मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खेमे के विधायक संजय शिरसाट ने इस घटनाक्रम पर तंज कसते हुए कहा, नार्वेकर जानते हैं कि वह अब (पूर्व मुख्यमंत्री) उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी नहीं हैं। वह विधायक बनने के लिए अधीर हैं।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि भविष्य में हम ठाकरे गुट को अपने काम के जरिए जवाब देने वाले हैं। राज्य में 2024 में मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा इस सवाल के जवाब में एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह जनता तय करेगी कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद कौन मुख्यमंत्री होगा।
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि यहां के MLA का पेट नही भरता। ओवैसी ने उद्धव ठाकरे से सहानुभूति के सवाल पर कहा कि बिहार से लेकर राजस्थान में मुस्लिम लड़को को लेकर अत्याचार हो रहा है। राजस्थान में लड़के अगवा किए गए और उनका केस नहीं लिया जाता है।
महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक घमासान के बीच सबसे चर्चित चेहरों में से एक संजय राउत ने इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों के खुलकर सामना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज देश की अदालतें सत्ता में बैठे लोगों के इशारों पर चल रही हैं।
सामना के एडिटर इन चीफ संजय राउत ने एक लेख में लिखा था कि सुप्रिया सुले की साड़ी जल गई, अजीत पवार लिफ्ट में फंस गए. बाला साहेब थोराट का कंधा टूट गया, धनंजय मुंडे का सड़क दुर्घटना हो गया, संजय राउत जेल चले गए। यह सब जादू टोने के कारण हुआ।
उद्धव ठाकरे के मन में डर है कि चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब पार्टी के साथ-साथ पार्टी की प्रॉपर्टी और इसका फंड भी शिंदे गुट के हाथ में चला जाएगा।
एकनाथ शिंदे से अपनी करीबी के सवाल पर ठाकुर ने कहा कि वह तो सबके लोकप्रिय नेता हैं और कौन उनके करीब नहीं है।
इससे पहले संजय राउत ने कहा था कि अमित शाह सही मायनों में महाराष्ट्र और मराठी मानुस के दुश्मन हैं। इसमें गलत क्या है। उन्होंने उस शिवसेना को तोड़ा है जिसे बालासाहेब ने मराठी मानुस को ताकत देने के लिए बनाया था।
चुनाव आयोग ने असली शिवसेना के रूप में एकनाथ शिंदे के गुट को मान्यता दी थी। इस फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे शिवसेना के प्रमुख बने रहेंगे। बता दें कि ये फैसला मुंबई में शिवसेना पार्टी की पहली कार्यकारिणी बैठक में ली गई है। इसके अलावा भी कई पार्टी ने कई प्रस्ताव पास किए हैं।
उद्धव ठाकरे से शिवसेना का नाम और निशान छिन गया है। विधानसभा और लोकसभा में ऑफिस छिन गया। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है लेकिन दूसरे दिन भी सुनवाई से इनकार कर दिया गया है। अब लड़ाई मातोश्री, शिवसेना भवन, सामना अखबार और बाकी संपत्तियों की है।
ट्विटर पोल में इंडिया टीवी ने पूछा था कि ‘क्या शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान मिलने के बाद क्या उद्धव ठाकरे का राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा?’
चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह एकनाथ शिंदे नीत धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे चुनाव चिह्न ‘तीर-धनुष’ भी आवंटित किया था।
इस योजना के तहत ठाकरे गुट पूरे महाराष्ट्र में रैलियों का आयोजन करेगा। इसे 'शिवसैनिक निर्धार रैली' का नाम दिया गया है। इस रैली के जरिए आगामी चुनाव में बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत के साथ लड़ने की शपथ शिवसैनिकों को दिलाई जाएगी।
महाराष्ट्र में पार्टी की पहचान और विचारधारा के लिए कमिटमेंट की परिभाषाओं के बीच उद्धव ठाकरे अकेले पड़ते दिख रहे हैं। महाविकास अघाड़ी के मतभेद भी खुलकर सामने आने लगे हैं।
उद्धव ठाकरे ने इस बैठक में आगे कहा कि अगर हम अभी नहीं जागेंगे तो साल 2024 लोकसभा चुनाव में तानाशाही सरकार आएगी। मशाल 28 तारीख तक इस चिन्ह का उपयोग कर सकते हैं। यदि चिन्ह हटा भी दिया जाता है तो मेरे दिमाग में 10 और चिन्ह है।
शिंदे गुट ने विधानसभा पार्टी कार्यालय पर कब्जा कर लिया है। यानी शिंदे गुट को शिवसेना का विधानसभा पार्टी ऑफिस मिल गया है। विधानभवन के कार्यालय पर कब्जा करने के बाद, अब शिवसेना शिंदे के विधायक मंत्रालय के सामने शिवालय दफ़्तर पर भी कब्जा करेंगे।
शिवसेना का ट्विटर हैंडल और शिवसेना की वेबसाइट दोनों को उद्धव ठाकरे कैंप ने डिलीट कर दिया है। ट्विटर हैंडल और वेबसाइट दोनों ही शिवसेना के नाम से थी, जिसे उद्धव ठाकरे कैंप हैंडल करता था।
महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच आज सुबह 9.30 बजे सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना विधायकों की अहम बैठक बुलाई है और सभी 40 विधायकों को शामिल होने का फरमान जारी किया है।
महाराष्ट्र के कोल्हापुर दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने उद्धव ठाकरे पर जोरदार निशाना साधा। शाह ने कहा कि शरद पवार के पैरों में गिरकर उनसे सीएम बनाने का अनुरोध किया।
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