मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में स्लोडाउन और विमुद्रिकरण के प्रभावों के चलते वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में जीडीपी की दर गिरकर 5.7 फीसदी रह गई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चौथी तिमाही में GDP की ग्रोथ रेट में गिरावट के पीछे नोटबंदी का प्रभाव होने की बात को नकारते हुए कहा कि इसके कई अन्य कारण भी हैं।
नोमूरा ने कहा है कि देश की जीडीपी वृद्धि दर इससे पिछली तिमाही के 7.6 प्रतिशत से घटकर जनवरी-मार्च की तिमाही में 7.2 प्रतिशत पर आ जाएगी।
चालू वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ घटकर 6.7 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है। जापानी वित्तीय सेवा कंपनी नोमूरा ने यह बात कही है।
चीन ने इस साल शहरी नागरिकों के लिए आर्थिक मंदी के बावजूद 1.1 करोड़ नई नौकरियों के सृजन का लक्ष्य तय किया है। दूसरी ओर उपभोक्ता महंगाई दर 0.8 फीसदी घटी है।
4जी के नाम पर कम स्पीड देने वाली कंपनियों की अब खैर नहीं। ट्राई ने ग्राहकों की समस्यों के मद्देनजर देश में टेलीकॉम टैरिफ पर नियंत्रण की शुरुआत कर दी है।
देश के सबसे मूल्यवान बैंक एचडीएफसी बैंक में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान कर्मचारियों की संख्या में 4,581 की कमी आई है।
2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 1.2 करोड़ से 1.4 करोड़ तक छोटी किराने की दुकाने हैं, इनमें से अधिकांश नोटबंदी के बाद कारोबार में मंदी झेल रही हैं।
भारत की फ्यूल डिमांड ग्रोथ 2017 में पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी घटने का अनुमान है। नोट को बंद करने से पैदा हुए नकदी संकट की वजह से ऐसा होगा।
देश के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की इकोनॉमिक हेल्थ का इंडीकेटर माने जाने वाले PMI दिसंबर में घटकर 49.6 अंक रह गया, जो कि इससे पहले नवंबर में 52.3 अंक था।
नोमुरा ने कहा है कि नकदी संकट की वजह से निकट भविष्य में इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार कहीं अधिक सुस्त पड़ेगी, जो कि अगले साल की पहली तिमाही तक बनी रह सकती है।
दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की आर्थिक नरमी की खराब स्थिति वैश्विक आर्थिक वृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
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