रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने दोहराया कि इन ट्रेनों का संचालन 85-15 प्रतिशत की केंद्र-राज्य भागीदारी पर किया गया। मजदूरों से कोई किराया नहीं लिया गया।
ममता बनर्जी ने कहा है कि मैंने श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों को कभी भी करोना एक्सप्रेस नहीं कहा। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि जनता इन ट्रेनों को कोरोना एक्सप्रेस जरूर कह रही है।
ईश्वरी देवी ने अपनी बेटी का नाम करुणा रखा है तो रीना ने अपने नवजात बेटे को लॉकडाउन यादव नाम दिया। दोनों बच्चों में वैसे तो कोई समानता नहीं है सिवाए उस असाधारण स्थिति के जिसमें उन्होंने जन्म लिया।
लॉकडाउन के दौरान देश भर के प्रवासी श्रमिकों को अपने घर तक पहुंचाने में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अपील की है कि जबतक अत्यंत आवश्यक ना हो रेल यात्रा करने से बचें। अधिकांश प्रवासी उत्तर प्रदेश से हैं, जो कि कुल संख्या का लगभग 42 प्रतिशत है, वहीं बिहार से कुल संख्या का 37 प्रतिशत है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के नाम पर केंद्र सरकार कोरोना एक्सप्रेस चला रही है।
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने यात्रा करने वाले प्रवासी श्रमिकों को 78 लाख से अधिक मुफ्त भोजन और 1.10 करोड़ से अधिक पानी की बोतल वितरित की है।
कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के आलोक में देश के विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के करीब 18 लाख लोगों को 1337 श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से प्रदेश में वापस लाया जा चुका है ।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में रोज श्रमिक विशेष ट्रेन भेजने की रेलवे की कथित “सनक” भरी कार्यप्रणाली को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की
उद्धव ठाकरे की सरकार ने 145 ट्रेनों की मांग की थी और रेलवे ने इन ट्रेनों को तैयार भी रखा, लेकिन महाराष्ट्र सरकार की ओर से तैयारी नहीं थी। ट्रेन में जाने वाले यात्रियों की न तो पूरी लिस्ट तैयार थी और न ही मजदूरों को स्टेशन तक पहुंचाने के लिए बसों के इंतजाम थे।
महाराष्ट्र के मुंबई से प्रवासी श्रमिकों को लेकर बुधवार को वाराणसी के मंडुवाडीह स्टेशन पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में दो व्यक्ति मृत मिले।
महाराष्ट्र से 93 श्रमिक विशेष ट्रेनों से 1.35 लाख प्रवासी मजदूर अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गये हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
रेल मंत्री ने आज आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र सरकार मजदूरों को स्टेशन तक लाने में नाकाम रही है।
गोयल ने कहा कि मैं महाराष्ट्र सरकार से अपील करता हूं कि वह पूर्ण सहयोग करें ताकि मुश्किल में फंसे प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सके।
जिन राज्यों में सबसे ज्यादा श्रमिक ट्रेनें पहुंचीं उनमें यूपी सबसे आगे है। यूपी (1245 ट्रेनें) के बाद बिहार (846 ट्रेनें), झारखंड (123 ट्रेनें), मध्य प्रदेश (112 ट्रेनें), ओडिशा (73 ट्रेनें) का नंबर आता है।
देश भर में प्रवासी मजदूरों को ला रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के साथ दो बड़ी गड़बड़ सामने आई हैं। ये दोनों ट्रेनें अपने रास्ते से भटक गईं।
कोरोनावायरस महामारी के बीच एक श्रमिक एक्सप्रेस में एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई और उसने मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में एक बच्चे को जन्म दिया, जिसका नाम 'लॉकडाउन यादव' रखा गया है।
प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार के अररिया जा रही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में रविवार को अचानक अफरा-तफरी मच गई।
लवे देशभर में अलग-अलग जगहों पर फंसे मजदूरों को अपने गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन कर रहा है।
रेलवे ने अगले 10 दिनों में 2600 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की योजना बनाई है और इनके लिए और 36 लाख मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
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