दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों को सोमवार को किले में तब्दील कर दिया गया। पुलिस ने वहां सुरक्षा कड़ी कर दी और बैरीकेड की संख्या बढ़ा दी।
भारतीय किसान यूनियन (आर) के नेता बलबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 6 फरवरी को दिन में 12 बजे से 3 बजे तक राष्ट्रीय और राज्य मार्गों का देशव्यापी चक्का जाम करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट बैन, बजट में किसानों को नजरअंदाज किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर हम चक्का जाम करेंगे।
कि गाजीपुर से लेकर सिंघु बॉर्डर तक हलचल बहुत बढ़ गई है.। सिक्योरिटी बेहद टाइट कर दी गई है.। फोर्स बढ़ा दी गई है.। गाजीपुर बॉर्डर पर कई लेयर की सुरक्षा है....वॉटर कैनन भी मंगवा लिए गए हैं.। तारों से रास्तों की बैरिकेडिंग कर दी गई है.।
गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के दौरान लालकिले पर प्रदर्शनकारियों द्वारा धार्मिक झंडा फहराये जाने की घटना के दौरान मौजूद रहे अभिनेता दीप सिद्धू ने मंगलवार को प्रदर्शनकारियों के कृत्य का यह कह कर बचाव किया कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया और केवल एक प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर ‘निशान साहिब’ को लगाया था।
रविवार को दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का समर्थन करने पहुंचे लुधियाना के कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
हालांकि किसानों के 'दिल्ली चलो' के विरोध का हिस्सा शांतिपूर्ण रहा है, लेकिन इससे इन दोनों क्षेत्रों में यातायात की आवाजाही प्रभावित हुई है। दिल्ली पुलिस के सिंघू और टिकरी की सीमाओं को बंद रखने के साथ ही वाहनों की लंबी कतारें लग गयीं।
केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने 8 दिसंबर को नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को अपना समर्थन दिया है। केजरीवाल ने कहा कि देश भर के सभी AAP कार्यकर्ता देशव्यापी हड़ताल का समर्थन करेंगे।
प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाले रहे। 07 दिसंबर को भी, वे केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरोध में सिंघू सीमा पर रुके रहे।
प्रेस कॉन्फेंस के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हम क़ानून हटाना चाहते हैं जबकि सरकार क़ानून में बदलाव करने के लिए तैयार है। MSP पर कानून बनाने के लिए तैयार हैं लेकिन हम क़ानून वापस करवाकर ही दम लेंगे। सर्वसम्मति से कुछ फ़ैसले लिए गए हैं। 8 दिसंबर को भारत बंद होगा।
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने गृहमंत्री अमित शाह की उस अपील को मानने से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने किसानों से बुराड़ी में धरना प्रदर्शन स्थल (मैदान) में जाकर अपना विरोध जारी रखने की बात कही थी और कहा था कि किसानों के धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंचते ही सरकार उनसे बातचीत करेगी। गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार देर शाम यह अपील की थी।
संपादक की पसंद