दक्षिण का दुर्ग फतह करने के बाद अपने ही नेताओं के बीच सीएम की कुर्सी के लिए खींचतान में उलझी कांग्रेस ने आखिरकार डीके शिवकुमार की मेहनत के आगे सिद्धारमैया के अनुभव को तव्वजो दी।
जब भी कोई पार्टी विषम परिस्थितियों में जीतती है, लंबी लड़ाई के बाद सफलता हासिल करती है तो जीत के कई दावेदार होते हैं. कर्नाटक में दो दावेदार तो सामने दिखाई दे रहे हैं, कई पर्दे के पीछे हैं, इसलिए फैसला करना आसान नहीं होगा.
राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीटें अपने नाम कीं, जबकि BJP और JDS ने क्रमश: 66 और 19 सीटें जीतीं।
कर्नाटक में सिद्धारमैया का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए फाइनल हो चुका है, उन्हें बता दिया गया है। ऐलान में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि डीके शिवकुमार डिप्टी CM बनने के लिए राजी नहीं हैं।
कर्नाटक के सीएम पद के लिए कांग्रेस आलाकमान ने नाम चुन लिया है। सिद्धारमैया के नाम पर कांग्रेस हाईकमान ने मुहर लगा दी है। वह एक बार फिर कर्नाटक का नेतृत्व करेंगे। गौरतलब है कि सिद्धारमैया पहले भी कर्नाटक के सीएम रह चुके हैं।
सुधाकर ने ट्वीट कर कहा, '2018 में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के दौरान, जब भी विधायक तत्कालीन समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धारमैया के पास अपनी समस्याओं के लिए जाते थे, तो वे अपनी बेबसी व्यक्त करते थे और कहते थे कि सरकार में उनकी कोई भूमिका नहीं है और उनके निर्वाचन क्षेत्र/जिले के काम खुद ही ठप हैं।'
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित होने के बाद शिवकुमार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया का समर्थन कर रहे विधायकों की संख्या के बारे में लगाई जा रही अटकलों के बीच उनका यह बयान आया है।
कर्नाटक में सीएम बनाने को लेकर कांग्रेस पार्टी के आला कमान लेता भी असमंजस में है। वे DK शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों को नाराज नहीं करना चाहते हैं, इसलिए पार्टी ने विधायकों से रायसुमारी भी की है।
शिवकुमार ने रविवार को ये बयान भी दिया था कि उनका सिद्धारमैया के साथ कोई मतभेद नहीं है। दरअसल शिवकुमार सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, ऐसे में चर्चा थी कि उनके और सिद्धारमैया के बीच मतभेद हो गए हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है। कर्नाटक की 224 सीटों में कांग्रेस ने 135 सीटें जीती हैं और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। अब इस बात पर मंथन चल रहा है कि कर्नाटक का सीएम कौन बनेगा?
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी के लिए मुख्यमंत्री पद का फैसला बड़ा ही मुश्किल था। इसके लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दावा ठोक रहे थे। जिसके बाद पार्टी ने दोनों नेताओं को जिम्मेदारी देने का फ़ॉर्मूला तैयार किया है।
कर्नाटक का सीएम कौन बनेगा? इस बात को लेकर कांग्रेस आलाकमान के बीच मंथन शुरू हो गया है। सीएम पद की रेस में दो नेताओं का नाम सामने आया है, जिसमें पूर्व सीएम सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार हैं।
कांग्रेस के दो बड़े नेता डीके शिवकुमार और सिद्धरमैया दोनों इसके लिए प्रबल दावेदार हैं। हालांकि सिद्धरमैया पहले पायदान पर खड़े दिख रहे हैं, लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि अंतत: सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा। इसी बीच जानिए दोनों का राजनीतिक कद क्या है?
सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में से एक हैं। कांग्रेस ने उन्हें वरुणा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने कहा कि में वह लगभग तीन राउंड के बाद 8,000 वोटों से आगे चल रहे हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजे आने में अब बस कुछ ही वक्त बचा है लेकिन नतीजों से पहले ही सत्ता का खेल शुरू हो गया है। पार्टी के नेता अभी से जोड़तोड़ में जुट गए हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर बीजेपी ने लिंगायत विरोधी होने का आरोप लगाया है और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्दारमैया का एक वीडियो जारी कर पूछा है कि आखिर बीजेपी लिंगायतों से इतनी नफरत क्यों करती है?
बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार के बीच कई मुद्दों पर अनबन चल रही है और कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के मुद्दे पर दरार और चौड़ी हो गई है।
कर्नाटक चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सिद्धारमैया ने कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव है। वहीं, आज उन्होंने कहा कि चुनाव में बीजेपी 60 सीट भी पार नहीं कर पाएगी।
सिद्धरमैया को ये डर सता रहा था कि अगर वह यहां से चुनाव हार जाते हैं तो फिर मुख्यमंत्री पद की रेस से ही बाहर हो जाएंगे।
सितंबर 2019 में भी सिद्धरमैया मैसुरू एयरपोर्ट पर अपने सहयोगी के गाल पर थप्पड़ मारते हुए कैमरे में कैद हो गए थे।
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