सूत्रों का कहना है कि जेट एयरवेज तेजी से बढ़ते घरेलू बाजार में अपनी क्षमता का तेजी से विस्तार कर रही है, लेकिन उसके पास पायलटों की भारी कमी है।
देश में करीब 48 प्रतिशत नियोक्ताओं को प्रतिभा की कमी के कारण रिक्त पदों को भरने में मुश्किल आती है। यह समस्या एकाउंटिंग, वित्त और आईटी में सबसे अधिक है।
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