प्रणव मेर ने कहा, ‘‘कमजोर डॉलर, वैश्विक केंद्रीय बैंकों से और ज्यादा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, सुरक्षित निवेश की मांग और ईटीएफ फंड के फ्लो से कीमतों को समर्थन मिल रहा है।’’ कारोबारियों के अनुसार, आभूषण विक्रेताओं की लगातार खरीदारी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत रुख के कारण सोने की कीमतों में तेजी आई।
अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती जारी रहने की उम्मीद और पश्चिम एशिया में तनाव के कारण सोने की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं। इस बात की उम्मीदें बढ़ गई हैं कि अमेरिकी फेड इस साल के आखिर तक दरों में 50-75 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।
सोना-चांदी कारोबारियों को इस बात का भरोसा है कि अमेरिका में फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में भारी कटौती हो सकती है और इसके साथ ही ब्याज दरों में ढील का दौर शुरू हो सकता है।
इस सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। डॉलर के नरम रुख के बीच भारत में सोने की कीमत में सोमवार को तेजी का रुझान दिखा।
अमेरिकी बेरोजगारी दावों और जीडीपी डेटा सहित प्रमुख अमेरिकी मैक्रो डेटा जारी होने से पहले व्यापारी सतर्क रहे। इस सप्ताह सोने की कीमतों में सुस्ती बनी हुई है, क्योंकि बाजार शुक्रवार को व्यक्तिगत उपभोग व्यय (पीसीई) डेटा का इंतजार कर रहा है।
बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी और डॉलर इंडेक्स में सुधार के कारण शुक्रवार को भी पीली धातु में गिरावट जारी रही। बाजार को अमेरिकी फेड द्वारा दरों में संभावित कटौती की उम्मीद है, इसलिए सोने को समर्थन मिलने की संभावना है।
सिक्का निर्माताओं और औद्योगिक इकाइयों की ओर से कमजोर उठान के कारण चांदी की कीमत में गिरावट आई। भू-राजनीतिक तनाव जारी रहने से बढ़ते जोखिम ने पीली धातु के मूल सिद्धांतों को मजबूत रखा है।
सोने की कीमतों में वृद्धि का श्रेय खुदरा खरीदारों के साथ हाल ही में सीमा शुल्क में कटौती के कारण आभूषण विक्रेताओं की बढ़ती मांग को दिया। घरेलू मांग बढ़ने और मजबूत वैश्विक रुख के कारण बहुमूल्य धातुओं में यह हलचल देखने को मिली।
सोने और चांदी पर सीमा शुल्क में कटौती की सरकार की बजट घोषणा के कारण हुई तीव्र गिरावट से उबरते हुए सोने में लगातार तीसरे दिन तेजी आई।
जिंस बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय बाजारों में सोने की मांग अधिक बनी हुई है, जो हाल ही में आयात शुल्क में कटौती और आगामी त्योहारी सीजन के कारण है। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करने से चांदी वायदा कीमतों में तेजी आई।
विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने कहा कि रिकॉर्ड उच्च कीमतों के कारण जून, 2024 तिमाही के दौरान भारत की सोने की मांग पांच प्रतिशत घटकर 149.7 टन रह गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत करने की घोषणा की थी। इसका असर घरेलू सर्राफा बाजार पर देखने को मिल रहा है। डिमांड में भी कमी के चलते बहुमूल्य धातुओं की कीमत कम हुई है।
जानकार मानते हैं कि सोने का भाव आने वाले समय में भी नरम रुख अपनाएगा। दुनिया में जारी तनाव अगर आगे कम होंगे तो सोने का भाव और भी नीचे आएगा।
सोने की कीमतों में तेजी का कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूती के रुख तथा स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की ताजा मांग को बताया। पिछले कारोबारी सत्र में शनिवार को सोना 75,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
इस बीच, राजधानी में सोना 250 रुपये मजबूत होकर 73,200 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 72,950 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी की कीमतें बढ़कर 31 डॉलर के स्तर को पार कर गईं, जो नरमी के दौर के अंत का संकेत है। इस बीच, एमसीएक्स के वायदा कारोबार में सोना 169 रुपये घटकर 71,840 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स (जिंस बाजार) में हाजिर सोना 2,375 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद भाव से 42 डॉलर कम है। चांदी की कीमत भी गिरावट के साथ 30.80 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।
Gold rate today: इजराइल और हमास के बीच संभावित युद्ध विराम के बाद निवेश के लिए सुरक्षित पनाहगाह माने जाने वाली सोने में गिरावट जारी है।
कमजोर हाजिर मांग से वायदा कारोबार में मंगलवार को सोने की कीमत 555 रुपये की गिरावट के साथ 71,047 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में जून माह में आपूर्ति वाले अनुबंध का भाव 555 रुपये की गिरावट के साथ 71,047 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया।
रूस, यूक्रेन, इजरायल, हमास के बीच युद्ध से वैश्विक जगत में अस्थिरता का माहौल है। इसलिए निवेशकों के बीच सोना एक सुरक्षित निवेश का ठिकाना बन गया है।
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