मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की एक याचिका पर सुनवाई। हालांकि सु्प्रीम कोर्ट ने ना तो कोई राहत दी है और ना ही कोई फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख दी है।
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की रूल 7/11 की एप्लिकेशन को खारिज कर दिया है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दिल्ली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर बीजेपी लोकसभा में 400 सीटों के पार जाती है तो मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और काशी में बाबा विश्वनाथ का भव्य मंदिर बनेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मथुरा और वृंदावन की गलियां भी इंतजार कर रही होंगी।
श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग वाली याचिका विचार के योग्य है या नहीं इस मामले पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
हिमांगी सखी ने पुलिस के द्वारा रोके जाने से आहत होकर आश्रम पर ही तांडव नृत्य शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि जैसे भगवान राम भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं उसी तरह भगवान श्री कृष्ण भी जल्द भव्य मंदिर में विराजमान हों।
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में एंट्री पाने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के द्वारा जारी एंट्री कार्ड का होना जरूरी है। अगर ये कार्ड नहीं होगा तो निमंत्रण मिलने के बाद भी आपको राम मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा।
बीते साल 12 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद के सर्वे कराने की मांग को स्वीकार कर लिया था और इसके लिए के लिए कमिश्नर की नियुक्ति का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में पक्षकार और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने कुछ लोगों द्वारा पाकिस्तान से धमकी दिए जाने का आरोप लगाया है।
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। मंदिर निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अब इसे फाइनल टच दिया जा रहा है। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा मंदिर परिसर
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करते हुए शाही ईदगाह परिसर के कोर्ट सर्वे के आदेश को बरकरार रखा है।
हिंदू पक्ष बीते लंबे समय से कहते रहे हैं कि भगवान कृष्ण की जन्मस्थली ईदगाह मस्जिद के नीचे मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं जो यह साबित करते हैं कि वह मस्जिद एक हिंदू मंदिर है। अब कोर्ट ने मस्जिद परिसर के सर्वे का आदेश दे दिया है।
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के कोर्ट कमीशन सर्वे को मंजूरी दे दी है।
पीएम मोदी ने मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में पूजन किया और देशभर के सभी परिवारजनों के लिए सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना की। पीएम की मथुरा यात्रा के दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ थे।
मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के ज्ञानवापी जैसे सर्वे की मांग पर हिन्दू पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। याचिका कर्ता ने अनुरोध किया था कि ज्ञानवापी की तरह इस स्थल का भी सर्वे हो जिससे इस स्थल के ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व का पता लग जाएगा।
आपको बता दें कि सितंबर में बैंक श्री कृष्ण जन्माष्टमी, वरसिद्धि विनायक व्रत/विनायक चतुर्थी, गणेश चतुर्थी समेत कई त्योहारों के कारण बंद रहेंगे।
Mathura Shri Krishna Janmabhoomi Controversy: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में आज सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में बड़ी सुनवाई होने वाली है.. जिस पर सभी की निगाहें टिकीं हैं
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा की अदालत से यह भी कहा है कि वह इस केस से जुड़े पक्षकारों की सभी दलीलों और आपत्तियों पर विचार करने के बाद ही कोई फैसला पारित करे।
कृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार महेंद्र प्रताप ने भी अपनी दलीलें कोर्ट के सामने रखी। इस दौरान उन्होंने कोर्ट में निवेदन किया कि शाही ईदगाह के लिए कोर्ट कमीशन नियुक्त करके उसका वास्तविक सर्वेक्षण कराया जाए।
याचिका दायर करने वाले वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने दावा किया है कि मुगल शासक औरंगजेब ने भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर को तुड़वाकर उसमें स्थापित ठाकुर केशवदेव के श्रीविग्रह को आगरा में लाल किले की मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबवा दिया था।
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