घरेलू वाहन उद्योग 2016 के उतार चढ़ाव भरे सफर के बाद नए नियमन से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद आने वाले साल की तरफ नई उम्मीदों के साथ देख रहा है।
SIAM के अनुसार, नवंबर में सभी श्रेणियों में मिलाकर वाहनों की बिक्री 5.48% गिरकर 15,63,665 वाहन रही । जबकि, 2-3 व्हीलर्स, कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री 26% गिरी
घरेलू पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री सितंबर में 19.92 फीसदी बढ़ी। रिकॉर्ड बिक्री के साथ कुल बिक्री साढ़े चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
अगस्त महीने में घरेलू पैसेंजर व्हीकल (कार) की सेल्स 16.68 फीसदी बढ़कर 2.58 लाख यूनिट्स हो गई जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 2.21 लाख यूनिट्स का था।
भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को आगामी त्योहारी अवधि का बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि अगले दो-तीन महीनों में उनकी बिक्री में इससे तेजी आने की संभावना है।
मारूति सुजुकी इंडिया टॉप पर बनी हुई है। जुलाई में सबसे लोकप्रिय रहे 10 में से सात मॉडल इसके हैं जिनमें इसकी स्पोट्स यूटिलिटी विटारा ब्रेजा भी शामिल है।
घरेलू बाजार में कारों की बिक्री जुलाई माह में 9.62 फीसदी बढ़कर 1,77,604 इकाई रही जो पिछले साल के इसी माह में 1,62,022 इकाई थी।
जून का महीना पैसेंजर कार निर्माताओं के लिए बेहद खराब रहा। जून में कारों की बिक्री में 5.18 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
मारूति सुजुकी इंडिया की नई कॉम्पैक्ट एसयूवी विटारा ब्रेजा मई में सबसे अधिक बिकने वाले टॉप 10 गाड़ियों की लिस्ट में शामिल हो गई है।
वाहन निर्यात अप्रैल 15.87% गिरकर 2.44 लाख यूनिट रह गया। अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के प्रमुख विदेशी बाजारों में मांग में नरमी बरकरार रहने के मद्देनजर हुआ।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा डीजल कार और 2,000 सीसी और इससे अधिक ईंजन क्षमता वाले एसयूवी पर प्रतिबंध से वाहन उद्योग में करीब 5,000 रोजगार प्रभावित हुईं है।
डीजल कारों पर 30 फीसदी की दर से पर्यावरण उपकर लगाया गया तो कोई भी भारत में निवेश नहीं करेगा और निवेश गंतव्य के रूप में देश की छवि बुरी तरह प्रभावित होगी।
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