विधायक शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उन्होंने भतीजे अखिलेश यादव को अपना नेता स्वीकार कर लिया है और सपा(समाजवादी पार्टी) उनकी पार्टी है। यादव ने कहा कि अखिलेश यादव मेरे भतीजे और सपा अध्यक्ष हैं।
समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल सिंह से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों के बीच क्या चर्चा हुई, यह स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन इस मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि शिवपाल यादव को पार्टी में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
शिवपाल यादव ने कहा कि वह डिंपल यादव के खिलाफ छींटाकशी को 99 बार तक तो माफ कर देंगे, लेकिन उसके बाद बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने यहां से डिंपल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था। डिंपल का समर्थन चाचा शिवपाल ने भी किया था और उनके पक्ष में कई रैलियां और सभाएं की थीं।
मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के मतदान से एक दिन पहले शिवपाल सिंह यादव ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और उनके साथ रहने वालों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अखिलेश यादव से नजदीकी के कारण शिवपाल सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, हाल ही में उनकी सुरक्षा में कटौती की गई। अब यूपी सरकार यह कदम उठाने जा रही है कि उनके सरकारी बंगले को भी खाली कराया जा सकता है। मुलायम सिंह के निधन के बाद चाचा भतीजा अब एक मंच पर हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के पहले से चाचा शिवपाल सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव की राहें जुदा हो गई थीं, लेकिन अब मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद दोनों एकसाथ आते हुए दिख रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने शिवपाल यादव की सुरक्षा में कटौती कर दी थी, जिसके बात सत्ता पक्ष और समाजवादी पार्टी के नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर चल निकला है।
केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया कि अब जनता ने वंशवादी राजनीति को खत्म करने का मन बना लिया है। बीजेपी उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य के समर्थन में मौर्य ने कहा कि लोगों में मुलायम सिंह यादव के लिए सहानुभूति है, लेकिन वे उपचुनाव में सपा को वोट नहीं देंगे।
सीएम योगी ने शिवपाल सिंह यादव पर निशाना साधते हुए कहा, ''चाचा शिवपाल की स्थिति पेंडुलम जैसी हो गई है। बेचारे को पिछली बार कितना बेइज्जत करके भेजा था। कुर्सी तक नहीं मिली। कुर्सी के हैंडल पर बैठना पड़ा था। जीवन में पेंडुलम कभी नहीं बनना चाहिए।''
साल 2018 में शिवपाल सिंह यादव को ‘जेड श्रेणी’ की सुरक्षा प्रदान की गयी थी। पुलिस के अनुसार ‘वाई श्रेणी’ की सुरक्षा में कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं जिनमें दो पीएसओ भी होते हैं, जबकि ‘जेड श्रेणी’ की सुरक्षा में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के चार से पांच कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं।
चाचा शिवपाल सिंह यादव ने जसवंतनगर में बहू डिंपल को जिताने की हुंकार भरी है। उन्होंने कहा कि डिंपल को हमसे ज्यादा वोटों से जिताने की जिम्मेदारी है। शिवपाल ने ये भी कहा कि वह अखिलेश के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। 8 सालों में भाजपा ने कोई काम नहीं किया है।
अखिलेश यादव ने मैनपुरी उपचुनाव के लिए लिए अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है। डिंपल और अखिलेश को अब चाचा शिवपाल सिंह का भी साथ मिल गया है। चाचा शिवपाल ने डिंपल को चुनाव में विजयी बनाने की अपील की। साथ ही बीजेपी की आलोचना की।अखिलेश यादव ने मैनपुरी उपचुनाव के लिए लिए अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है। डिंपल और अखिलेश को अ
मैनपुरी में होने वाले उपचुनाव को लेकर रीजनीतिक गलियारे में गरमाहट काफी बढ़ गई है। इस लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को चुनावी रण में उतारा है। वहीं, बीजेपी ने रघुराज सिंह शाक्य को मौका दिया है।
मैनपुरी में होने वाले उपचुनाव को लेकर रीजनीतिक गलियारे में गरमाहट काफी बढ़ गई है। सैंफई के एक कार्यक्रम में शिवपाल यादव ने कहा कि अब हम सब एक हो गए हैं तो आपकी जिम्मेदारी है कि जीत बड़ी करानी है।
मैनपुरी उपचुनाव को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि भले ही इस सीट पर शिवपाल यादव का समर्थन सपा को मिल गया हो लेकिन हार तय है।
मैनपुरी उपचुनाव से पहले चाचा शिवपाल यादव और अखिलेश यादव ने ट्विटर पर तस्वीर जारी की है। इस तस्वीर में यादव परिवार की एकजुटता को दर्शाया गया है। अखिलेश ने अपने चाचा का साथ मिलने की बात कही। कुछ घंटों बाद चाचा शिवपाल की ओर से भी ट्विटर पर वही तस्वीर जारी की गई।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हुई है। जिस पर 5 दिसंबर को चुनाव होंगे। यहां बीजेपी ने सपा कैंडिडेट डिंपल यादव को टक्कर देने के लिए रघुराज शाक्य को मैदान में उतारा है।
उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह के निधन से खाली हुई मैनपुरी सीट पर उपचुनाव के लिए अखिलेश यादव ने बड़ा राजनीतिक दांव चला है। उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल यादव को यहां से प्रत्याशी बना दिया। ऐसे में वे एक तीर से दो निशाना साध रहे हैं। पढ़िए पूरा समीकरण।
राजीतिक पंडितों की मानें तो सपा मुखिया अखिलेश यादव का परिवार 26 साल से मैनपुरी सीट पर काबिज रहा है। उन्हें लगता है कि उनके इस निर्णय से मुलायम की सहानुभूति के अलावा महिलाओं का भी भरपूर समर्थन मिलेगा।
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