पोलक ने फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि विकेटकीपर के दस्तानों का भारीपन कभी-कभी यह एहसास नहीं होने देता कि कैच साफ है या नहीं।
46 वर्षीय पूर्व तेज गेंदबाज ने क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के नए 3टी क्रिकेट प्रारुप और इंग्लैंड-वेस्टइंडीज सीरीज पर भी बात की।
वनडे मैच की पहली गेंद पर चौका या छक्का लगना सामान्य होता है, लेकिन मैच की पहली गेंद पर विकेट गिरना बहुत ही कम देखने को मिलता है।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज शॉन पोलाक ने रविवार को कहा कि भारत के पास इस समय तेज गेंदबाजी विभाग में गहराई है और वो दिन गए जब भारत को गुणवत्ता वाला तीसरा या बैक-अप सीमर खोजने के लिए संघर्ष करता था।
कोरोना वायरस महामारी के कारण लगभग 3 महीने से इंटरनेशनल क्रिकेट ठप्प पड़ा है और दुनियाभर के क्रिकेटर घरों में कैद हैं।
भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को आउट करने का सपना हर गेंदबाज देखता था लेकिन उनमें से कुछ ही का ये सपना साकार हो पाता था।
भारतीय तेज गेंदबाजों ने पिछले कुछ सालों में भारत ही नहीं बल्कि विदेशी धरती पर भी अपना लोहा मनवाया है। इसका सबसे बड़ा सबूत है भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलिया की धरती पर पहली बार 2-1 से टेस्ट सीरीज जीतना।
शॉन पोलॉक ने बताया कि कैसे उन्होने ये फैसला लिया कि गेंद पर लार का इस्तेमाल बैन करना है जबकि पसीने से कोई समस्या नहीं है।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान शॉन पोलक का मानना है कि भारत के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ को उस तरह की प्रशंसा नहीं मिली जिसके वे हकदार थे।
वेस्टइंडीज की ओर से 60 टेस्ट में 249 विकेट और 102 वनडे में 142 विकेट लेने वाले होल्डिंग ने स्टुअर्ट ब्रॉड और शॉन पोलक के साथ स्काई स्पोर्ट्स के पॉडकास्ट चर्चा में कहा कि विवियन सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे।
पोलाक ने कहा कि ऐसा भी समय था जब तेंदुलकर के खिलाफ उनकी सभी योजनाएं धरी की धरी रह जाती थी और वह इस बल्लेबाज के गलती करने का इंतजार करते थे।
पोलक ने कहा कि स्टेन दक्षिण अफ्रीका के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज है इसकी पुष्टि उनका प्रदर्शन और आंकड़े करते हैं।
डेल स्टेन दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज बन गए हैं।
स्टेन ने हालांकि कहा है कि उनके पास पोलाक से आगे निकलने के अलावा हासिल करने के लिए काफी कुछ है इसलिए वह इस मुकाम के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान शॉन पोलॉक का कहना है कि अगर भारत के युवा हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या को लंबे समय तक क्रिकेट खेलनी है तो उन्हें अपने खेल के एक पक्ष पर ध्यान देना होगा।
श्रीलंका के खिलाफ अपने करियर के 300वें वनडे मैच में धोनी सबसे ज्यादा 73 बार नॉट आउट रहने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं।
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