सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार (16 नवंबर) को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, अब तक वर्किंग कमेटी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
अकाल तख्त ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को उनकी पार्टी की सरकार द्वारा की गई गलतियों के लिए ‘तनखैया’ घोषित किया है।
मुंबई लोकल में एक टीसी संग हुई मारपीट के बाद शिरोमणि अकाली दल ने कार्रवाई की मांग की है। दरअसल टिकट करने गए टीसी के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की। हालांकि लिखित में माफी मांगने के बाद टीसी की तरफ से इसे लेकर केस दर्ज नहीं कराया गया।
बगावत करने वाले प्रमुख नेताओं में पूर्व सांसद चंदूमाजरा, एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर, पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला, पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका, परमिंदर सिंह ढींडसा, सरवन सिंह फिल्लौर और सुरजीत सिंह रखड़ा तथा पार्टी के नेता सुच्चा सिंह छोटेपुर शामिल थे।
अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं ने सुखबीर बादल से इस्तीफा मांगा है। नेताओं का कहना है कि सुखबीर को लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।
शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी हरदीप सिंह ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है। इसके साथ ही हरदीप सिंह ने पार्टी भी छोड़ दी है। बता दें कि पार्टी ने उन्हें चंडीगढ़ सीट से प्रत्याशी बनाया था।
सोमवार को कांग्रेस छोड़कर शिरोमणि अकाली दल में शामिल हुए मोहिंदर सिंह केपी को जालंधर से उम्मीदवार बना दिया गया है। इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल ने अन्य उम्मीदवारों के नामों का भी ऐलान किया है।
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) को जोरदार झटका देते हुए तीन बार के विधायक पवन कुमार टीनू ने पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बीच पंजाब की 7 सीटों पर शिरोमणि अकाली दल ने अपने 7 उम्मीदवारों को उतार दिया है। बता दें कि पंजाब में अकाली दल भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ रही है।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शिरोमणि अकाली दल ने अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं। सूत्रों की मानें तो जिन उम्मीदवारों को जिन सीटों से चुनाव लड़ाना है, उसपर सहमति बन गई है, हालांकि आगामी 3-4 दिनों में अधिकारिक पुष्टि भी कर दी जाएगी।
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के गठबंधन के बीच पेंच फंसा हुआ है। इस बीच शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भाजपा के साथ गठबंधन में मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर मीडिया से बात की है।
वरिष्ठ अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि अकाली दल ने हमेशा पूरे देश के लिए समान नागरिक संहिता का विरोध किया है और वह इस मुद्दे पर 22वें विधि आयोग के साथ-साथ संसद में भी अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा।
प्रकाश सिंह बादल देश के सबसे अनुभवी और बुजुर्ग नेता थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रकाश सिंह बादल का राजनीतिक करियर देश की आजादी के साथ ही शुरू हो गया था। प्रकाश सिंह बादल 1947 में सरपंच चुने गए थे।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि राज्य में अब कोई भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब में कोई निवेश नहीं आ रहा है और उद्योगपति और व्यापारी राज्य से बाहर जाने पर भी विचार कर रहे हैं।
Simranjit Singh Mann: पंजाब में संगरूर से सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को ‘आतंकवादी’ बताने वाली अपनी विवादित टिप्पणी का सोमवार को ‘बचाव’ किया।
सुखबीर बादल ने कहा, अपने राजनीतिक मतभेदों को अलग रखते हुए, हमने सही रास्ता चुनने का फैसला किया है।
पार्टी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार समिति शिअद के मूल सिद्धांतों की रक्षा के सिलसिले में व्यापक बदलावों की सिफारिश करने के अलावा संगठनात्मक स्तर पर आवश्यक बदलावों के बारे में सुझाव देगी।
2019 में कांग्रेस से Raminder Singh Awla ने शिरोमणि अकाली दल के राज सिंह को 16633 मतों के अंतर से पराजित किया था। जलालाबाद विधानसभा सीट फिरोजपुर के अंतर्गत आती है।
अब शिरोमणि अकाली दल (Akali Dal) ने ये भी ऐलान किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) भी चुनावी मैदान में उतरेंगे।
बादल ने आरोप लगाया कि पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह ने मुख्यमंत्री को पूरी तरह निष्प्रभावी कर दिया है और दावा किया कि कानून-व्यवस्था मशीनरी पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं है।
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