ये मीटिंग इस मायने में भी काफी अहम है क्योंकि डोकलाम को लेकर चीन लगातार गीदड़भभकी दे रहा है और अब तो हालात ये हो गए हैं कि चीनी मीडिया की ओर से अल्टीमेटम तक जारी किए जा रहे हैं। दरअसल चीन के सरकारी मीडिया की ओर से भारत पर दबाव बनाने की कोशिशों का सिल
चीन के इस अड़ियल रूख के बाद भारत ने भी जोर देकर साफ कहा है कि जब तक चीन सड़क निर्माण के औजार नहीं हटाता, तब तक सेना के वापस हटने का सवाल नहीं उठता। बता दें कि 8 अगस्त को भी दोनों देशों के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी लेकिन इस बातचीत में भ
इस बैठक से पहले आठ अगस्त को दोनों पक्षों के ब्रिगेड कमांडरों की बैठक हुई थी। एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने कहा, बैठक बेनतीजा रही क्योंकि चीनी पक्ष ने डोकलाम से भारतीय सैनिकों की तत्काल वापसी पर जोर डाला। स्थानीय मुद्दों के समाधान तथा इस संवेदनशील सीमा
गौरतलब है कि 1962 के अलावा भी भारत-चीन की सेनाओं में मुठभेड़ की नौबत कई बार आई है। ऐसे ही 1987 में अरुणाचल प्रदेश के सुमदोरोंग चू इलाके में मुठभेड़ की स्थिति बनी थी। ये आख़िरी मौका था, जब बड़ी तादाद में करीब 200 भारतीय सैनिकों को वहां तैनात किया गया था
वहीं दूसरी तरफ चीन ने एक बार फिर सीमा पर अपनी उपस्थिति तेज कर दी है। खबरों की माने तो चीन ने सीमा पर 80 तंबू गाड़े हैं। अनुमान लगया जा रहा है कि इन तंबूओं में 50 से अधिक सैनिक हो सकते हैं। लेकिन भारतीय सैनिकों की मानें तो चीन ने करीब 300 पीएलए सैनिको
पिछले दो महीने से भारत चीन के बीच जारी तनातनी से सीमा पर ऐसे हालात बन गए कि किसी भी समय दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ सकता है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही कैग की रिपोर्ट में बताया गया था कि युद्ध शुरू होने की स्थिति में सेना के पास महज 10 दिन का ही पर
सिक्किम सेक्टर में भूटान ट्राइजंक्शन के पास चीन एक सड़क बनाना चाहता है और भारत इसका विरोध कर रहा है। करीब 2 महीने से इस इलाके में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। चीन ने भारत से कहा है कि वह इलाके से अपने सैनिकों को तुरंत वापस बुलाए, लेकिन भारत न
इस साल रक्षाबंधन 7 अगस्त को है। सोशल मीडिया पर चीन के उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम चल रही है और इसका बड़ा असर देखने को मिल रहा है। व्यापारियों का मानना है कि शायद जनभावना के कारण या फिर देशभक्ति की वजह से चीनी राखियां इस साल बाजार से गायब हैं।
उन्होंने कहा कि सड़क परियोजनाओं के निष्पादन में देरी की वजह जंगल, वन्यजीव व पर्यावरण संबंधी मंजूरी में देरी है। इसके अलावा कड़ी चट्टानों के खिचाव, तय कार्य के मौसम, भूमि अधिग्रहण में देरी, निर्माण सामग्री की उपलब्धता में मुश्किल और प्राकृतिक आपदाओं ज
रिपोर्ट में बताया गया कि सतह से आसमान में मार करने वाली इस मिसाइल के 30 फ़ीसदी परीक्षण जो अप्रैल से नवंबर 2014 के बीच हुए, वे नाकाम रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मिसाइल अपने लक्ष्य से पीछे ही रह गई और इसकी गुणवत्ता भी कम है इसलिए ये इतनी भरोसे
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार यांग ने दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और भारत के वरिष्ठ सुरक्षा प्रतिनिधियों के साथ अलग से मुलाकात की। खबर में कहा गया है कि इन बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों, अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों तथा बहुपक्षीय मामलों
दोनों देशों के बीच सिक्किम क्षेत्र में बढ़ते तनातनी का मुख्य वजह भारतीय जमीन के उस टुकड़े को माना जा रहा है जिसे 'चिकन नेक' के नाम से जाना जाता है। चीन, भारत को इस क्षेत्र में घेरना चाहता है इसलिए वह सिक्किम-भूटान और तिब्बत के मिलन बिंदु स्थल
उप प्रमुख ने बताया कि भारत के दो पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन पिछले कुछ दिनों से सुर में सुर मिलाकर बात कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि चीन भविष्य में भारत के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
सिक्किम सेक्टर में महीने भर से चल रहे भारत-चीन सीमा गतिरोध को यथास्थिति बदलने के लिए चीन की बल प्रयोग करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। भारत ने चीन के ऐसे कदम के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
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