सिंघु बॉर्डर पर किसानों की आज हुई बैठक में ये फैसला लिया गया है कि सरकार पहले किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस ले उसके बाद ही आंदोलन खत्म किया जाएगा। कल किसानों की अहम बैठक होने वाली है।
किसान आंदोलन खत्म होने की राह में एक बार फिर पेंच फंस गया है। मंगलवार को सिंघू बॉर्डर पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि आंदोलन के दौरान मुकदमा वापसी पर पेंच फंस गया है और आज फैसला नहीं हो पाया है।
किसान आंदोलन खत्म होने की राह में एक बार फिर पेंच फंस गया है। मंगलवार को सिंघू बॉर्डर पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि आंदोलन के दौरान मुकदमा वापसी पर पेंच फंस गया है और आज फैसला नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजा देने के लिए तैयार है लेकिन यह भी ‘पंजाब मॉडल’ की तर्ज पर होना चाहिए।
किसानों की ओर से सरकार को दिए गए डेडलाइन का आज आखिरी दिन भी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 4 तारीख को बैठक की थी और केंद्र सरकार को 2 दिन का वक्त दिया था।
किसान आंदोलन ख़त्म हो रहा है। बातचीत शुरु हो रही है। अब किसान और मोदी सरकार एक लाइन पर दिख रही है। 7 दिसम्बर को Good न्यूज़ आ सकती है। किसान वापस जा सकते हैं। किसानों के खेमे से ख़बर आ रही है। कि अब ना तो मोदी के खिलाफ..न सरकार के खिलाफ और न बीजेपी के खिलाफ कोई रैली निकलेगी। और न कोई विरोध प्रदर्शन होगा। राहुल को इसकी भनक लग गई है। इसलिए वो अभी भी किसानों के बहाने मोदी मोदी कर रहे हैं।
केंद्र ने एमएसपी एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए मंगलवार को एसकेएम से पांच नाम मांगे थे। हालांकि बाद में एसकेएम ने एक बयान में कहा था कि उसके नेताओं को केंद्र से इस मुद्दे पर फोन आये थे लेकिन कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है।
कोई भी आंदोलन अनंतकाल तक नहीं चलता । एक मकसद के साथ आंदोलन शुरू होता है और अंजाम तक पहुंच जाने पर ख़त्म होता है। पंजाब के किसान नेता सतनाम सिंह का बयान आया लगा आंदोलन ख़त्म होने को है। तो राकेश टिकैत का बयान आया आंदोलन समाधान की तरफ़ जा रहा है लेकिन सरकार से कोई बातचीत नहीं हुई। देखिए मुक़ाबला मीनाक्षी जोशी के साथ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले घोषणा की थी कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेगी और इस तरह सरकार ने किसानों की मांग को मान लिया।
कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसान घर वापसी के लिए तैयार नहीं हैं। किसान फिलहाल दिल्ली के बॉर्डर्स से नहीं हटेंगे। आज सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी। क्या है किसानों का नया प्लान? देखिए मुक़ाबला सुरभि शर्मा के साथ।
बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, हमने मीटिंग में तय किया है कि जो कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले तय किए थे वे आगे भी जारी रहेंगे। 27 तारीख को फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी।
मामले की जांच कर रहे हरियाणा पुलिस के अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि मृतक पिछले 5-6 महीने से प्रदर्शन स्थल पर था। वो पंजाब के फतेहगढ़ का रहने वाला था और उसने सोनीपत के सुशांत सिटी के नजदीक एक पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली।
निहंगों के एक नेता ने कहा कि सिंघु पर बुधवार को उनकी एक महापंचायत हुई। बैठक में हिस्सा लेने वाले एक सूत्र ने बताया, ‘‘हम सिंघु बॉर्डर से जाने वाले नहीं हैं। हम यहां किसानों के समर्थन में आए हैं।’’
कुछ दिन पहले सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की निर्मम हत्या कर दी गई थी, उसके हाथ और पैर को काट दिया गया था तथा शव को लटकाया गया था। हत्या का आरोप निहंग सिखों पर है और इस मामले में पुलिस कई गिरफ्तारियां भी कर चुकी हैं।
किसानों के धरनास्थाल सिंघू बॉर्डर पर फ्री में मुर्गा देने से मना करने पर एक मजदूर से मारपीट और उसके पांव तोड़ने की घटना सामने आई है। इसका आरोप भी निहंग सिख पर लगा है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी निहंग को गिरफ्तार कर लिया है।
पीड़ित ने यह दावा किया कि वह एक फार्म से चिकन लेकर प्रदर्शन स्थल के पास डिलिवरी के लिए जा रह था। उसी समय सरदार जी आए और उससे चिकन की मांग करने लगे।
सिंघू बॉर्डर के पास किसानों के प्रदर्शन स्थल पर एक मजदूर की पीट-पीट कर हत्या करने में कथित तौर पर संलिप्त रहे तीन लोगों को सोनीपत की एक अदालत ने छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
बीजेपी ने पंजाब सरकार पर सिंघु बॉर्डर पर कत्ल किए गए लखबीर सिंह के अंतिम संस्कार में अपमान का आरोप लगाया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि लखबीर सिंह के पार्थिव शरीर का अपमान हुआ है।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि लखबीर सिंह के पार्थिव शरीर का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि लखबीर सिंह का अंतिम संस्कार रात के अंधेरे में मोबाइल फोन की रोशनी में जल्दबाजी में कर दिया गया।
सिंघु बॉर्डर पर एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या को लेकर आलोचना झेल रहे किसान नेताओं ने शनिवार को कहा कि वे प्रदर्शन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर तथा स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाकर सुरक्षा चौकस करेंगे और इस घटना का केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन स्थल पर बने मंच के पास हुई दलित शख्स लखबीर सिंह की हत्या के मामले में शनिवार को तीन आरोपियों ने सरेंडर किया। इन तीनों सहित अब तक चार आरोपी सरेंडर कर चुके हैं। एक ने शुक्रवार को सरेंडर किया था।
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