मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार से संबंधित रस्मों के दौरान शिवपाल सिंह और अखिलेश यादव के बीच करीबी ने "चाचा-भतीजा" के फिर से हाथ मिलाने की अटकलें तेज कर दी थीं।
Mulayam Singh Asthi Visarjan: मुलायम सिंह के निधन के बाद अखिलेश यादव को शिवपाल यादव ने संबल दिया। अलग-अलग राजनीतिक राह पर चलने वाले चाचा-भतीजा (शिवपाल यादव और अखिलेश यादव) दुख के इस मौके पर एक दूसरे के साथ खड़े नजर आए।
Mulayam Singh: एक वीडियो में अखिलेश यादव से शिवपाल सिंह यादव कुछ कहते हुए दिखाई दे रहे हैं और परिवार के सदस्य विमान में बैठने से पहले आपस में गुफ्तगू करते देखे गए। दुख के इस मौके पर अलग-अलग राजनीतिक राह पर चलने वाले चाचा-भतीजा (शिवपाल सिंह यादव-अखिलेश यादव) एक दूसरे के साथ खड़े नजर आए।
नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होकर अब राजद के साथ सरकार बना चुके हैं। वहीं दूसरी ओर अब उन्होंने बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को लामबंद करने का प्रयास भी शुरू कर दिया। इसके लिए वह तमाम विपक्षी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अखिलेश और शिवपाल सिंह यादव फिर एकसाथ आएंगे?
शिवपाल यादव ने सैफई में कहा, "यह कोई निर्णय लेने का समय नहीं है। फिलहाल हम यह तय करने की स्थिति में नहीं हैं कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं।" बदली हुई परिस्थितियों में अपनी भूमिका के बारे में लगातार पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, ''देखते हैं (मुझे) क्या जिम्मेदारी दी जाती है।''
Mulayam Singh Yadav: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की तबीयत बिगड़ने के बाद उनको गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुलायम सिंह यादव को आईसीयू में शिफ्ट किया गया है।
Uttar Pradesh: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को राष्ट्रीय परिवर्तन दल के अध्यक्ष डीपी यादव के साथ सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा।
Uttar Pradesh: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक शिवपाल यादव ने कहा कि प्रसपा समावेशी राष्ट्रवाद के सिद्धांत के साथ आगे बढ़ेगी।
UP Politics: प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को अपनी कुर्सी को लेकर लिखी गई चिट्ठी पर जवाब दिया है।
UP News: अखिलेश और शिवपाल के बीच मतभेद तमाम मौकों पर जगजाहिर हो चुके हैं। हालही में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी(प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल ने कहा था कि उनका एकमात्र लक्ष्य 2024 में बनने वाली सरकार का हिस्सा बनना है।
Uttar Pradesh: प्रसपा प्रमुख ने कहा कि वह अब समाजवादी पार्टी से कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य 2024 में बनने वाली सरकार का हिस्सा बनना है।
Uttar Pradesh: सपा विधायक होने के एक सवाल पर शिवपाल ने कहा कि उन्होंने सपा की सदस्यता लेकर पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ा, लेकिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उन्हें अपना विधायक नहीं मानते हैं।
Shivpal Yadav: समाजवादी पार्टी (सपा) नेतृत्व द्वारा ‘स्वतंत्र’ किए गए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने बृहस्पतिवार को यादव तथा अन्य पिछड़ी जातियों को एकजुट करने के मकसद से ‘यदुकुल पुनर्जागरण मिशन’ शुरू करने का ऐलान किया।
शिवापल सिंह यादव ने आज गीता का उल्लेख करते हुए जन्माष्टमी की बधाई तो दी ही, साथ ही इशारों-इशारों में एक बड़ा सियासी संदेश भी दे दिया। शिवपाल ने बिना नाम लिए अखिलेश की तुलना क्रूर असुर राजा कंस से कर दी।
UP Politics: रामगोपाल यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ को यही चिट्ठी लिखी थी जिसे शिवपाल यादव ने ट्वीट किया है। इस चिट्ठी में कहीं भी आजम खान, नाहिद हसन, शहजिल इमाम का नाम नहीं है जिसको लेकर शिवपाल यादव ने ट्वीट किया है।
UP News: इस पत्र में शिवपाल सिंह यादव को मेंशन करते हुए लिखा हुआ है कि अगर आपको लगता है कि आपको कहीं और ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
Shivpal Singh Letter to Akhilesh: शिवपाल ने कहा कि यह नियति की अजीब विडंबना है कि समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में उस व्यक्ति का समर्थन किया है, जिसने नेताजी को उनके रक्षा मंत्री रहते समय पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था आईएसआई का एजेंट बताया था।
Shivpal yadav News: चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश में कभी सुलह होती है, तो कभी दूरियां बढ़ने लगती है। अखिलेश ने जब नेताओं की बैठकें रखी, तब शिवपाल यादव को उस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था। इस बात पर शिवपाल यादव अपने भतीजे से खफा हो गए थे।
UP News: कल ओपी राजभर ने कहा था कि उन्हें अखिलेश यादव की तरफ से तलाक मिलने का इंतजार है। और अब वह अखिलेश यादव के बाग़ी चाचा शिवपाल यादव के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की डिनर पार्टी में पहुंच गए।
शिवपाल सिंह यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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