सिंधु बॉर्डर पर कम हो चुकी है किसानों की भीड़, देखिए सिंधु बॉर्डर की सच्ची तस्वीर
किसान आंदोलन के सबसे बड़े हॉट स्पॉट सिंघु बॉर्डर खाली-खाली और शांत दिखा। जहां किसान नेताओं का मजमा लगता था, सड़कों पर भीड़ जुटी रहती थी, भाषणों का शोर और आंदोलनकारियों का हुड़दंग था, वहां अब आंदोलन के तंबू उखड़ने लगे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू बॉर्डर पर शनिवार को हालात सामान्य रहे। वहीं, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर तीन घंटे का चक्का जाम किया गया।
DPDA ने कहा है कि सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध के कारण पिछले 65 दिनों में जीरो कारोबार के साथ उनके लिए गुजारा करना अब मुश्किल हो गया है।
नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोन के बीच सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर आज रात 11.59 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ करीब ढाई माह से जारी आंदोलन के बीच आज किसान देश भर में चक्का जाम करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम करने का फैसला किया है।
दिल्ली-उत्तरप्रदेश सीमा पर कड़ी सुरक्षा वाले प्रदर्शन स्थल गाजीपुर बॉर्डर पर सैकड़ों किसान सर्द रात और बृहस्पतिवार सुबह हुई बूंदाबांदी के बीच केंद्र के नए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर डटे रहे।
इंडिया टीवी के साथ एक विशेष बातचीत में कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर चर्चा की।
सोमवार की सुबह टीकरी में हरियाणा के साथ दिल्ली की सीमा के अतिरिक्त रातोंरात देखा गया | हरियाणा की ओर से आने वाले वाहनों के टायरों को पंचर करने के लिए लोहे की कीलें रोहतक रोड की चौड़ाई में पंक्तियों में लगाई गई |
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों को सोमवार को किले में तब्दील कर दिया गया। पुलिस ने वहां सुरक्षा कड़ी कर दी और बैरीकेड की संख्या बढ़ा दी।
भारतीय किसान यूनियन (आर) के नेता बलबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 6 फरवरी को दिन में 12 बजे से 3 बजे तक राष्ट्रीय और राज्य मार्गों का देशव्यापी चक्का जाम करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट बैन, बजट में किसानों को नजरअंदाज किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर हम चक्का जाम करेंगे।
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों को सोमवार को किले में तब्दील कर दिया गया। पुलिस ने वहां सुरक्षा कड़ी कर दी और बैरीकेड की संख्या बढ़ा दी।
गृह मंत्रालय ने 29 जनवरी को इजरायली दूतावास पर हुए हमले और 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के मद्देनजर इमरजेंसी कारणों से सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर व उसके आसपास के 500 मीटर के इलाके तक इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी किया था जिसकी अवधि को बढ़ा दिया गया है।
कि गाजीपुर से लेकर सिंघु बॉर्डर तक हलचल बहुत बढ़ गई है.। सिक्योरिटी बेहद टाइट कर दी गई है.। फोर्स बढ़ा दी गई है.। गाजीपुर बॉर्डर पर कई लेयर की सुरक्षा है....वॉटर कैनन भी मंगवा लिए गए हैं.। तारों से रास्तों की बैरिकेडिंग कर दी गई है.।
गाजीपुर बॉर्डर पर दोनों तरफ के रास्ते बंद कर दिए गए हैं, वहीं सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर मोबाइल इंटरनेट सेवा भी फिलहाल रोक दी गई है।
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुए उपद्रव और हिंसा की घटनाओं के बाद किसान आंदोलन की तस्वीर हर दिन के साथ बदल रही है, इसके साथ ही इस आंदोलन के समीकरण भी बदल रहे हैं ।
शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन सिंघू बॉर्डर के आसपास से स्थानीय किसान वहां भारी संख्या में पहुंचे और विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के विरोध में ही नारे लगाना शुरू कर दिए।
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली की आड़ में जो दंगे हुए उससे देश गुस्से में है। अब किसानों की शक्ल में आए इन गुंडों के खिलाफ पब्लिक सड़कों पर उतर आई है। वहीं दिल्ली पुलिस भी इनके खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी में जुटी है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के दौरान लालकिले पर प्रदर्शनकारियों द्वारा धार्मिक झंडा फहराये जाने की घटना के दौरान मौजूद रहे अभिनेता दीप सिद्धू ने मंगलवार को प्रदर्शनकारियों के कृत्य का यह कह कर बचाव किया कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया और केवल एक प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर ‘निशान साहिब’ को लगाया था।
रविवार को दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का समर्थन करने पहुंचे लुधियाना के कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
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