बहरूपिया कलाकार जानकीलाल भांड ने कहा कि भीलवाड़ा में मुर्दे की सवारी की यह परंपरा 200 साल से अधिक पुरानी है। यह परंपरा रियासत काल से शुरू की थी जो अनवरत रूप से जारी है।
शीतलाष्टमी के साथ-साथ आज कालाष्टमी भी है। इस दिन कालभैरव की पूजा की जाती है। काल भैरव भगवान शिव का ही एक रूप हैं। इनकी साधना से जातक की समस्त इच्छा पूर्ण होती है, बिजनेस में बढ़ोतरी होती है, मन की दुविधा दूर होती है और साथ कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।
मां शीतला की पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। आज शीतला अष्टमी है आइए जानते हैं पूजा विधि...
आज रेवती नक्षत्र और साध्य योग में शीतला षष्ठी के दिन शीतला माता की उपासना से कैसे आप अपने जीवन में चल रही किसी भी समस्या का हल निकाल सकते हैं, अपने सुख-सौभाग्य में वृद्धि कर सकते हैं और अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति कर सकते हैं।
अच्छे स्वास्थ्य, लंबी आयु के वरदान और पारिवारिक सुख-शांति बनाये रखने के लिये आज के दिन माता शीतला की विधि-पूर्वक पूजा की जाती है । माता शीतला की पूजा करके कैसे पूरी होगी आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करेंगी।
Sheetala Saptami 2019: शीतला सप्तमी के के दिन इस खास अवसर पर कौन-से खास उपाय करके आप शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं और अपने कार्यों में सफलता पा सकते हैं। जानें इस बारें में आचार्य इंदु प्रकाश से।
शीतला सप्तमी का त्योहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। जानें तिथि, मुहूर्त और पूजन करने की विधि के बारें में।
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