भारत और बांग्लादेश के बीच बिगड़े रिश्तों के बीच भारत के विदेश सचिव बांग्लादेश गए और वहां के विदेश सचिव और कार्यकारी पीएम मोहम्मद युनूस से बात की। जानिए कैसे बिगड़े दोनों देशों के संबंध और कैसे फिर से होगी दोस्ती?
बांग्लादेश और भारत के बीच संबंध सामान्य नहीं है। तनावपूर्ण संबंधों के बीच विदेश सचिव विक्रम मिसरी ढाका पहुंचे हैं। मिसरी का दौरा ऐसे वक्त पर हो रहा है जब बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न जारी है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हर गुजरते दिन के साथ अत्याचार बढ़ता जा रहा है और इन सबके पीछे एक संगठन जमात-ए-इस्लामी का नाम लगातार सामने आ रहा है। आज हम आपको इसी संगठन के इतिहास और इसके मकसद के बारे में बता रहे हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने अपनी आवाज बुलंद की है। राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि हिंसा स्वीकार नहीं की जा सकती है।
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार का जुल्म जारी है। अब शेख हसीना के भाषणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह फैसला शेख हसीना द्वारा न्यूयॉर्क में अवामी लीग पार्टी के समर्थकों को संबोधित करने के एक दिन बाद आया है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा जारी है। इस बीच अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का बयान सामने आया है। उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा हालात के लिए पूर्व पीएम शेख हसीना को जिम्मेदार ठहराया है।
Fact Check: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नाम से बने फर्जी X अकाउंट से मोहम्मद यूनुस की आपित्तजनक तस्वीर को पोस्ट किया गया है। फैक्ट चेक में पता चला है कि शेख हसीना का X पर कोई अकाउंट नहीं है।
बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है इसे लेकर दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने भी चिंता जताई है। शाही इमाम ने इसे लेकर एक खत भी लिखा है।
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास को कोर्ट से राहत नहीं मिली है, उन्हें फिलहाल जेल में ही रहना होगा। चिन्मय कृष्ण दास करीब एक महीने तक जेल में ही रहेंगे। अब एक महीने बाद ही पता चल सकेगा कि उन्हें जमानत मिलेगी या नहीं।
बांग्लादेश में भारत के खिलाफ नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। अब बांग्लादेश में भारतीय टीवी चैनलों के प्रसारण पर भी बैन लगाने की मांग की गई है।
बांग्लादेश में जब से शेख हसीना ने प्रधानमंत्री का पद छोड़ा है। तब से वहां अल्पसंख्यकों का कत्लेआम मचा हुआ है। बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने आतंक मचा रखा है। हिंदूओं को चुन-चुनकर मारा जा रहा है।
पूर्व पीएम हसीना के आवास पर 2004 में किए गए ग्रेनेड हमले के मामले में हाईकोर्ट ने खालिद जिया के बेटे तारिक और पूर्व मंत्री बाबर समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। हसीना के घर के पास हुए हमले में कुल 24 लोगों की मौत हुई थी और 300 से ज्यादा घायल हुए थे।
बांग्लादेश में भले ही हाईकोर्ट ने इस्कॉन पर बैन लगाने से इनकार कर दिया हो लेकिन सरकार कट्टरपंथियों के दबाव में नजर आ रही है। चिन्मय कृष्ण दास सहित 17 लोगों के बैंक खाते से लेन-देन पर रोक लगा दी गई है।
बांग्लादेश की सरकार पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बड़ी प्लानिंग कर रही है। यूनुस सरकार हसीना के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में मुकदमा चलाना चाहती है।
बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने इस्कॉन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है। कट्टरपंथी इस्कॉन के खिलाफ कार्रवाई के लिए यूनुस सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि बांग्लादेश भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग करेगा। मोहम्मद यूनुस ने और भी कई बड़ी बातें कही हैं।
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बांग्लादेश खुद को एक इस्लामिक मुल्क भी घोषित कर सकता है। बांग्लादेश की हाई कोर्ट में इस बारे में प्रस्ताव भी रख दिया गया है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग की रैली की मंशा को बड़ा झटका लगा है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने हसीना की पार्टी को फासीवादी करार देते हुए रैली की इजाजत देने से इनकार कर दिया है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और आवामी लीग पार्टी की अध्यक्ष शेख हसीना ने राष्ट्रपति चुनावों में जीत दर्ज करने पर डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सहयोगी पार्टी के दफ्तर में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी है। चिंताजनक बात ये है कि जिस दौरान खुद को छात्र बनाने वाले प्रदर्शनकारी तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे थे, उस दौरान वहां पुलिस बल मौजूद नहीं था।
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