत वाली सौर-ऊर्जा परियोजनाओं की बिजली से प्रतिस्पर्धा कर सके।
कंपनी शुरू में कल-पुर्जे अन्य घरेलू कंपनियों से खरीदेगी पर बाद में खुद उत्पादन करेगी। वह जर्मनी और चीन से मशीनें मंगवाकर लगाना शुरू कर चुकी है
मार्च 2018 तक 21,000 मेगावाट तक सौर एवं पवन ऊर्जा जुटाने की नीलामी की जाएगी। अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उल्टी नीलामी की सफलता के बाद यह रूपरेखा पेश की गयी है।
टाटा पॉवर के मुताबिक सितंबर तिमाही के दौरान अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो से 173 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ, पिछले साल सिर्फ 86 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था।
अमेरिका के फ्यूचरिस्ट टॉनी सेबा का दावा है कि 5 साल बाद पेट्रोल की कीमत 30 रुपए प्रति लीटर या इससे भी कम हो सकती है।
आजादी पाने के बाद देश का विकास सबसे बड़ा सवाल था। इसके लिए हर स्तर पर निरंतर प्रयास जारी रहे जिसका नतीजा है कि देश आज विकाशसील से विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है।
सौर ऊर्जा को सस्ता बनाने को लेकर सरकार की कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं। उत्पादन लागत घटने के चलते इससे जुड़ी कंपनियां भी काफी उत्साहित हैं।
आंध्रप्रदेश के कडप्पा में 250 मेगावाट की एक सौर परियोजना की नीलामी में सौर ऊर्जा की औसत दर गिरकर 3.15 रुपए प्रति यूनिट हो गई। यह अब तक की सबसे कम औसत दर है।
सरकार का रेन्युएबल एनर्जी (सोलर) पर फोकस लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकार ने सोलर एजेंसी और चैनल पार्टनर की नियुक्ति की ऑनलाइन प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है।
चीन को झटका देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। केंद्र सरकार सोलर पैनल की खरीद को कम करने पर विचार कर रही है।
भारत में अक्षय ऊर्जा संसाधनों के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं इनका दोहन करने के लिए रणनीतिक योजना के साथ-साथ प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता है।
सौर ऊर्जा संयंत्रों में सोलर पैनलों की सफाई के लिए इजरायल की कंपनी इकोपिया ने सोलर रोबोट के जरिए सफाई की नवीन प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया।
तेजी से कम होते टैरिफ, टेक्नोलॉजी में सुधार और पीवी पैनल का दुनियाभर विशेषकर चीन से अत्यधिक आपूर्ति से भारत के सोलर एनर्जी को गति मिल रही है।
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