चौबीसों घंटे लंगर सेवा चलने, उद्योगों के पूरी तरह से बंद होने और लोगों और वाहनों की आवाजाही कम होने के चलते दिल्ली-हरियाणा नेशनल हाईवे पर स्थित कई भोजनालयों की आर्थिक हालत बहुत खराब होती जा रही है।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के निकट सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने धुले हुए कपड़ों को तेजी से सुखाने के लिए इस्त्री करने की व्यवस्था शुरू की है।
उत्तर प्रदेश के रॉबर्टगंज से भाजपा विधायक भूपेश चौबे ने अपने ट्विटर हेंडल पर उदित राज का विडियो शेयर किया था और साथ में उस विडियो पर टिप्पणी भी की थी।
सिंघु बॉर्डर पर सीआईएसएफ के जवान प्रदीप कुमार ने इंसानियत की मिसाल पेश की। बता दें कि प्रदीप कुमार की तैनाती सिंघु बॉर्डर पर है। प्रदीप कुमार ने देखा कि एक नेपाली शख्स बिना कपड़ों के घूम रहा था और ठंड से पूरी तरह अकड़ा हुआ था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को केंद्र से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील करते हुए कहा था कि किसान जीवित रहने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर आज पूरे देश में किसान संगठनों ने चक्का जाम किया। दोपहर 3 बजे किसानों का चक्का जाम खत्म हो गया है लेकिन किसानों के आंदोलन का एपी सेंटर दिल्ली में भारत बंद पूरी तरह बेअसर दिखा।
पंजाब और हरियाणा से ट्रैक्टर ट्रॉलियों, कारों में सवार होकर और किसान मंगलवार को यहां सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे जहां केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ से बुलाए गए भारत बंद के कारण सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं।
हालांकि किसानों के 'दिल्ली चलो' के विरोध का हिस्सा शांतिपूर्ण रहा है, लेकिन इससे इन दोनों क्षेत्रों में यातायात की आवाजाही प्रभावित हुई है। दिल्ली पुलिस के सिंघू और टिकरी की सीमाओं को बंद रखने के साथ ही वाहनों की लंबी कतारें लग गयीं।
केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने 8 दिसंबर को नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को अपना समर्थन दिया है। केजरीवाल ने कहा कि देश भर के सभी AAP कार्यकर्ता देशव्यापी हड़ताल का समर्थन करेंगे।
प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाले रहे। 07 दिसंबर को भी, वे केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरोध में सिंघू सीमा पर रुके रहे।
गोपाल राय ने कहा कि हमने सुना था कि कोर्ट में तारीख पर तारीख पड़ती है,समाधान नहीं आता।पहली बार देख रहे हैं कि किसान ठंड से ठिठुर रहे और सरकार वार्ता के नाम पर केवल टालमटोल कर रही है। किसान मांग कर रहे हैं कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए तो सरकार जबरदस्ती उसके फायदे गिना रही है।
प्रेस कॉन्फेंस के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हम क़ानून हटाना चाहते हैं जबकि सरकार क़ानून में बदलाव करने के लिए तैयार है। MSP पर कानून बनाने के लिए तैयार हैं लेकिन हम क़ानून वापस करवाकर ही दम लेंगे। सर्वसम्मति से कुछ फ़ैसले लिए गए हैं। 8 दिसंबर को भारत बंद होगा।
केंद्र सरकार से बातचीत का पहला राउंड फेल होने के बाद किसानों ने आंदोलन तेज कर दिया है। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने बवाल शुरू कर दिया है। यहां किसान रास्ता जाम करने के लिए गाय लेकर पहुंच गए हैं।
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने गृहमंत्री अमित शाह की उस अपील को मानने से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने किसानों से बुराड़ी में धरना प्रदर्शन स्थल (मैदान) में जाकर अपना विरोध जारी रखने की बात कही थी और कहा था कि किसानों के धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंचते ही सरकार उनसे बातचीत करेगी। गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार देर शाम यह अपील की थी।
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