दिल्ली हाईकोर्ट ने राजद्रोह और यूएपीए के आरोपों समेत साल 2020 के सांप्रदायिक दंगों के मामले के संबंध में जमानत देने का अनुरोध करने वाले छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम की याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खुलासा किया है कि हाल ही में गिरफ्तार किए गए तीन ISIS के संदिग्ध आतंकियों में से एक का कनेक्शन दिल्ली दंगों से निकला है। इतना ही नहीं इस संदिग्ध आतंकी की जेल में बंद शरजील इमाम से भी दोस्ती सामने आई है।
शरजील इमाम देशद्रोह मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान शरजील इमाम के वकील ने कहा कि शरजील ने अपनी कुल सजा की आधी अवधी को पूरा कर लिया है, ऐसे में वह जमानत पाने का वैधानिक हकदार है।
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जामिया हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम और आसिफ तन्हा को आरोप मुक्त कर दिया है। लेकिन वे अभी जेल में ही रहेंगे।
Sharjeel Imam: राजद्रोह के एक मामले में शरजील इमाम को आज दिल्ली की एक अदालत से जमानत मिल गई। लेकिन शरजील को अभी जेल में ही रहना होगा। इमाम को दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों की साजिश के मामले में अभी तक जमानत नहीं मिली है।
Sharjeel Imam: तिहाड़ जेल में बंद जेएनयू के शोधार्थी और दिल्ली साम्प्रदायिक दंगों के आरोपी शरजील इमाम की कोठरी से जेल प्राधिकारियों को ऐसा सामान मिला है जो जेल में प्रतिबंधित है।
Sharjeel Imam: JNU के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने सोमवार को दिल्ली के हाई कोर्ट में अपनी जान को लेकर गुहार लगाई है। इमाम ने दावा किया कि जेल में उसकी जान को खतरा है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार इमाम ने 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित रूप से भाषण दिये थे।
पुलिस के मुताबिक शरजील इमाम ने 13 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 जनवरी 2020 को यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया दिया। फिलहाल वो दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है।
शरजील की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह ने कहा, “किसी भी मामले में वह भाषण उत्तर प्रदेश राज्य के भीतर दिया गया और अलीगढ़ में दिए गए भाषण के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
दिल्ली पुलिस ने मामले में इमाम के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने कथित तौर पर केंद्र सरकार के प्रति नफरत, अवमानना और असंतोष को भड़काने वाले भाषण दिए और लोगों को भड़काया जिसके कारण दिसंबर 2019 में हिंसा हुई।
सुनवाई के दौरान, प्रसाद ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल में इमाम द्वारा जनवरी 2020 में दिए गए भाषण को पढ़ा।
इमाम को 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में उनके कथित भाषण को लेकर गिरफ्तार किया गया था।
जब संसद ने नए कृषि कानूनों को मंजूरी दी, तो इन वामपंथी नेताओं ने भोले-भाले किसानों को भड़काया और आंदोलन पर अपना कब्जा कर लिया।
किसान नेताओं को समझना होगा कि जब तक इस तरह के राष्ट्रविरोधी तत्व अपने स्वार्थ के चलते किसानों के बीच मौजूद हैं, तब तक कोई रास्ता नहीं निकलेगा।
इंडिया टीवी ने सबसे पहले ये खबर दिखाई थी और दिखाया था कि कैसे टीकरी बॉर्डर पर कुछ लोग किसानों को मंच से आंदोलन को हाईजैक कर रहे हैं। आज कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के मंच पर दिल्ली दंगे के आरोपियों के पोस्टर लगाए जाने पर सवाल उठाया है।
शाहीन बाग का धरना हो, जाफराबाद का प्रोटेस्ट हो, अलीगढ़ के छात्रों का विरोध हो, या भारत के कुछ अन्य शहरों में हो रहे प्रदर्शन हों, सभी एक ही तरह की कहानी कहते हैं।
दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस ने पूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें शरजील इमाम और उमर खालिद को लेकर पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
जेएनयू के शाोधछात्र शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल एक नए आरोपपत्र में दावा किया गया है कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने के लिए जीतोड़ कोशिश कर रहा था।
उच्चतम न्यायालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के विद्यार्थी एवं संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी कार्यकर्ता शरजील इमाम की याचिका पर सुनवाई बुधवार को अगले दो हफ्ते के लिए स्थगित कर दी।
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