महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे शिवसेना के प्रमुख बने रहेंगे। बता दें कि ये फैसला मुंबई में शिवसेना पार्टी की पहली कार्यकारिणी बैठक में ली गई है। इसके अलावा भी कई पार्टी ने कई प्रस्ताव पास किए हैं।
उद्धव ठाकरे से शिवसेना का नाम और निशान छिन गया है। विधानसभा और लोकसभा में ऑफिस छिन गया। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है लेकिन दूसरे दिन भी सुनवाई से इनकार कर दिया गया है। अब लड़ाई मातोश्री, शिवसेना भवन, सामना अखबार और बाकी संपत्तियों की है।
ट्विटर पोल में इंडिया टीवी ने पूछा था कि ‘क्या शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान मिलने के बाद क्या उद्धव ठाकरे का राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा?’
चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह एकनाथ शिंदे नीत धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे चुनाव चिह्न ‘तीर-धनुष’ भी आवंटित किया था।
इस योजना के तहत ठाकरे गुट पूरे महाराष्ट्र में रैलियों का आयोजन करेगा। इसे 'शिवसैनिक निर्धार रैली' का नाम दिया गया है। इस रैली के जरिए आगामी चुनाव में बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत के साथ लड़ने की शपथ शिवसैनिकों को दिलाई जाएगी।
महाराष्ट्र में पार्टी की पहचान और विचारधारा के लिए कमिटमेंट की परिभाषाओं के बीच उद्धव ठाकरे अकेले पड़ते दिख रहे हैं। महाविकास अघाड़ी के मतभेद भी खुलकर सामने आने लगे हैं।
उद्धव ठाकरे ने इस बैठक में आगे कहा कि अगर हम अभी नहीं जागेंगे तो साल 2024 लोकसभा चुनाव में तानाशाही सरकार आएगी। मशाल 28 तारीख तक इस चिन्ह का उपयोग कर सकते हैं। यदि चिन्ह हटा भी दिया जाता है तो मेरे दिमाग में 10 और चिन्ह है।
शिंदे गुट ने विधानसभा पार्टी कार्यालय पर कब्जा कर लिया है। यानी शिंदे गुट को शिवसेना का विधानसभा पार्टी ऑफिस मिल गया है। विधानभवन के कार्यालय पर कब्जा करने के बाद, अब शिवसेना शिंदे के विधायक मंत्रालय के सामने शिवालय दफ़्तर पर भी कब्जा करेंगे।
शिवसेना का ट्विटर हैंडल और शिवसेना की वेबसाइट दोनों को उद्धव ठाकरे कैंप ने डिलीट कर दिया है। ट्विटर हैंडल और वेबसाइट दोनों ही शिवसेना के नाम से थी, जिसे उद्धव ठाकरे कैंप हैंडल करता था।
महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच आज सुबह 9.30 बजे सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना विधायकों की अहम बैठक बुलाई है और सभी 40 विधायकों को शामिल होने का फरमान जारी किया है।
महाराष्ट्र के कोल्हापुर दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने उद्धव ठाकरे पर जोरदार निशाना साधा। शाह ने कहा कि शरद पवार के पैरों में गिरकर उनसे सीएम बनाने का अनुरोध किया।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन नहीं तोड़ा था। उद्धव ने कहा कि 1993 के समय में 56 इंची सीने वाले लोग कहां गए थे। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के साथ नहीं गया था, मुझे बीजेपी ने धकेला था।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे ‘तीर-धनुष’ चुनाव निशान आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले पर उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है तथा वह इसको लेकर चल रहे विवाद में नहीं पड़ेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2014 से 2022 का कालखंड का जब कभी भी भारत की चुनी हुई सरकारों का इतिहास लिखा जाएगा तो स्वर्णमयी अक्षरों से लिखा जाएगा।
एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि शिवसेना की स्थापना बालासाहेब ठाकरे ने की थी और उनकी इच्छा थी कि पार्टी को उद्धव ठाकरे ही चलाएं, लेकिन यह फैसला उनकी इच्छा का अपमान है।
एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग के इस फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया है। इस मामले में अब उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट जाने वाले हैं। उद्धव ठाकरे की शिवसेना सोमवार को चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाले हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि उन्हें बालासाहेव ठाकरे का चेहरा चाहिए, उन्हें चुनाव चिन्ह चाहिए, लेकिन शिवसेना की फैमिली नहीं।
उद्धव चुनाव आयोग के इस फैसले से बेहद बिफरे हुए नजर आए। उन्होंने कहा-' ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है, ऐसा एलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। देश में प्रजातंत्र नहीं रहा। उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है।'
निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और पार्टी का मूल चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' प्रदान किया।
चुनाव आयोग पर बरसते हुए उद्धव ने कहा कि मुझे लगता है कि जैसे जज चुनने की प्रक्रिया है, वैसे ही चुनाव आयुक्त की भी नियुक्ति होनी चाहिए।
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