लवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की क्षमता अब 1600 कर दी है। इसके साथ ही अभी तक नॉनस्टॉप चल रही इन ट्रेनों में 3 स्टॉपेज की व्यवस्था की गई है।
ट्रेनों के परिचालन में राज्यों की अहम भूमिका है, लेकिन आंकड़े देखकर नहीं लगता कि राज्यों को अपने मजदूरों को वापस बुलाने की चिंता भी है।
75000 श्रमिक देश के विभिन्न राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में पहुंचेंगे। इसके साथ ही करीब 25000 श्रमिक अन्य साधनों से उत्तर प्रदेश आने वाले हैं।
लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनें देश के विभिन्न हिस्सों में फंस मजदूरों को लेकर आ रही हैं।
बिहार में अन्य राज्यों से पहुंचे प्रवासी मजदूरों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने श्रमिकों/कामगारों की सुरक्षित वापसी के साथ ही लेबर रिफार्म कानून के जरिए गांवों व कस्बों में ही नौकरियां/रोजगार देने की योजना बनाई है।
प्रवासी मजदूरों को गृहराज्य पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे की तरफ से चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर सियासत तेज हो गई है। किराए को लेकर बिहार और दिल्ली सरकार आमने-सामने आ गई हैं।
अमृतसर से मजदूरों को लेकर गोंडा जा रही विशेष ट्रेन से पांच मजदूर शाहजहांपुर में कूद गए
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि यदि राज्य सरकारें किराया देने से मना करती हैं तो बसपा मजदूरों के हिस्से का किराया अदा करेगी।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह चुटकी लेते हुए कहा कि मजदूरों के रेल किराए का 85% केंद्र देगा और 15% राज्य, बाकी कांग्रेस देगी।
तेजस्वी यादव ने सोमवार को ट्रेन पर सियासत शुरू करते हुए दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को लाने के लिए अब 50 ट्रेनों का किराया देने की घोषणा की है।
नीतिश ने कहा है कि प्रत्येक मजदूर को 21 दिन के क्वारन्टीन में रहना होगा। यह अवधि पूरी होने पर घर वापस जाते सयम मजदूरों को उनका पूरा यात्रा खर्च राज्य सरकार अदा करेगी।
उत्तर प्रदेश में प्रवासी कामगार श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी है। आज भी 5 ट्रेन गुजरात महाराष्ट्र और कर्नाटक से प्रवासी कामगार मजदूरों को लेकर प्रदेश में आएंगी।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के किराए को लेकर बढ़ता विवाद देखते हुए रेलवे ने स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने के लिए डायरेक्ट लोगों को टिकट नहीं बेचे जा रहे हैं।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि शहरों में फंसे प्रवासी मजदूरों को रेलवे के जरिए घरों तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेल उनसे किराया नहीं वसूलेगी।
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