बीएनपी नेता महमूद चौधरी ने भारत से "अतीत’’ (2000 के दशक की शुरुआत में बीएनपी का शासन) को पीछे छोड़ने का आग्रह करते हुए कहा, "भारत को बांग्लादेश के लोगों की नब्ज को समझना होगा। रिश्ते बांग्लादेश के लोगों के साथ होने चाहिए।
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन के दौरान सुमन ने खूब कमाई की। पुराने ढाका के अलु बाजार इलाके में रहने वाले सुमन ने बताया कि उसके पिता भारतीय मूल के थे। 1971 के आसपास सुमन के पिता ढाका आए थे और फिर यहीं पर घर बसा लिया था।
रविवार रात बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी। दरअसल, ढ़ाका में सचिवालय के पास जमा अंसार सदस्यों और छात्रों के बीच जमकर हिंसा हुई। इस घटना में 50 से अधिक लोग घायल हो गए। आइए जानते हैं अंसार ग्रुप के बारे में खास बातें।
बांग्लादेश में हिंसक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब राजधानी ढाका में अंसार ग्रुप और छात्रों के बीच जमकर हिंसा हुई है। हिंसक झड़प में 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
बांग्लादेश में अंतरिम कार्यवाहक सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। बांग्लादेश की पुलिस ने पूर्व कपड़ा एवं जूट मंत्री गुलाम दस्तगीर गाजी को ढाका से गिरफ्तार किया है।
बाग्लादेशी की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ हत्या के पांच और मामले दर्ज कि गए हैं। हसीना के बेटा, बेटी और बहन शेख रेहाना के खिलाफ भी मुकदमा दायर किया गया है।
बांग्लादेश में हुई व्यापक हिंसा की वजह से शेख हसीना को पीएम पद और देश दोनों ही छोड़ना पड़ा था। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। अब अंतरिम सरकार के एक अधिकारी ने देश में चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है।
बांग्लादेश की सरकार ने एक फाउंडेशन की स्थापना करने का निर्णय लिया जो विरोध प्रदर्शनों में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों की देखभाल करेगा। फाउंडेशन का नेतृत्व अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस करेंगे।
बाग्लादेशी की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ नौ और शिकायतें दर्ज की गई हैं। हसीना के बेटे, बेटी और बहन शेख रेहाना को हत्या के मामले में सह-आरोपी बनाया गया है।
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया के बैंक खातों को अनफ्रीज करने का फैसला लिया गया है। खालिदा जिया के बैंक खातों पर लगी रोक 17 साल बाद हटाई जाएगी।
बांग्लादेश में हुई व्यापक हिंसा के बाद उपद्रवी अब मीडिया को निशाना बना रहे है। ढाका में एक मीडिया संस्थान के दफ्तर पर हमला हुआ है और एक महिला महिला पत्रकार के साथ मारपीट भी की गई है।
बांग्लादेश में पुलिस का सिस्टम फिर से पटरी पर लौटता हुआ नजर आ रहा है। ढाका के 32 पुलिस थानों के प्रमुखों का तबादला कर दिया गया है। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद से पुलिस में सभी स्तरों पर फेरबदल हुआ है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हत्या का एक और मामला दर्ज होने से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। पीएम पद से हटने के बाद उन पर यह सातवां मामला दर्ज हुआ है।
मो. यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होंगे। बता दें कि पांच अगस्त को हसीना सरकार गिरने के बाद देशभर में हिंसक घटनाओं में 230 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही तीन सप्ताह तक हुई हिंसा के दौरान मरने वालों की संख्या बढ़कर 560 हो गई है।
तख्तापलट को यूएन ऐतिहासिक अवसर कह रहा है। जबकि‘बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस’ ने कहा कि पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय को 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने इसे ‘हिंदू धर्म पर हमला’ करार दिया।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदू समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा के दुनियाभर में चर्चा हो रही है। इस बीच बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद युनूस ने पीएम मोदी को फोन किया है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं और मंदिरों को तोड़ा गया है। इस बीच अंतरिम सरकार ने इन हमलों को लेकर कड़ा रख दिखाया है। गृह मंत्रालय के नवनियुक्त सलाहकार ने अल्पसंख्यकों पर हमले करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की बात कही है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप में हसीना समेत 9 अन्य लोगों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है।
बांग्लादेश में हुई हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों की हत्या के मामले में संयुक्त राष्ट्र ने बड़ी पहल की है। संयुक्त राष्ट्र की एक टीम जांच के लिए बांग्लादेश का दौरा करेगी।
बांग्लादेश में हिंसक आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री पद छोड़ने को मजबूर हुई शेख हसीना की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हसीना और उनकी पार्टी के कई अन्य नेताओं पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में सामूहिक नरसंहार का केस दर्ज कराया गया है।
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